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RSS के पांच दिवसीय ‘प्रचारक प्रशिक्षण’ शिविर का साक्षी बना Gwalior

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सम्पन्न हुआ Rashtriya Swayamsevak Sangh का पांच दिवसीय ‘प्रचारक प्रशिक्षण’ शिविर.

संघ का यह पांच दिवसीय विचार मंथन प्रशिक्षण शिविर ग्वालियर में सोमवार को संपन्न हो गया. ‘प्रचारक प्रशिक्षण’ के प्रयोजन से आयोजित हुए इस प्रशिक्षण शिविर का हिंदू समाज में सामाजिक समरसता लाने के आरएसएस के लक्ष्य को जमीनी स्तर पर आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ-साथ हर घर तक ले जाने की शपथ के समारोह के साथ समापन हुआ.

भोपाल के आरएसएस पदाधिकारी ने मीडिया को जानकारी दी कि अंतिम दिन आरएसएस के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने आमने-सामने चर्चा की जहां प्रचारकों के सामने आने पेश आने वाली चुनौतियों परविचार किया गया.

ग्वालियर के केदार धाम सरस्वती शिशु मंदिर में 31 अक्टूबर को पांच दिवसीय आरएसएस प्रचारक प्रशिक्षण शिविर का श्रीगणेश हुआ. देशभर से चल कर आये 550 प्प्रचारकों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया. ये सभी संघ से जुड़े 31 संगठनों के प्रतिनिधि थे.

इस बार प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य विभिन्न संगठनों में कार्य कर रहे प्रचारकों की कार्यप्रणाली और कौशल का मार्गदर्शन करना था. इसमें संघ प्रचारकों के समक्ष आने वाली चुनौतियों के समाधान के माध्यम से संघ के विस्तार का मार्ग प्रशस्त करना था. इस शिविर में आरएसएस की संचालन रणनीतियों समेत कई मुख्य विषयों पर विचार किया गया.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित कई गणमान्य पदाधिकारियों ने प्रत्येक सत्र को संबोधित किया. इन व्याख्यानों में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य की चर्चा हुई, आज के युवाओं का राष्ट्रवाद के प्रति झुकाव और इस तरह के विविध महत्वपूर्ण विषयों पर सम्बोधन के माध्यम से स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन हुआ.

शिविर के द्वितीय दिन अपने संबोधन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सभी प्रचारकों से हिंदू समाज में सामाजिक समरसता लाने के लक्ष्य को जमीनी स्तर के साथ-साथ देश के हर घर तक पहुंचाने की दिशा में अग्रसर होने को प्रेरित किया.

सरसंघचालक भागवत के अलावा आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले तथा संघ के विभिन्न शीर्ष पदाधिकारियों ने भी सत्रों को संबोधित किया और संघ द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे रचनात्मक और राष्ट्रनिर्माण के कार्यों पर चर्चा की.

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नियमित रूप से अपने प्रचारकों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करता है. प्रत्येक पांच वर्षों में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस), आरोग्य भारती, प्रज्ञा प्रवाह एवं भारतीय चित्र साधना जैसे संघ के अन्य आनुषांगिक संगठनों के संगठनात्मक सचिवों के लिए संघ द्वारा विचार शिविर आयोजित किये जाते हैं.

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