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इस बार श्रावण महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रविवार पड़ रहा है। इस दिन सूर्य देव मिथुन राशि में होंगे, जबकि चंद्रमा शाम 6:53 बजे तक मकर राशि में रहेंगे, फिर कुंभ राशि में चले जाएंगे। इस दिन भद्रा का प्रभाव भी रहेगा।
मुहूर्त और समय
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 बजे से 12:54 बजे तक (शुभ समय)
राहुकाल: शाम 5:38 बजे से 7:21 बजे तक (इस दौरान कोई शुभ काम न करें)
भद्रा: सुबह 5:56 बजे से रात 10:42 बजे तक
त्रिपुष्कर योग: रात 9:14 बजे से 10:42 बजे तक (शुभ योग)
रवि योग: सुबह 5:56 बजे से रात 10:42 बजे तक
रविवार व्रत के लाभ
अग्नि और स्कंद पुराण के अनुसार, रविवार का व्रत रखने से सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य लाभ और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर है।
व्रत करने का सही तरीका
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
पूजा स्थल को साफ करके चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल, फूल, अक्षत और रोली डालकर अर्घ्य दें।
आदित्य हृदय स्तोत्र पढ़ें या “ऊं सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।
इस दिन गुड़ और तांबे का दान करने से विशेष लाभ मिलता है।
क्या करें और क्या न करें
ऐसा करें
एक समय हल्का भोजन लें (बिना नमक के)।
गरीबों को दान दें।
लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें।
ऐसा न करें
काले या नीले रंग के कपड़े न पहनें।
मांस-मदिरा, झूठ बोलना या किसी का अपमान करने से बचें।
बाल या दाढ़ी न कटवाएं, तेल मालिश न करें।
तांबे के बर्तन न बेचें।
व्रत का समापन
इस व्रत को 12 रविवार तक करने के बाद उद्यापन (समापन) करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा से धन, सफलता और सुख-शांति मिलती है।
रविवार के इन उपायों को अपनाएं और जीवन में खुशहाली पाएं!
(प्रस्तुति -त्रिपाठी किसलय इन्द्रनील)