Friday, August 8, 2025
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Sachin Tendulkar: क्रिकेट के भगवान को भी कुछ लोग सेल्फिश प्लेयर कहते हैं !

सचिन की पारियों को सेल्फिश पारियां कहने वाले बड़े नादान है। उनको अभी सचिन को जानने में समय लगेगा। इसलिये सचिन की सेल्फलेस पारियों के बारे में जानना उनके लिये आसान कैसे हो सकता है..

 

सचिन की पारियों को सेल्फिश पारियां कहने वाले बड़े नादान है। उनको अभी सचिन को जानने में समय लगेगा। इसलिये सचिन की सेल्फलेस पारियों के बारे में जानना उनके लिये आसान कैसे हो सकता है। उन्हें जानना चाहिये कि वे इन्सान कैसे थे और खिलाड़ी भी किस मिट्टी के बने थे। सभी को ये जानना ही चाहिये कि वे कितने बड़े सेल्फलेस प्लेयर थे।

समय निकाल कर आप सचिन के और उनके पीक टाइम मे (1995 से 1998) उनके साथ टीम इन्डिया में खेलने वाले खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखिये। चाहे मध्यक्रम के खिलाड़ी हों या शीर्षक्रम के – उनके और सचिन के बीच के प्रदर्शन का अन्तर उनके औसत और स्ट्राइक रेट के अंतर के बीच मे नजर डालने से ही दिख जायेगा क्योंकि इन तीन सालों में सचिन का औसत 61.11, स्ट्राइक रेट 97.72 और शतक 11 का रहा है।

कल्पना करें आप कि जब आपके पास नॉन स्ट्राइकर एन्ड पर ऐसे बल्लेबाज हो तो आप मैच किस तरह जीत सकते हैं। मतलब ये कि जब दूसरी तरफ कमजोर या धीमा खेलने वाले या वास्तव में सेल्फिश खिलाड़ी हों तो मैच जिताने का ठेका तब सिर्फ सचिन ही लेते थे।

आज कल के बच्चों को आप क्रिकेट के लॉकडाउन किड्स कह सकते हैं. ये कहते फिरते हैं कि सचिन जब चलते थे तो भारत जीतती नहीं थी। उनको पता होना चाहिये सचिन अपने समय के अकेले योद्धा थे जिस समय उनका साथ दूसरी तरफ से कोई नहीं देता था।

वो कोई भी खिलाड़ी हो सभी का एक पीक टाइम आता है जिसमें वो शानदार प्रदर्शन करते हैं। सचिन 90 के दशक मे अपने प्रचंड फॉर्म मे थे लेकिन अन्य भारतीय खिलाड़ियों ने उनके पीक टाइम को बर्बाद कर दिया।

सचिन तेन्दुलकर महान क्रिकेटर थे और हमेशा रहेंगे कोई भी उनके आस पास भी नहीं फटक सकता।

सचिन के एक प्रशंसक मनीष पाटीदार का कहना है कि सचिन सर को world मे no 1 मानने वाले खिलाड़ी,विवियन रिचर्ड,ब्रायन लारा,आफरीदी,जयसूर्या,शेन वार्न,सोयब अख्तर सौरव गांगुली आदी सभी बहूत शानदार खिलाड़ी थे परन्तु वे सही को सही मानते थे वे कभी सचिन की स्टार पावर से कभी जले नही. लेकिन एक एक ऑस्ट्रेलिया का महान खिलाड़ी ऐसा था जो सचिन सर से जेलसी फीलिंग्स करता था वो था पोंटिंग!

मनीष आगे कहते हैं कि इसी तरह कुछ लोगो को सचिन मे सेल्फिस प्लेयर नजर आता है पर ये नही दिखता उनके पिताजी के देहांत होने पर भी वर्ल्डकप मे जाकर भारत के लिये शतक बनाते है टूटी कोहनी से भी आस्ट्रेलियन को चने चब्वा देते है कारगिल का बदला 75 गेंद पर 98 रन बनाकर लेते है और ये भी नही दिखता 2011 मे वर्ल्डकप जीत को सभी खिलाड़ी सचिन के लिये बताते है इतनी ग्रेटनेस होने के बाद भी लोग न जाने किस चक्की का आटा खाते है!

तेंडुलकर के एक अन्य प्रशंसक रोहित कुमार का कहना है कि सचिन सर अपने समय के वो उम्दा खिलाड़ी थे, जिसके सिर्फ out होने से भारतीय क्रिकेट प्रेमी टीवी बंद कर देते थे और सामने वाली team ये समझ जाती थी कि वो मैच जीत गए है !

भारतीय क्रिकेट के और विशेषकर सचिन के प्रशंसक योगेश नायर का मानना है कि ये आजकल के बच्चे क्या युवा भी क्या जाने कि सचिन, गावस्कर, विश्वनाथ, कपिलदेव, बेदी, चंद्रा, किरमानी,etc क्या चीज थे, क्या high level था, कितने महान क्रिकेटर्स थे ये सब! बस आंकड़े और मीडिया की बातें सुन सुन कर इन सब का आंकलन करते है! कई बेवक़ूफ़ तो किसी एक दो ख़राब इनिंग्स का हवाला देकर इनको बदनाम भी करते है, सनसनी फैलाने के लिये! मगर उनकी बेहतरीन सैंकड़ो इनिंग/मैच को अनदेखा अनसुना कर देते है!

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