News Hindu Global

Hindi Cinema:हनी ट्रैप में फंसा भारतीय अधिकारी -कैसे बचाया खुद को -देखिये रोमांचक जासूसी फिल्म ‘उलझ’

रोमांचक है ये जासूसी थ्रिलर मूवी

रोमांचक है ये जासूसी थ्रिलर मूवी

उलझ (2024)

बढ़िया फ़िल्म है उलझ। जासूसी सस्पेंस थ्रिलर फ़िल्म जो अंत तक अपनी पकड़ बनाए रखने में कामयाब है। सुहाना भाटिया (जाह्नवी कपूर) एक हाई प्रोफाइल राजनयिक परिवार से हैं।

फ़िल्म की शुरुआत में ही दिखाया है कि जाह्नवी को इंग्लैंड में भारतीय दूतावास में डिप्टी कमिश्नर के पद पर भेजा जाता है जबकि उनके पिता (आदिल हुसैन) को यूनाइटेड नेशंस में परमानेंट भारतीय प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त किया जाना है।

जाह्नवी के साथ वहाँ पहुँचते पर एक के बाद ऐसी घटनाएं घटती हैं कि वे विरोधी देशों के एजेंट्स के बिछाए जाल में फंसती चली जाती हैं।

हनी ट्रेप का शिकार होकर सुहाना न चाहते हुए भी उनके हाथों की कठपुतली बन जाती हैं जिनके तार आतंकवाद से जुड़ते हैं। बाकी डिटेल्स बताना उचित नहीं केवल इतना ही कि मस्ट वॉच मूवी है। जाह्नवी, गुलशन देवैया, रोशन मैथ्यू, आदिल हुसैन, राजेश तैलंग, राजेन्द्र गुप्ता जी और छोटी सी भूमिकाओं में चांग और साक्षी तंवर का काम बढ़िया है।

इसे भी पढ़ें :शून्य भी कुछ कहता है -देखिये ‘निल बटे सन्नाटा’

फालतू का एक्शन नहीं है, फ़िल्म फिजूल में घुमाती नहीं है, और फ़िल्म में अंत तक सस्पेंस के प्रति रुचि बनी रहती है। चाहें तो नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं।

एक बात जोड़ना चाहूँगी, जाह्नवी नेपो किड के टैग से ऊपर उठकर काम कर रही हैं। उनका फ़िल्म चयन बढ़िया होता जा रहा है। गुलशन देवैया मुझे बहुत प्रभावित कर रहे हैं। लगातार दो फिल्मों में (उलझ और फुट फेयरी) उन्हें देखना सुखद रहा।

A Gripping Suspense Thriller!

आइये संक्षेप में एक नज़र फिल्म की कहानी पर डालते हैं – फ़िल्म उलझ की कहानी एक युवा आईएफ़एस अधिकारी सुहाना भाटिया (जान्हवी कपूर) के इर्द-गिर्द घूमती है:

सुहाना के दादा भारत के प्रसिद्ध डिप्लोमैट थे और उनके पिता भी बड़े डिप्लोमेट हैं.सुहाना को लंदन में भारतीय उच्चायोग की सबसे युवा डिप्टी हाई कमिश्नर बनाया जाता है. सुहाना की मुलाकात एक पार्टी में नकुल शर्मा (गुलशन देवैया) से होती है. सुहाना नकुल से इंप्रेस हो जाती है और दोनों इंटीमेट हो जाते हैं.

नकुल असल में पाकिस्तानी आइएसआइ एजेंट मुहम्मद हुमायूं अख़्तर होता है. नकुल सुहाना के प्राइवेट वीडियो के आधार पर उसे ब्लैकमेल करता है और गोपनीय सूचनाएं हासिल करने लगता है.

सुहाना इस जाल में फंस जाती है और लोकलाज के भय से उसकी मांगों को पूरा करती है. सूचनाएं लीक होने पर भारतीय खुफ़िया एजेंसी रॉ उसकी जांच में जुटती है. जांच का जिम्मा सुहाना को दिया जाता है.

सुहाना कैसे इस जाल से बाहर निकलती है, यह जानने के लिए आपको फ़िल्म देखनी होगी.

(सोशल मीडिया से सधन्यवाद)

Exit mobile version