Badrinath Dham : सेना के बैंड की मधुर धुनों और जयकारों के बीच बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले, श्रद्धालुओं पर बरसाये गये पुष्प..
चार धाम यात्रा की शुरुआत के साथ ही आज रविवार को बद्रीनाथ धाम के कपाट विधिवत रूप से खोल दिए गए। इस पावन अवसर पर भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल्स द्वारा भक्ति संगीत की मधुर प्रस्तुति दी गई और श्रद्धालुओं ने “जय बद्री विशाल” के गगनभेदी नारों के साथ वातावरण को भक्तिमय बना दिया। कपाट खुलने के समय हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई, जिससे माहौल और भी दिव्य हो उठा।
“धार्मिक आनंद की अनुभूति का अवसर है यह यात्रा”
इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा, “आज पूरा देश हर्षित है। बड़ी संख्या में भक्तों को यहां आकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए। यह स्थल श्रद्धालुओं को गहन आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति कराता है।”
चार धाम यात्रा में अब तक 22 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का पंजीकरण
चार धाम यात्रा 2025 की आधिकारिक शुरुआत 30 अप्रैल को हुई थी, जब अक्षय तृतीया के दिन वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए। एक मई को उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी दीपम सेठ और एडीजी वी. मुरुगेशन ने श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचकर यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, संचार प्रणाली और भीड़ नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का निरीक्षण किया। अब तक 22 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने ऋषिकेश ट्रांजिट कैंप में पंजीकरण कराया है।
चार धाम यात्रा है पवित्र तीर्थयात्रा
चार धाम सर्किट में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं। यमुना नदी उत्तराखंड के यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है। हर वर्ष गर्मियों में उत्तराखंड में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व होता है, जब लाखों श्रद्धालु इन पवित्र धामों की यात्रा पर निकलते हैं।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता: मुख्यमंत्री
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की बात कही।