Wednesday, June 25, 2025
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Gupt Navratri 2025: मां दुर्गा की साधना का पावन अवसर, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और विशेष महत्व

Gupt Navratri 2025:  आ रहा है दो हफ्ते बाद वह शुभ अवसर जब माँ भवानी की पूजा से आपको मिलेगी उनकी विशेष कृपा..

Gupt Navratri 2025:  आ रहा है दो हफ्ते बाद वह शुभ अवसर जब माँ भवानी की पूजा से आपको मिलेगी उनकी विशेष कृपा..

सनातन धर्म में मां दुर्गा की आराधना को समर्पित गुप्त नवरात्रि एक अत्यंत महत्वपूर्ण और रहस्यमयी पर्व है। वर्ष 2025 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 26 जून (बुधवार) से हो रही है, जो कि 4 जुलाई तक चलेगी। इस दौरान देवी उपासना, तांत्रिक साधना, विशेष नियमों और शुभ मुहूर्तों का पालन कर साधक जीवन में सुख, शांति और सिद्धि प्राप्त कर सकता है।

हर वर्ष चार बार आने वाली नवरात्रियों में से दो (चैत्र और आश्विन) सार्वजनिक रूप से मनाई जाती हैं, जबकि दो (माघ और आषाढ़) गुप्त नवरात्रि कहलाती हैं। गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तांत्रिक क्रियाओं, जन्मकुंडली दोष निवारण और मनोकामना पूर्ति के लिए उत्तम मानी जाती है।

गुप्त नवरात्रि 2025 – घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

तारीख: 26 जून 2025 (बुधवार)

प्रथम मुहूर्त: सुबह 4:44 से 6:58 बजे तक

दूसरा मुहूर्त: सुबह 9:16 से 11:34 बजे तक

प्रतिपदा तिथि समाप्त: दोपहर 1:24 बजे

सर्वार्थ सिद्धि योग: 26 जून सुबह 8:46 से 27 जून सुबह 5:31 तक

सर्वार्थ सिद्धि योग में की गई पूजा विशेष फलदायक मानी जाती है, जिससे साधक को अद्भुत सिद्धियाँ और इच्छित फल प्राप्त होते हैं।

गुप्त नवरात्रि की सरल पूजा विधि

एक साफ चौकी पर लाल या पीले कपड़े को बिछाएं और उस पर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें।

पूजा स्थान को घर की उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में रखें।

कलश पर मौली बांधें, श्रीफल रखें और उसमें गंगाजल, सुपारी, बताशे, हल्दी की गांठ व दूर्वा डालें।

कलश के चारों ओर 7 या 11 आम या अशोक के पत्ते सजाएं।

चावल की छोटी-छोटी ढेरियों पर गणेश जी, कुलदेवी और नवग्रहों के प्रतीक स्थापित करें।

नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करें, धूप, दीप, पुष्प, प्रसाद और आरती अर्पित करें।

प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती, देवी कवच, अर्गला स्तोत्र, कीलक स्तोत्र और देवी के 32 नामों का जाप करें।

पूजा करते समय ऊन या कुश के आसन पर बैठें और मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें।

 गुप्त नवरात्रि में होती है 10 महाविद्याओं की आराधना

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के दस अत्यंत रहस्यमयी और शक्तिशाली रूपों – दस महाविद्याओं – की साधना की जाती है। यह माना जाता है कि इन देवियों की उपासना से साधक को न केवल इच्छित फल प्राप्त होता है, बल्कि उसे अद्भुत आत्मिक शक्ति और सिद्धियाँ भी प्राप्त होती हैं।

दस महाविद्याएं इस प्रकार हैं:

मां काली

तारा देवी

त्रिपुर सुंदरी

भगवती भुवनेश्वरी

माता छिन्नमस्ता

त्रिपुर भैरवी

मां धूमावती

बगलामुखी

माता मातंगी

मां कमला देवी

गुप्त नवरात्रि आत्मिक साधना, तांत्रिक ऊर्जा और मां की कृपा प्राप्त करने का अनोखा अवसर है। विधिपूर्वक साधना करने पर मां दुर्गा साधक को जीवन के हर क्षेत्र में विजयश्री प्रदान करती हैं।

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