(हास्य कम व्यंग्य अधिक)
Delhi Elections 2025: दिल्ली का लाडला अब करने जा रहा है फिर से धमाल. केजरी चाल सीक्वल २ जल्दी आ रही है. यदि नहीं समझे आप तो हम समझाते हैं.चुनाव होने वाले हैं दिल्ली में अगले साल की फ़रवरी को परंतु केजरीवाल को कोई फ़िक्र नहीं. टोपी उसी की जिसका सर . दिल्ली का बस एक ही हिटलर है. वो हैं श्री श्री केजरीचाल , हमारा मतलब है दिल्ली का दुलारा केज़रीवाल.
कितना है दम?
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केजरीवाल की चालों में है कितना दम अब देखेंगे बीजेपी वाले. माना कि कोई किसी से कम नहीं मगर दिल्ली के लाडले को धूल चटाना इतना भी आसान नहीं है. कोरोना काल में जो कमाल दिखाया केजरीचाल ने अब उससे भी बड़ा कुछ सोचा है केजरीवाल ने. चालों की कमी नहीं एक से बढ़ कर एक प्लान हैं केजरीवाल के पिटारे में जो बीजेपी को कर सकती है चारों खाने चित.
दो-मुँही योजना
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आप सोच रहे होंगे वो कैसे?प्लान की दुकान केजरीवाल ने बनाई है दो-मुँही योजना.ऐसी योजना बनाई है कि फेल होने का कोई चांस नहीं. मोदी है सामने परंतु केजरीवाल ठहरे दिल्ली के बाल-गोपाल. बनाई है ऐसी चाल. आज investment कल कमाई.
केजरी की क्षेत्रीय लोकप्रियता मोदी की राष्ट्रीयता पर भारी पड़ गई. बड़े मियाँ तो बड़े मियाँ छोटे मियाँ सुबहान अल्लाह. केजरीवाल की तूती मचाएगी हल्ला.
केजरीवाल का कंप्यूटर
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केजरीवाल ने बनाई है ऐसी दो मुँही योजना जिसका तोड़ मोदी सरकार के पास भी नहीं यानि केजरीवाल किसी से कम नहीं. दिल्ली के राजा केज़रीवाल ने इस बार ऐसी चाल सोची है कि सुन कर आपके तोते उड़ जाएँगें.
पहली चाल चल चुके केजरीलाल ने बीजेपी पार्टी को उसमें इस कदर उलझा दिया है कि सब के सब अपने सर धुन रहे हैं . केजरी माया से पार पाना आसान नहीं है , कोई कलकत्ते का पान नहीं है कि मुँह में धरा और करने लगे चबर-चबर.ख़ैर यदि चाल नंबर वन कमाल ना दिखा पाई तो दूसरा हुकुम का इक्का भी है दिल्ली के लाडले के पास.
चाचा चौधरी से भी यानि मोदी से भी तेज़ चलता है केजरी का दिमाग़.उनके प्लान में मफ़लर, टोपी, झाड़ू से ले कर शराब जैसी तुच्छ चीज़ भी शामिल हो सकती है. केजरीवाल का दिमाग़ है कोई मज़ाक़ थोड़े ही है.
कैसे काम करेगा केजरीवाल का प्लान
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अब आप अवश्य सोच रहे होंगे कि आख़िर केजरी करेंगें क्या? यही तो वो असल बात है जिसे बीजेपी के बड़े से बड़े सूरमा भी नहीं समझ पा रहे. मान लीजिए केजरीवाल की पहली चाल का हल ढूँढते बीजेपी दिग्गज इसके निकट पहुँच भी गए मगर केज़रीवाल की दूसरी ख़ुफ़िया योजना से बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.हाँ ऐसे ही दिल्ली के राजा नहीं हैं केजरीवाल.
क्या बीजेपी इस चाल का देगी मुँह-तोड़ जवाब?
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सूत्रों की मानें तो इस बार केजरीवाल की चाल नंबर टू सौ प्रतिशत होगी सफल क्योंकि इसमें लगाई है दिल्ली के लाडले ने विशेष अकल. केजरीवाल की चाल नंबर टू करेगी मोदी खाने को चित ऐसा माना जा रहा है. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन-सा अलादीन का चिराग़ हाथ लगा है केजरीवाले के?
तब तो आपने दिल्ली के दुलारे को पहचाना नहीं. आपको याद होगी कोरोना काल में केजरी की दरियादिली.गली-गली खुली थी सिर्फ़ शराब की दुकानें.इस बार भी दुलारे केजरीवाल ने अपनी दो मुँही योजना में यही तड़का लगाया है. पहली योजना में दिल्ली की हर महिला के दिल को जीतने की स्कीम है. सभी माताओं और बहनों को मिलेंगे सौ-सौ के दस हरे-हरे नोट हर महीने उनके खाते में . वो भी पाँच साल तक.
केजरीवाल की चाणक्य–नीति
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यही है चाणक्य- नीति. सीधे हेड-ऑफिस का दरवाज़ा ही खटखटा डालने की योजना है मगर इस योजना में कुछ किंतु-परंतु हो भी जाए फिर भी चाल नंबर टू का तो कोई तोड़ ही नहीं, गारंटी है लिख कर बता रहें हैं .फ्री के बिजली, पानी से भी ज़्यादा ये योजना दिखाएगी कमाल. एक तीर से दो नहीं कई निशाने.प्रतिमाह गृहणियों के खाते में जब होंगे रुपये हज़ार तो वोट भी मिलेंगे लगातार माताओं के.
ये है केजरीवाल का दिमाग़ !! अब लाडले को दिल्ली की आँखों का तारा बनने से कोई नहीं रोक सकता जी.
केजरीचाल का प्रभाव
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परंतु opposition वालों को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए.केजरीचाल को मात देने के लिए बीजेपी भी चल सकती है महाचाल.दिल्ली की हर महिला के पति को दे सकती है बैठे-बिठाए दो-दो हज़ार . इससे होगा ये कि सारे पुरुष देने जायेंगे वोट कमल (बीजेपी) को और वर्ल्ड वॉर छिड़ जाएगी पति-पत्नी के बीच. होगी संवादों की बहस और पटका-पटकी. जलती-कुढ़ती महिलायें नहीं जायेंगी लाडले को वोट देने और सभी पुरुष देंगे बीजेपी को वोट.
ऐसा ही कमाल दिखाया था एमपी वाले मामाजी शिवराज चौहान ने लाडली-बहन योजना बनाकर. सारे प्रदेशों की बहनों ने मिलकर भाई को वोटों के लड्डू खिलाकर बिठा दिया सीएम की राजगद्दी पर. इसी चाल को अपना कर जीतेंगे दिल्ली के लाल केजरीवाल.
केजरीवाल का “ट्रम्प–कार्ड”
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परंतु आम आदमी पार्टी कोई पेड़ा तो है नहीं कि गप्प से खाये और गर्र से चल दिये.बीजेपी की इसी चाल को नाकामयाब करने के लिए केजरीचाल ने हाथ में रखा है तुरुप का इक्का.जिसका इस्तेमाल करेंगे वो चुनाव प्रचार के आख़िरी दिन ताकि बीजेपी को कुछ सोचने-समझने का मौक़ा ही ना मिले.
चाल का कमाल
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अब हम आपको बतायेंगे ये महा-केजरीचाल है क्या? और इस योजना का असर जनता-जनार्दन पर क्या दिखेगा.यदि ये महा दिमाग़ की उपज केजरीवाल योजना कार्यान्वित हो गई तो दिल्ली से ग़रीबी और भूखमरी रातों-रात ग़ायब हो जाएगी. चोरी, धोखाधड़ी जैसे अपराध जड़ से ख़त्म हो जाएँगे और पूरे देश की जनता का तब एक ही नारा होगा -“चलो दिल्ली”.
लाडले केजरीवाल की होगी जय-जयकार.बन जाएँगे केजरीवाल इस योजना को अपना कर दिल्ली के सरदार!
लेकिन हमने आपको अभी तक ये तो बताया ही नहीं कि आख़िर चुनाव प्रचार के अंतिम दिन क्या ऐसा करने वाली है केजरी सरकार.आम आदमी पार्टी लेगी दिल्ली की महिलाओं को अपने विश्वास में. हर महीने एक हज़ार रुपए उनके खाते में डाले जाएँगे पाँच वर्षों तक. ये पंचवर्षीय वादा तब निभाया जाएगा जब दिल्ली की महिलायें अपने छद्मी भाई केजरीवाल को देंगीं वोट .बदले में मिलेंगे प्रतिमास हरे-हरे दस नोट.
कहाँ से आएगा इतना पैसा ?
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हमारा ख़ुराफ़ाती दिमाग़ भी विचारों के घोड़े सरपट दौड़ाने लगा.
दिमाग़ की फैक्ट्री में प्रश्न कौंधा कि इतना पैसा आएगा कहाँ से?क्या कोई नोट छापने की मशीन लगा ली है पप्पू से सलाह-मशविरा करके जो माहिर हैं आलूसे सोना बनाने में और खेत में जलेबी उगाने में. सब कुछ मुमकिन है . जब फ्री की बिजली पानी कहाँ से आती थी नहीं सोचा तो अब सोच कर हम भी कौन-सा झंडा गाड़ लेंगे.
सीधा-सा हिसाब है . दिल्ली की आबादी है क़रीबन डेढ़ करोड़. जिसमें पचास लाख की आबादी महिलाओं की है. अब यदि दस महिलाओं को प्रतिमाह एक हज़ार के हिसाब से मिलते हैं दस हज़ार तो पचास लाख महिलाओं को हर माह कुल पचास अरब रुपए देंगे महा-केजरीवाल. आप क्यों चिंता करते हैं पैसे वहीं से आयेंगे जहां से पहले आते थे . आप आम खाइए गुठलियाँ मत गिनिये.घर बैठे कमाई देने वाले इस चतुर-चंपक महान केजरीचाल को दिल्ली की जनता बैठायेगी ही सर-आँखों पर और कहेगी “जय हो केजरीचाल”.केजरीवाल की पार्टी हो जाएगी निहाल. बीजेपी होगी ठन-ठन-गोपाल!
अगले सौ वर्षों तक होगी फिर केजरी की सरकार.बना रहेगा केजरी दिल्ली का इकलौता सरदार !
.अंजू डोकानिया