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मैं उम्र बताना नहीं चाहती !

i am evergreen.Age is just a number.I want to enjoy each n every moment of life!!

कितने साल की हो गयी मैं,यह सोच कर क्या करना?कितनी उम्र और बची है, उसको जी भर जीना चाहती हूँ.

 

मैं उम्र बताना नहीं चाहती हूँ
जब भी यह सवाल कोई पूछता है
मैं सोच में पड़ जाती हूँ
बात यह नहीं, कि मैं
उम्र बताना नहीं चाहती हूँ
बात तो यह है कि
मैं हर उम्र के पड़ाव को
फिर से जीना चाहती हूँ
इसलिए जबाब नहीं दे पाती हूँ
मेरे हिसाब से तो उम्र
बस एक संख्या ही है
जब मैं बच्चो के साथ बैठ
कार्टून फिल्म देखती हूँ
उन्ही की, हम उम्र हो जाती हूँ
उन्ही की तरह खुश होती हूँ
मैं भी तब सात-आठ साल की होती हूँ
और जब गाने की धुन में पैर थिरकाती हूँ
तब मैं किशोरी बन जाती हूँ
जब बड़ो के पास बैठ गप्पे सुनती हूँ
उनकी ही तरह, सोचने लगती हूँ
दरअसल मैं एकसाथ
हर उम्र को जीना चाहती हूँ
इसमें गलत ही क्या है
क्या कभी किसी ने
सूरज की रौशनी या
चाँद की चांदनी, से उम्र पूछी
या फिर कल-कल करती
बहती नदी की धारा से उम्र फिर मुझसे ही क्यों
बदलते रहना प्रकृति का नियम है
मैं भी अपने आप को
समय के साथ बदल रही हूँ
आज के हिसाब से
ढलने की कोशिश कर रही हूँ
कितने साल की हो गयी मैं
यह सोच कर क्या करना
कितनी उम्र और बची है
उसको जी भर जीना चाहती हूँ
एकदिन सब को यहाँ से विदा लेना है
वह पल, किसी के भी जीवन में
कभी भी आ सकता है
फिर क्यों न हम
हर पल को मुठ्ठी में भर के जी लें
हर उम्र को फिर से, एक बार जी लें !

* अज्ञात

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