Friday, August 8, 2025
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Parakh Saxena writes: बटेंगे तो कटेंगे का ही तोड़ है जातिगत राजनीति और भाषा प्रान्तवाद

Parakh Saxena के इस लेख से जानिये कितना बड़ा षडयन्त्र है ये सोरोसी डीप स्टेट के भारतीय हैन्डलर्स का..

Parakh Saxena के इस लेख से जानिये कितना बड़ा षडयन्त्र है ये सोरोसी डीप स्टेट के भारतीय हैन्डलर्स का..
सीरिया मे एक स्कूल के बच्चे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और इस गिरफ्तारी ने सीरिया मे जो नरसंहार करवाया वो आप सभी ने देखा।
राजनीति मे बस ऐसी ही एक गलती की तलाश की जाती है, मराठी का मुद्दा ही ले लीजिये। घटनाये ऐसे क्षेत्रो मे हो रही है जहाँ राज ठाकरे को नोटा से भी कम वोट मिलते है और बीजेपी का विधायक है, साथ ही आबादी गुजराती भाषियो की है।
अब देवेंद्र फडणवीस यदि एक्शन ले तो महाराष्ट्र के हिन्दुओ को मराठी के नाम पर भड़काया जाएगा कि बीजेपी मराठी के विरुद्ध कार्रवाई कर रही है। यदि फडणवीस एक्शन ना ले तो सोशल मीडिया पर गंध फैलाई जायेगी कि बीजेपी के राज मे उसका वोटर सुरक्षित नहीं है।
ये विशुद्ध रूप से घटिया राजनीति है लेकिन ये भी तय मानिये कि इसमें अनपढ़ तो फसेंगे ही मगर कई पढ़े लिखें भी आपको गंध उड़ाते नजर आएंगे।
यही बात यादव और ब्राह्मण वाले विवाद मे है, यदि ब्राह्मण को गिरफ्तार किया तो इधर दिक्क़त यादव को किया तो वो तो विपक्ष खुद चाहता है।
आपको क्या लगता है अखिलेश यादव को यादवो की और राज ठाकरे को मराठियो की कोई परवाह है? वे चाहते ही है कि सरकार किसी तरह बस इन पर एक लाठी पड़वा दें फिर तो वे क्रमशः यादवो और मराठियो की ही लाशें नोंचने मे गिद्ध को पीछे कर देंगे।
कुछ ताज़ा उदाहरण देख लीजिये, हेमंत सोरेन गिरफ्तार हुआ तो उसने ये नहीं कहा की मैंने गड़बड़ की इसलिए गिरफ्तार हुआ उसने आदिवासी का कार्ड खेला, लालू गिरफ्तार हुआ तो उसने भी जाति का कार्ड खेला।
हेमंत सोरेन को तो सफलता भी मिली, राजनीति मे यही होता है। जान बूझकर गलतियां की जाती है, खुद के वोटर्स को पिटवाया जाता है जरूरत पड़ने पर मरवाया भी जाता है तब जाकर सत्ता की रोटी पकती है।
जोड़ने की राजनीति तोड़ने वाली से हमेशा कठिन होती है मगर उससे मिली जीत स्थायी होती है। राहुल गाँधी पप्पू होकर भी जाति मे हिन्दुओ को बांटने का दाँव खेल पा रहा है, जबकि बीजेपी ने बड़ी मुश्किल से अलग अलग जातियों को जोड़ा है।
इसलिए तोड़ने की राजनीति हमेशा शॉर्टकट होती है, लाशें बिछती है मगर राहुल, अखिलेश, ठाकरे, केजरीवाल और लालू जैसो के लिये रास्ते मे पड़े फूलों का काम करती है।
(परख सक्सेना)
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