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ये इश्क है अपना जिन्दा है!

ये इश्क है अपना ज़िन्दा है !!

ख्वाब नहीं के सच होगा
ये इश्क है अपना ज़िन्दा है !!

खामोश शज़र के माथे पर
एहसास का एक परिन्दा है !!

उल्फत का ये काफ़िर भी
उसी खुदा का बन्दा है !!

चाह है करवा चौथ के जैसी
दिल आसमान पे चन्दा है !!

वो सड़क किनारे भूखा है
ये कहते हैं धंधा है !!

पाप नहीं है पाक है ये
तू प्यार पे क्यूँ शर्मिन्दा है !!

ख्वाब नहीं के सच होगा
ये इश्क है अपना ज़िन्दा है !!

(पारिजात)

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