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धर्म और राष्ट्र की ये पुस्तकें हैं बहुमूल्य – पढ़िए और पढ़ाइये !

धर्म को जानिये और अस्तित्व को बचाइए !

हिन्दू धर्म मूल रूप से सनातन धर्म है क्योंकि यह धर्म की सनातन परम्परा है. इस परम्परा में देश ने जहां ऋषि, महर्षि, राजर्षि, ब्रम्हर्षि देखे हैं, वहीं समाज के संत भी देखे. बात करें हम स्वामी विवेकानंद की या स्वामी दयानन्द की – आप दोनों समाज के ऋषि रहे हैं और आपके धर्म संदेश पीढ़ियों से पीढ़ियों तक प्रेरणा के सूत्र बनेंगे.

आर्यसमाज के संस्थापक और हिन्दू धर्म को भाँति-भाँति की कुरीतियों से बचाने वाले स्वामी दयानन्द ने अपने कुल तैंतीस वर्ष के स्वल्प जीवन काल में राष्ट्र, धर्म और समाज के लिए अनुपम योगदान दिया है. आमजनों हेतु उनका एक संदेश सदा ही स्मरणीय रहेगा – धर्म को जानिये!

स्वामी दयानन्द कहते थे – धर्म को जानिए। भावी भारत और विश्व में हिन्दू के अस्तित्व की रक्षा केवल तार्किक और वास्तविक ऐतिहासिक ज्ञान से ही होगी.

उनके संदेश के निहितार्थ पर कार्य करते हुए सनातन धर्म को विषय वस्तु बना कर अनेकों पुस्तकों का प्रकाशन हुआ है जो मूल रूप से ज्ञान की गंगा हैं आने वाली पीढ़ियों के लिए.

आज यदि हम हिन्दू अस्तित्वमान हैं तो इसके पीछे सैंकड़ों वर्षों का संघर्ष और बलिदान है। इसी बलिदान की परम्परा को जानने के लिए उपयोगी हैं कुछ पुस्तकें जो हर हिन्दू घर में पढ़ी जानी चाहिए.

ऐसी ही कुछ पुस्तकें यहां आप सभी सुधि पाठकों के अवलोकनार्थ प्रस्तुत हैं. अत्यंत अल्प मूल्य में ये पुस्तकें राष्ट्र-धर्म-संस्कृति के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से प्रकाशित की गई हैं जो आपके लिए और आपके बच्चों के लिए भी बहुमूल्य सिद्ध होंगी.

1- धर्म बलिदानियों को जानिए (मूल्य -₹८०)
2 – हिन्दू जागरण (मूल्य -₹१२५)
3- हिन्दू राष्ट्र (मूल्य -₹५०)
4- मैं हिन्दू हूँ! (मूल्य -₹६०)
5 – हिन्दू संगठन – क्यों और कैसे ? (मूल्य – ₹२०)

पांचों पुस्तकें एक साथ मंगाने पर कुल देने होंगे – ₹350 (डाक खर्च सहित)

मंगवाने के लिए 7015591564 पर वाट्सएप द्वारा सम्पर्क करें।

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