हमारे दांत भी शरीर के बाकी अंगों की तरह बहुत ज़रूरी हैं। अगर इनका ठीक से ख्याल न रखा जाए तो कई तरह की तकलीफ़ें हो सकती हैं – जैसे कैविटी, मसूड़ों की सूजन, या सांसों की बदबू। इसलिए ज़रूरी है कि हम रोज़ाना कुछ आसान आदतों को अपनाएं।
दांतों की सफाई का सही तरीका
बहुत ज़ोर से ब्रश करने से दांतों की ऊपरी परत (इनेमल) घिस सकती है।
टूथपेस्ट को ब्रश पर सीधे और सही तरीके से लगाएं, ताकि वो दांतों तक अच्छे से पहुंचे।
रोज़ाना 2 मिनट तक ब्रश करें – इससे ज़्यादा देर ब्रश करना भी नुकसानदायक हो सकता है।
हर 3 महीने में ब्रश बदलना चाहिए, खासकर जब उसके ब्रिसल्स सख्त या मुड़े हुए हो जाएं।
जुबान और दांतों के नीचे की सतह को भी रोज़ाना साफ करें।
6 साल से छोटे बच्चों के दांतों की खास देखभाल करें, क्योंकि इस उम्र में उनके पक्के दांत आने लगते हैं।
फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट दांतों को मज़बूत बनाता है और कैविटी से बचाता है।
कैविटी (दांत में सड़न) से कैसे बचें?
भारत में कैविटी यानी दांतों का सड़ना एक आम समस्या है। इसके पीछे खानपान और सफाई की गलत आदतें ज़िम्मेदार हैं।
मीठी चीज़ें, बिस्कुट, चिप्स और चिपचिपा खाना दांतों पर चिपक जाता है और एसिड बनाकर इनेमल को नुकसान पहुंचाता है।
हर बार खाने के बाद कुल्ला ज़रूर करें। खासकर मीठा खाने के बाद 15-20 मिनट बाद ही ब्रश करें। तुरंत ब्रश करने से दांतों की सतह को नुकसान हो सकता है।
लंबे समय तक दांतों पर चिपके फूड पार्टिकल्स टार्टर (पीलापन/कठोर परत) बना सकते हैं जो दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं।
मसूड़ों की देखभाल भी ज़रूरी है
मसूड़ों से खून आना, सूजन या पायरिया जैसी समस्याएं गंभीर हो सकती हैं।
मसूड़ों की बीमारी का असर दिल, किडनी, लिवर और दिमाग पर भी पड़ सकता है।
मसूड़ों की सेहत के लिए:
रोज़ाना मसूड़ों की हल्की मालिश करें।
गुनगुने नमक वाले पानी से गरारे करें – इससे सूजन कम होती है और मुंह साफ रहता है।
याद रखें
रोजाना सही ढंग से ब्रश करें।
मीठे और चिपचिपे खाने के बाद सफाई पर खास ध्यान दें।
मसूड़ों को नज़रअंदाज़ न करें – उनकी भी उतनी ही देखभाल करें जितनी दांतों की।
अपने दांतों और मसूड़ों का ध्यान रखें – क्योंकि एक मुस्कान बहुत कुछ कहती है!
(प्रस्तुति- त्रिपाठी सुमन पारिजात)