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Health: लंबी ज़िंदगी चाहिए तो आइये चलिए!

अपनी सभी उन आदतों का तर्पण करके जिनसे आपका स्वास्थ्य बिगड़ता है और उन प्रयासों का संकल्प कर चलना जो आपके जीवन को बेहतर और दीर्घायु बनाती है .

स्वस्थ और निरोगी काया हो तो जीना किसे पसंद न होगा. हर किसी को ऐसा जीवन रास आता है.क्या आप भी ऐसी चाहत रखने वालों में से एक है? अगर ऐसा है तो हम आपके साथ कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे जिससे आपका जीवन होगा स्वस्थ,सुंदर और रोग रहित .

पूरे संसार में ऐसा कोई नहीं जो इस दौड़ में शामिल नहीं. लोग भाँति-भाँति के उपाय और नुस्ख़े अपनाते हैं दीर्घायु होने के लिए . इस दिशा में डॉक्टर और वैज्ञानिक भी कार्य कर रहे हैं . दीर्घायु और चिर युवा हर कोई रहना चाहता हैं इसलिए यही इनके रिसर्च का मुख्य बिंदु है. अब ये चाहत केवल बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ और स्पोर्ट्स जैसे खास वर्ग से जुड़े करियर ओरिएंटेड लोगों तक ही सीमित नहीं. अब समाज का एक बड़ा हिस्सा भी यही इच्छा रखता है कि वे सभी स्वस्थ और निरोगी जीवन जियें.

आँकड़ों और शोध के आधार

हम आपके लिये एक शुभ समाचार ले कर आयें हैं. स्वास्थ्य शोधकों (वैज्ञानिक) ने आँकड़ों और शोध के आधार पर हमारे जीवन की अवधि का पूर्व अनुमान लगाने के लिए जो विश्लेषण किए. उससे आश्चर्यजनक परिणाम मिले हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो अब स्वस्थ और लंबा जीवन जीने के लिए आपको महँगे जिम और डाइट प्लान , हेल्थ क्लब, जॉइन करने की आवश्यकता नहीं. अब आपको करना है बहुत ही आसान काम जो ना आपकी जेब हल्की करेगा और ना ही समय व्यर्थ करेगा .

हींग लगे ना फिटकरी

हम दावे से कह सकते हैं कि यदि आपने ये काम कर लिया तो आपको और कुछ करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और आप एक स्वस्थ,सुखमय और तनाव रहित लंबा जीवन जी सकेंगे मतलब “हींग लगे ना फिटकरी रंग भी चोखा होय”.

एलेक्स हचिंसन का शोध है ये

एलेक्स हचिंसन ‘स्वेट साइंस’ नामक स्तंभ के लेखक हैं और एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पत्रकार भी. आउटडोर खेलों को अपने शोध की विषय-वस्तु बना कर इन्होंने आश्चर्यजनक जीवनदायिनी शोध तैयार किया है जो कि अति प्रशंसनीय है . इसके लिए नोबल पुरस्कार जैसे सम्मान के अधिकारी भी हैं एलेक्स हचिंसन. अब प्रश्न ये उठता है कि हम अपनी लंबी उम्र का अनुमान कैसे लगाएँगें?

दो विकल्प हैं अहम

इसके दो विकल्प हैं. प्रथम विकल्प में हम डॉक्टरों के लिखे परीक्षणों के परिणाम द्वारा अपने शरीर के अंदरूनी स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त करते हैं जैसे बीपी(ब्लड प्रेशर), कोलेस्ट्रॉल. थायरॉयड, वजन इत्यादि. इनसे हमें इनकी हमारे शरीर में कमी या अधिकता का मालूम पड़ता है और हम अपने जीवन की अवधि का पूर्वानुमान कर सकते हैं. फिर डॉक्टर की सलाह से अपने ख़ान-पान तथा आदतों में कुछ परिवर्तन करते हैं परंतु दीर्घायु होने के लिए सिर्फ़ इतना काफ़ी नहीं और ये हमारी आदतों की जड़ तक भी नहीं पहुँच पाते .

WALK FOR LONGEVITY
अधिक आसान है ये

दूसरा विकल्प अधिक आसान है जिसे अपना कर आप महँगे मेडिकल टेस्टों के ख़र्चों से बच सकते हैं और स्वयं ही अपने देह की अंदरूनी और बाहरी स्वास्थ्य समस्याओं को जान सकते हैं. इसे अपना कर आप अपने जीवन-अवधि को लंबा कर सकते हैं . इसके भी दो तरीक़े हैं.

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ये है पहला तरीक़ा 

हला तरीक़ा है आप भी वो करिए जो सभी कर रहे हैं मगर आप नहीं कर रहे. दूसरा तरीक़ा है स्वास्थ्य के नियमों का पालन और लोगों की अपेक्षा ज़्यादा गंभीरता से करें यानि अपने स्वास्थ्य के चढ़ते-उतरते पारे की जाँच आप स्वयं गंभीरता से करते रहें और कुछ ही समय में आपको अपने स्वास्थ्य की हालत का पता लग जाएगा फिर जीवन को सही दिशा देने के प्रयास में आपको जुटना है . अपनी सभी उन आदतों का तर्पण करके जिनसे आपका स्वास्थ्य बिगड़ता है और उन प्रयासों का संकल्प कर चलना जो आपके जीवन को बेहतर और दीर्घायु बनाती है.

ये हैं दो विकल्प काम के

यदि ये दोनों ही विकल्प आपको कठिन लग रहे हों तो आप तीसरा और सबसे आसान विकल्प अपना कर अपने जीवन की लंबी यात्रा कर सकते हैं . अपने लम्बे जीवन या दीर्घायु होने की दिशा में आप दो प्रकार के प्रयास कर सकते हैं. पहला तो ये है जो सब करते हैं किन्तु आप नहीं करते. अब आप भी कीजिये और बाक़ियों की तुलना में ज़्यादा बेहतर करें .

तीसरा और आसान मार्ग भी है

इससे आप उन सभी बुरी आदतों से निजात पा सकेंगें जो आपके स्वास्थ्य को बिगाड़ रही है . अगर आपको ये दोनों ही विकल्प कठिन लग रहें हैं तो आप एक तीसरा और आसान मार्ग चुन सकते हैं जिसमें आपको ना कोई मेडिकल परीक्षण कराना होगा , ना कोई डाइट प्लान लेना होगा और ना ही व्यायाम करना है.बस एक कार्य को आरंभ करना है और फिर सदैव उसे करते रहना हैं.

WALKING IS LIVING
जितना चलेंगे उतना जियेंगें

क्रिया से आपको ये पता लग जाएगा कि कौन-से ऐसे तत्व और आदतें हैं जो आपके दीर्घायु होने में बाधक हैं . बाद में उनको त्यागना है और कौन-से ऐसे कारक हैं जो आपके दीर्घायु होने में आपका सहयोग करेंगें तो उनको अपनाना है और नियमित उस पर कार्य करना है.अब इस तीसरे विकल्प में आपको केवल एक ही संकल्प लेना है , “ चलना” है. बस चलते रहना है. जितना चलेंगे उतना जियेंगें. लंबे जीवन के वरदान को पाने हेतु चलना बहुत ज़रूरी है.

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बेहतरीन डेटा authentic भविष्यवाणियों का जन्मदाता

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने शोध करते हुए जो निष्कर्ष निकाला वो ये था कि बेहतरीन डेटा authentic भविष्यवाणियों का जन्मदाता होता है .इसके लिए उन वैज्ञानिकों ने 50-80 वर्ष की आयु वाले 3600 लोगों पर शोध किया. इस लंबी शोध-प्रक्रिया में कुछ लोग मर गए और कुछ जीवित रहे. इन सभी की शारीरिक गतिविधियों और स्वास्थ्य संबंधित बातें उन्होंने अपने रिकॉर्ड बुक में दर्ज की.ये भी ध्यान में रखा गया कि कितने लोग ऐसे कारकों का लगातार जीवन में आलिंगन करते रहते हैं जो उनको मौत के मुँह में ले जा रहा है.

बॉडी मॉस इन्डेक्स को बनाया आधार

शोधकर्ता वैज्ञानिकों ने इसके लिए उनके 14 अच्छे और बुरे कारको का रिकॉर्ड बनाया . इन सभी 3600 लोगों के बुनियादी जनसंख्यायिक जानकारियाँ (आयु, लिंग, बॉडी मास इंडेक्स, जाति या जातीयता, शैक्षिक स्तर), जीवनशैली की आदतें (शराब का सेवन, धूम्रपान) शोध के पूर्व, दौरान और बाद में शोध का आधार बनायी गई जिससे इनका पूर्ण मूल्यांकन हो सके. इन सभी की पहले से उपस्थित चिकित्सा स्थितियों (मधुमेह, हृदय रोग, कंजेस्टिव हार्ट फेलियर, स्ट्रोक, कैंसर, गतिशीलता की समस्याएँ)की भी पूरी जानकारी ली गई थी.

शनैः-शनैः मृत्यु को आमंत्रण

अंत में स्वाथ्य-विशेषज्ञों ने इस शोध का जो निष्कर्ष निकाला वो ये था कि ज़्यादा चलने वाले लोग जीवन की लंबी अवधि की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं ,जो कम चल रहे हैं वो शनैः-शनैः मृत्यु को आमंत्रण दे रहे हैं और जो बिल्कुल नहीं चल रहे उनकी जीवन-यात्रा तो अंत की सतह पर ही है.दूसरे शब्दों में “जीना है तो चलना है”.

WALK OF LIFE
हर रोज़ चलना है!

रुकना या ना चलना आपके जीवन की लंबी अवधि में पूर्ण-विराम लगा देगा इसलिए खूब चलिए.. चलते रहिए क्योंकि चलना ही जीवन है. इतना ही पर्याप्त नहीं है . आपको ये भी देखना है कि आप हर रोज़ कितना चलते हैं और कितनी तेज़ी से चलते हैं यानी आपको अपने चलने की गति पर भी ध्यान देना है.

फिटनेस ट्रैकर उपयोगी हैं

वैसे अच्छी बात ये है कि विज्ञान ने हमें ऐसे-ऐसे फ़िटनेस ट्रैकर उपहारस्वरूप दिये हैं (Apple Watches, Fitbits और Whoop band) जिन्हें हम अपनी कलाई पर बांध कर अपने शारीरिक गतिविधियों को ट्रैक कर सकते हैं और भविष्य में हमारी स्वास्थ्य स्थिति कैसी होगी ये भी बताते हैं. ये फिटनेस ट्रैकर हमें ये संकेत देते हैं कि हमें ख़ुद को फिट और लंबा जीने के लिए क्या करना है.

स्वस्थ भविष्य का निर्माणकर्ता है – WALK

वैसे तो व्यायाम एक अच्छा विकल्प है जो हमें फिट रखने के लिए मदद करता है. लेकिन इससे भी अधिक हमारे स्वस्थ भविष्य का निर्माणकर्ता है – WALK. व्यायाम तो हर कोई कर सकता है मगर सब लोग हर व्यायाम नहीं कर सकते क्योंकि सबकी शारीरिक समस्याएँ एक-दूसरे से भिन्न हैं और कुछ का जीवन दवाइयों पर चलता है तो सबके लिए सारे व्यायाम उचित नहीं. शारीरिक परिस्थितियों के हिसाब से व्यायाम समय-समय पर बदल सकते हैं .

सबसे सस्ता और टिकाऊ तरीक़ा

इसलिए हमें इधर-उधर की बातें को छोड़ कर एक महत्वपूर्ण बात पर अपना ध्यान केंद्रित करना होगा इसलिए जीवन को लंबा चलाने का सबसे सस्ता और टिकाऊ तरीक़ा है “ WALK” यानि चलना . स्वयं से ये प्रश्न करना है कि क्या हमें लंबा जीवन जीना है? तो इसके लिए हर रोज़ चलें. अपनी नियमित दिनचर्या में इसे शामिल करें. ये वो शारीरिक आहार है जिसकी आपको हर दिन ज़रूरत है. चलते रहिए और जीवन की यात्रा लंबे समय तक करते रहिए क्योंकि “ चलना ही जीवन है”.

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