Sunday, December 14, 2025
Google search engine
HomeTop NewsParakh Saxena writes: ट्रम्प चाचा, चावल पर टैरिफ आज ही लगा दो...

Parakh Saxena writes: ट्रम्प चाचा, चावल पर टैरिफ आज ही लगा दो – और हाँ, 70 परसेन्ट लगाना इस बार !

Parakh Saxena writes: काश डोनाल्ड ट्रम्प 2028 का चुनाव भी लड़ पाए और जीत जाए साथ ही शी जिनपिंग को भगवान लम्बी आयु दें..ये दोनो भारत के लिए बहुत बड़ा वरदान हैं..

Parakh Saxena writes: काश डोनाल्ड ट्रम्प 2028 का चुनाव भी लड़ पाए और जीत जाए साथ ही शी जिनपिंग को भगवान लम्बी आयु दें..ये दोनो भारत के लिए बहुत बड़ा वरदान हैं..

डोनाल्ड ट्रम्प भारत के चावल पर टेरीफ लगाना चाहते है, बस एक अनुरोध था कि आज ही लगा देना और इस बाऱ 70% से ज्यादा लगाना। वैसे तो राजनीति मे इफ बट की कोई जगह नहीं होती मगर फिर भी कई लोग कहते है कि काश वाजपेयी युग 2009 तक चलता और मोदी युग 2009 से शुरू हो जाता।

एक इफ बट मेरा भी है काश डोनाल्ड ट्रम्प 2028 का चुनाव भी लड़ पाए और जीत जाए साथ ही शी जिनपिंग को भगवान लम्बी आयु दें। ये दो लोग भारत के लिए कितना बड़ा वरदान है उसकी व्याख्या कर पाना बड़ा मुश्किल है।

सुपरपॉवर की सीट तब ही मिलती है ज़ब पहले से बैठा देश खाली कर दें, हमारे राजा महाराजा आपस मे लड़ते थे इसलिए ब्रिटेन सुपरपॉवर बना, ब्रिटेन ने जर्मनी का चौधरी बनने की कोशिश की इसी गलती से अमेरिका सुपरपॉवर बना और बाय गॉड ट्रम्प चाचा ऐसे ही गड़बड़ करते रहे तो ये वृत्त पूरा हो जायेगा।

हाल ही मे चीन ने जापान की वायुसेना को टारगेट पर ले लिया था और स्थिति इतनी भयावह हो गयी थी कि युद्ध भी छिड़ सकता था। परीक्षा अमेरिका की थी और वह चुप रहा। यदि चीन ने ऐसा अग्रेशन बुश और ओबामा के समय किया होता तो आप एक अलग ही अमेरिका देखते।

इस समय अमेरिका की विदेशो मे ताकझाँक बिल्कुल कम हो गयी है, 2027 मे ट्रम्प नाटो से भी निकलने का प्लान बना चुके है। अमेरिका इसलिए अमेरिका नहीं था कि वो अमीर है बल्कि इसलिए अमेरिका था क्योंकि विश्व मे उसका प्रभुत्व था और इस प्रभुत्व को असली चुनौती ना चीन ने दी है ना रूस ने बल्कि भारत ने दी है।

दुनिया मे सबसे ज्यादा टेरीफ भारत ने झेले हालांकि चीन पर भी 47% तो है और वैसे मै थोड़ा बढ़ा चढ़ाकर भी बोल रहा हूँ क्योंकि
हर वो देश जहाँ टेरीफ 10% से ज्यादा होंगे उन पर टेरीफ की मार बराबर ही पड़ रही है। लेकिन अब हम पर 50% है तो मै तो हमें ही ज्यादा पीड़ित कहूंगा।

इसके दूसरे कोने पर शी जिनपिंग है, शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति बनकर यदि सबसे अच्छा काम किया तो वो यही था कि चीन के सारे पत्ते खोल दिये। डोकलाम विवाद इसका उच्च था, और ज़ब गलवान वैली मे चीन की धुलाई हुई तो उसके बाद इतना तय हो गया कि लम्बे समय तक चीन अब शांत रहेगा और वही हुआ भी।

शी जिनपिंग ने चीन को चीन नहीं बनाया, वो श्रेय हूँ जिंताओं और जियाँग जेमीन को जाता है, जिनपिंग ने तो उल्टे उनकी नीतियों को पलटकर चीन के सारे राज उजागर कर दिये और खुद को अमेरिका की रडार पर ले आये। जिनपिंग ज़ब से आये है तब से चीन बस उछल रहा है कर नहीं रहा।

भारत के लिए यह आदर्श स्थिति है कि खुद को अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मे ऊपर ले जाये। ऑपरेशन सिंदूर मे जो पाकिस्तान को पीटा है उसके पीछे ai का कितना महत्वपूर्ण रोल था वो लेफ्टिनेंट ढिल्लों ने विस्तार से अपनी पुस्तक मे लिखा है।

अमेरिका के साथ जो हुआ ये तो होना ही था क्योंकि हमारा ट्रेड सरप्लस जिस तरह बढ़ रहा था आज नहीं तो कल अमेरिका को चेतना था और हमें उसके विकल्प की जरूरत थी। ये भी अच्छा हुआ कि ट्रेड डील मे हमने बाकि दुनिया की तरह कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई, क्या पता अगली सरकार जिसकी भी आये वो बिना डील के टेरीफ हटा दें।

ॉअमेरिका हमारा चावल ना ले तो इसका असर वहाँ के लोकल डिस्ट्रीब्यूटर और जनता को होना है, भारत नया बाजार ढूंढ़ लेगा। बस इसी तरह भारत को प्रैक्टिस हो जाये कि बिना सुपरपॉवर को ताके भी अपना काम हो जायेगा और खुद कैसे लीड करना है। बाकी जग सिर मोर वाला ताज़ 50 साल बाद वाली पीढ़ी संभाल लेगी।

इन दोनों लीडर्स की खासियत ये है कि दोनों की ही अप्रूवल रेटिंग कुछ बची नहीं है ना ही अर्थव्यवस्था मे ये कुछ फोड़ पा रहे है। लेकिन ये डेटा मैनेजमेंट और ai मे अच्छा कर रहे है हमे वो जरूर सीखना होगा, इसके अलावा F35 विमान यदि भारत अमेरिका से खरीद सके तो ये पाकिस्तान के खिलाफ काम की चीज होंगी।

ये मेक इन इंडिया हो सकता है मगर थोड़ा हमारे राज्यों को आगे आना होगा जिन राज्यों मे घनत्व कम है वे डेटा सेंटर और उत्पादन को प्रमोट करें, यहाँ मैं मध्यप्रदेश और राजस्थान को विशेष रूप से टैग कर रहा हूँ, जिन राज्यों के पास मिनरल्स है वे रिसर्च डेवलपमेंट पर पैसा खर्चे।

ट्रम्प के लिए हीन भावना ना लाये ये बंदा आपको तब बहुत याद आएगा ज़ब अमेरिका मे फिर रीगन और क्लिंटन जैसे नेता आएंगे। थोड़ी कड़वी दवाई है लेकिन ये भारत की तंदरुस्ती के लिए जरूरी है।

(परख सक्सेना)

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments