US Visa: अमेरिका के नए वीजा नियमों से भारतीयों की चिंता बढ़ी: सोशल मीडिया गतिविधियां बन सकती हैं वीजा पाने में बाधा..
अमेरिका ने वीजा प्रक्रिया में एक बड़ा और सख्त बदलाव करते हुए सोशल मीडिया जांच को आधिकारिक रूप से वीजा वेरिफिकेशन का हिस्सा बना दिया है। इस फैसले के बाद खास तौर पर भारतीय नागरिकों, विशेषकर अमेरिका में काम करने की योजना बना रहे प्रोफेशनल्स के बीच बेचैनी और डर का माहौल बन गया है। वीजा आवेदकों को आशंका है कि सोशल मीडिया पर की गई पुरानी पोस्ट, टिप्पणियां या प्रोफाइल से जुड़ी छोटी-सी भी चूक उनके अमेरिका जाने के सपने पर भारी पड़ सकती है।
H-1B वीजा धारकों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की होगी सख्त जांच
नए नियमों के तहत अब H-1B वीजा के लिए आवेदन करने वालों, पहले से अमेरिका में कार्यरत लोगों और यहां तक कि उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को सार्वजनिक (पब्लिक) रखना अनिवार्य होगा। इसका मतलब यह हुआ कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म पर मौजूद आपकी पोस्ट, तस्वीरें, कमेंट्स और प्रोफेशनल जानकारियां अमेरिकी अधिकारियों की सीधी निगरानी में होंगी।
अमेरिकी अधिकारी न केवल हालिया गतिविधियां बल्कि पुराने कंटेंट को भी खंगाल सकते हैं। यही वजह है कि भारतीय वीजा आवेदकों में डर व्याप्त है, क्योंकि H-1B श्रेणी में सबसे अधिक संख्या भारतीय नागरिकों की ही होती है।
भारतीय नागरिकों पर क्यों पड़ेगा सबसे गहरा असर
इस नियम को लेकर भारतीय समुदाय सबसे ज्यादा चिंतित है, क्योंकि अमेरिका में हाई-स्किल्ड वर्क वीजा पाने वालों में 70 प्रतिशत से अधिक भारतीय हैं। वहीं H-4 ईएडी (EAD) धारकों में यह आंकड़ा 90 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। ऐसे में यह नया नियम लाखों भारतीयों के करियर, नौकरी की निरंतरता, होम लोन, बच्चों की शिक्षा और परिवार की स्थिरता को सीधे प्रभावित कर सकता है।
15 दिसंबर से लागू हो रहे इस प्रावधान के अनुसार, चाहे कोई पहली बार वीजा के लिए आवेदन कर रहा हो या पहले से जारी वीजा का नवीनीकरण करा रहा हो, सभी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स सार्वजनिक रखने होंगे। वीजा अधिकारी अब लिंक्डइन प्रोफाइल से लेकर इंस्टाग्राम पोस्ट तक हर पब्लिक जानकारी की बारीकी से जांच करेंगे।
इमिग्रेशन एक्सपर्ट्स की चेतावनी, टेक कंपनियों की सलाह
इमिग्रेशन मामलों के जानकारों का कहना है कि इस फैसले के बाद वीजा आवेदकों के मन में गहरी आशंका बैठ गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर किसी ने मजाक में किसी राजनीतिक मीम को शेयर किया हो, किसी संवेदनशील विषय पर हल्की टिप्पणी लिख दी हो या फिर प्रोफेशनल प्रोफाइल और रिज्यूमे में कोई छोटी सी असंगति हो, तो भी वीजा प्रक्रिया अटक सकती है।
हालात को देखते हुए कई टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को सलाह देना शुरू कर दिया है कि वे अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल की पूरी ऑडिटिंग करें, गैर-जरूरी पोस्ट हटाएं और किसी भी विवादित या गलत समझे जाने वाले कंटेंट से दूरी बनाए रखें।
वीजा इंटरव्यू अचानक रद्द, डेढ़ साल तक की लंबी प्रतीक्षा
इस नए नियम का असर जमीनी स्तर पर भी साफ नजर आने लगा है। मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद और चेन्नई समेत कई भारतीय शहरों में अमेरिकी वीजा इंटरव्यू की पहले से तय तारीखें अचानक रद्द कर दी गई हैं। जिन आवेदकों के इंटरव्यू दिसंबर में निर्धारित थे, उन्हें अब मार्च 2026 की नई तारीखें दी जा रही हैं।
इस बदलाव से वे लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं, जो अमेरिका में नई नौकरी जॉइन करने वाले थे, या शादी, पारिवारिक कारणों अथवा माता-पिता से मिलने भारत आए हुए थे। उनके लिए डेढ़ साल से ज्यादा की यह अनिश्चित प्रतीक्षा किसी बड़े झटके से कम नहीं है। न तो वे समय पर काम पर लौट पा रहे हैं और न ही परिवार के साथ सामान्य जीवन जी पा रहे हैं।
प्रसिद्ध इमिग्रेशन वकील स्टीवन ब्राउन ने भी इस स्थिति की पुष्टि करते हुए बताया है कि ‘मिशन इंडिया’ के तहत आने वाले कई अपॉइंटमेंट्स को रद्द कर सोशल मीडिया जांच प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ा दिया गया है।
अमेरिकी दूतावास की सख्त एडवाइजरी
वीजा आवेदकों की मुश्किलों के बीच भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने एक अहम चेतावनी जारी की है। दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर स्पष्ट किया है कि जिन लोगों को ईमेल के जरिए इंटरव्यू की नई तारीख (री-शेड्यूल) की सूचना मिल चुकी है, वे किसी भी हालत में पुरानी निर्धारित तारीख पर दूतावास या काउंसलेट न पहुंचें।
अधिकारियों ने साफ किया है कि यदि कोई व्यक्ति पुरानी तारीख पर पहुंचेगा, तो उसे गेट पर ही प्रवेश से रोक दिया जाएगा। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब पहले से ही वीजा इंटरव्यू के लिए महीनों लंबी कतारें लगी हुई हैं।
क्यों लागू किया गया यह नियम: अमेरिका का तर्क
अमेरिकी विदेश विभाग ने इस कड़े फैसले के पीछे ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ को मुख्य कारण बताया है। विभाग का कहना है कि वीजा जारी करने से जुड़ा हर निर्णय सीधे तौर पर अमेरिका की सुरक्षा से जुड़ा होता है। पहले यह सोशल मीडिया जांच प्रक्रिया छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स तक सीमित थी, लेकिन अब इसे H-1B और H-4 वीजा कैटेगरी तक भी बढ़ा दिया गया है।
विदेश विभाग ने स्पष्ट किया है कि वीजा आवेदकों को अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स सार्वजनिक रखने होंगे, ताकि अधिकारी उनकी पृष्ठभूमि की पूरी तरह जांच कर सकें। विभाग के दिशा-निर्देशों में साफ कहा गया है कि “अमेरिकी वीजा कोई अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है।”
अमेरिका का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति की गतिविधियां, सोच या इरादे अमेरिकियों या अमेरिका के राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा न बनें। अधिकारियों का संकेत साफ है—अगर सोशल मीडिया गतिविधियों में कुछ भी संदिग्ध पाया गया, तो वीजा मिलना मुश्किल हो सकता है।
(प्रस्तुति -त्रिपाठी पारिजात)



