Wednesday, June 25, 2025
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Parakh Saxena writes: ऐक्शन का रियेक्शन आना ही था – आया तो सन्नाटा छाया !

Parakh Saxena writes: ट्रम्प का बड़बोलापन पहले नजरन्दाज किया और ज़ब उस पर मिट्टी जमने लगी तो एकाएक दो टूक देकर सारा खेल ही बदल दिया..

Parakh Saxena writes: ट्रम्प का बड़बोलापन पहले नजरन्दाज किया और ज़ब उस पर मिट्टी जमने लगी तो एकाएक दो टूक देकर सारा खेल ही बदल दिया..
एक्शन की रिएक्शन आना ही था और ये भी पता था कि ज़ब आएगा तो चारो ओर सन्नाटा हो जायेगा।
ट्रम्प बॉस है इसलिए नहीं कि वो सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति है बल्कि इसलिए क्योंकि उनके देश के साथ हमारा व्यापार 131 अरब डॉलर का है जिसमे हम बेचते ज्यादा है और खरीदते कम है, आसान शब्दों मे हमारी गरज ज्यादा है।
जल्दबाजी मे ऐसा कोई कदम उठाया नहीं जा सकता जिससे ये व्यापार प्रभावित हो। इसलिए ट्रम्प का बड़बोलापन पहले नजरन्दाज किया और ज़ब उस पर मिट्टी जमने लगी तो एकाएक दो टूक देकर सारा खेल ही बदल दिया।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी देखने मे परिपक्व लग रहे है और उनकी एक्शन मे भी ये दिख रहा है, ज़ब से प्रधानमंत्री बने है रायता तो नहीं फैलाया है। उन्होंने मोदीजी को कॉल करके आमंत्रित किया और मोदीजी गए जो कि दोनों नेताओं की परिपक्वता दर्शाता है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने ज़ब बड़बोलापन दिखाते हुए माइक पकड़ा तो भी मार्क कार्नी ही थे जिन्होंने बिना झिझक उन्हें रोक दिया ऐसा G7 मे पहली बार ही हुआ है। ये ट्रम्प की पहली बेज्जती थी।
दूसरी तब हुई ज़ब ट्रम्प ने मोदी जी को अमेरिका आने के लिये न्योता दिया और मोदीजी मना करके पहले क्रॉएशिया निकल गए। इसके फ़ौरन बाद आधिकारिक रूप से PMO ने प्रेस को खबर दीं कि ट्रम्प को लताड़ लगा दीं है।
वो लताड़ जो आप खबरों मे सुन रहे है, वो लताड़ जो पाकिस्तानियो और कांग्रेसियो की ख़ामोशी मे आप सुन सकते है। एक बहुत स्ट्रांग मैसेज ना सिर्फ भारत अमेरिका के लिये बल्कि पूरी दुनिया के लिये।
अब भारत का आधिकारिक बयान है कि अमेरिका ने कुछ नहीं किया और पाकिस्तान के आग्रह पर युद्ध रोका गया। अमेरिका की ओर से इसका खंडन ना होना ही स्वीकृति है।
ट्रम्प बूढ़ो जैसा व्यवहार कर रहे है उनसे निपटने का तरीका यही है कि ज़ब वे बोल बोल कर थक जाए और याद फीकी पड़ने लगे तो खरी खोटी सुना देनी चाहिए। किसी मंत्री से ट्वीट करवा देते अब क्या इज्जत रह गई ज़ब विश्व पटल पर भारत ने उस ट्वीट को रिजेक्ट कर दिया।
खैर ट्रम्प की इस बेज्जती पर शायद व्हाइट हॉउस के अधिकारी भी चुटकी ले रहे होंगे। लेकिन पाकिस्तानियों और कांग्रेसियो के पाले मे एक गेंद और है, दरसल आसिम मुनीर को डोनाल्ड ट्रम्प ने लंच पर बुलाया है।
जाहिर है ईरान पर हमला होने वाला है, जमीन और रनवे तो पाकिस्तान ही मुहैया करायेगा।
इसलिए ये अमेरिका और पाकिस्तान के बीच की वार्ता है इसका ना हमसे कोई संबंध है ना हमारी विदेश नीति से। लेकिन इनफार्मेशन वॉर तो करना ही है इसलिए संभव है कि कांग्रेसी इसे विदेश नीति का फैलर बताये।
ऐसे मे आप क्रोधित ना हो बस उन्हें इतना कहे कि वे आश्वास्त रहे हमारी विदेश नीति इतनी तो है कि इस लंच के बाद अमेरिका 1971 की तरह अपना जंगी बेड़ा भारत नहीं भेजेगा।
(परख सक्सेना)
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