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Sanskrit: “आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान” ने किया भारतरत्न पं. मदन मोहन मालवीय &अटल बिहारी वाजपेयी जयन्ती समारोह का आयोजन

आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान

आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान

सर्वत्र संस्कृतम् एवं विहार संस्कृत संजीवन समाज, पटना के तत्वावधान में “आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान” के अन्तर्गत भारतरत्न पं. मदन मोहन मालवीय एवं श्री अटल बिहारी वाजपेयी जयन्ती समारोह का आयोजन 25 दिसम्बर को अति भव्य रूप से किया गया।

यह समारोह संस्कृत भाषा, भारतीय संस्कृति और इन महान विभूतियों के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु आयोजित किया गया।

डॉ. मुकेश कुमार ओझा, जो इस अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विहार संस्कृत संजीवन समाज के महासचिव हैं, ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा, “पं. मदन मोहन मालवीय और श्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे व्यक्तित्वों ने अपने जीवन से राष्ट्र निर्माण और संस्कृत भाषा को समर्पित किया। उनका योगदान हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।

जयंती समारोह का उद्घाटन करते हुए संस्कृतज्ञ डा अनिल कुमार सिंह, सचिव, गृह विभाग उत्तर प्रदेश शासन एवं अभियान के प्रधान संरक्षक ने इन महापुरुषों के जीवन मूल्यों और उनकी राष्ट्रीय सेवाओं पर प्रकाश डालते हुए संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए उनके योगदान को रेखांकित किया तथा कहा कि यह धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए पथप्रदर्शक है।”

इस अवसर पर विविध वक्ताओं यथा डॉ. अनिल कुमार चौबे, शैलेन्द्र कुमार सिंहा, डॉ कुमारी निमिषा, डॉ लीना चौहान, डॉ उषा यादव, डॉ अवंतिका कुमारी, डॉ महेश केवट, पवन छेत्री आदि ने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार में इन महापुरुषों के योगदान को स्मरण किया और आधुनिक भारत में संस्कृत की प्रासंगिकता पर जोर दिया।

समारोह में विद्वानों और संस्कृत प्रेमियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और संस्कृत भाषा के माध्यम से राष्ट्रभक्ति और संस्कृति को नई दिशा देने का संकल्प लिया। पं. मदन मोहन मालवीय ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को नई दिशा दी, और श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति में शुचिता और संस्कार की स्थापना की।

कार्यक्रम का संचालन पिंटू कुमार, संस्कृत विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधार्थी, ने अत्यंत प्रभावशाली ढंग से किया।

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