Crime: अब स्कूलों में भी सुरक्षित नहीं हैं बेटियाँ..जब शिक्षक के रूप में हों जिहादी भेड़िया..
स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है न .. जहां शिक्षा भी है और मंदिर भी..यहीं से हमें शिक्षा, संस्कार औऱ जीवन को मजबूत नींव मिलती है… परंतु यहि इस मंदिर में ही राक्षस रहने लगे..तो न शिक्षा मिलेगी न सुरक्षा..
शिक्षक के भक्षक हो जाने पर स्कूल और शिक्षा दोनों ही कटघरे में खड़े हो जाते हैं.. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से एक ऐसा ही गंदा मामला सामने आया है. शिक्षा के मंदिर में शिक्षक नहीं शैतान निकला.. कुशीनगर जिले के एक माध्यमिक शाला में पढ़ाने वाला एक शिक्षक मैनुद्दीन अंसारी बच्चियों को अपनी वासना का शिकार बनातया करता था…
उसकी गंदी करतूत तब सामने आई जब कुछ लोगों ने इस वहशी शिक्षक की घिनौनी हरकत कैमरे पर कैद कर ली.. जिसे देख कर हर कोई सन्न रह गया. यहि हमारी बेटियां स्कूल में सुरक्षित नहीं.. तो फि वो कहीं सुरक्षित नहीं.. यदि टीचर ही हैवानियत पर उतारू हो जाये.. तो भला किस पर विश्वास किया जा सकेगा ?
जिस व्यकित पर बच्चों को पढ़ाने का दायित्व हो वही हैवानियत का मास्टर बन जाये.. तो क्या किया जाये? फिलहाल आरोपी मैनुद्दीन अब सलाखों के पीछे है.. पर सवाल अभी भी बरकरार है… यदि शिक्षालय में बेटियां इस तरह हैवानों के चंगुल में फंसती चली गईं… तो फिर कैसे कोई माता-पिता अपनी बच्चियों को स्कूल भेजने का साहस कर पायेगा ?