Wednesday, January 22, 2025
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abhimaan-The Pride(Film Review)

फिल्म अभिमान में 7 गाने थे। स्त्री-स्वर के सभी गीत लता जी ने गाए थे। पुरुष-स्वर हालाँकि अमिताभ बच्चन के लिए था, किन्तु तीन भिन्न गायकों ने उनके गाने गए- रफ़ी साहब, किशोर कुमार और मनहर उधास। फिल्म की कहानी यह थी कि गायिका गायक से अधिक प्रतिभाशाली है, जो कि पति-पत्नी भी हैं। इससे पति हीनता-ग्रं​थि से भरकर कुंठाग्रस्त हो जाता है। किन्तु प्रकारान्तर से इसका यह भी आशय निकलता था कि लता जी की तुलना में रफ़ी साहब और किशोर कुमार हीन गायक हैं!

जब इन दोनों क़द्दावरों ने अभिमान के गाने गाए, तब पता नहीं उन्हें फिल्म की इस कहानी के बारे में मालूम होगा या नहीं। किन्तु जब फिल्म रिलीज़ हो गई तब तो उन तक ख़बर पहुँची ही होगी। उन्होंने कोई आपत्ति नहीं ली।

एक गीत के बोल थे- तेरी बिंदिया रे। यह रफ़ी साहब और लता जी का दोगाना है। दृश्य यह था कि नवयुगल दम्पती एक जलसे में गाना गाकर सुनाते हैं (अमिताभ और जया भी तब नवयुगल ही थे, दोनों में कौन अधिक प्रतिभाशाली है यह विवाद का विषय है, पर मैं कहूँगा- जया)। गाना समाप्त होने पर डेविड कहते हैं कि सुबीर और उमा अगर एक साथ गाना ना गाएँ तो ही बेहतर है, क्योंकि उमा अधिक प्रतिभाशाली हैं और इससे सुबीर के अहंकार को ठेस लगेगी। तब डेविड प्रकारान्तर से यह कह रहे थे कि लता जी रफ़ी साहब से अधिक प्रतिभाशाली हैं। यह दृश्य विवाद का विषय बन सकता था अगर रफ़ी साहब में बड़ा इगो होता।

आप कल्पना कर सकते थे कि गायिका को गायक से अधिक प्रतिभाशाली जताने के लिए सचिन देव बर्मन पुरुष-स्वर के गीत किसी नवागत या साधारण गायक से गवा देते, वह कहानी के अनुरूप भी होता। किन्तु उन्होंने उस समय के दो सबसे बड़े गायकों को चुना। वे चाहते थे कि उनके द्वारा बाँधी गई धुनें सर्वश्रेष्ठ गायक ही गाएँ। ना तो फिल्म के बनने के दौरान और ना ही फिल्म रिलीज़ होने के बाद रफ़ी साहब या किशोर दा ने इस पर आपत्ति जताई कि उन्हें प्रकारान्तर से हीन गायक क्यों बताया गया।

इतना ही नहीं, कालान्तर में जब लता मंगेशकर पुरस्कार स्थापित किया गया तो इसे नौशाद और अनिल बिस्वास को प्रदान किया गया, जो संगीत के क्षेत्र में लता जी से वरिष्ठ थे और उन्होंने आरम्भ में लता जी को पार्श्वगायन में अवसर दिए थे। दोनों दिग्गजों ने यह पुरस्कार सहर्ष स्वीकारा। स्वयं किशोर कुमार ने लता मंगेशकर अलंकरण बिना किसी दुविधा के स्वीकार किया है।

पुरुष का अभिमान स्त्री-प्रतिभा के समक्ष अंतत: आहत नहीं ही हुआ, फिल्म की कहानी को हक़ीक़त में इन मूर्धन्यों ने झुठला दिया!

  • सुशोभित

Anju Dokania
Anju Dokania
Anju Dokania, from Kathmandu, Nepal, is a seasoned writer and presenter with extensive experience in journalism. Currently, she serves as the Executive Editor at Radio Hindustan and News Hindu Global, leveraging her expertise to deliver impactful and insightful content.

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