Mahakumbh 2025: 25 साल बाद भारत आईं ममता कुलकर्णी और लिया सन्यासी बनने का निर्णय-अब होंगी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर.
पच्चीस साल बाद भारत आने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी अब 52 साल की हैं. अपने फिल्मी करियर के दौरान वो प्रायः चर्चा में रहती रही हैं और फिर एक बार वे आज चर्चा में हैं. बड़ा फैसला लेते हुए उन्होंने बॉलीवुड से विदा ले ली है और संन्यासी के रूप में जीवन की अगली पारी खेलने जा रही हैं.
विवादों से रहा है नाता
बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ढेर सारे विवादों के साथ मीडिया की सुर्खियों में रहती रही हैं. अब कई वर्षों के भारत लौट आई हैं. उनके प्रशंसकों को आशा थी कि वह फिल्मों में वापसी करेंगी. लेकिन ममता ने एक अलग ही राह पकड़ ली है.
ममता महाकुंभ पहुंचीं और तब दुनिया को पता चला कि उन्होंने संन्यासी बनने का निर्णय लिया है. सन्यासी बन कर अब वो किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गयी हैं.

आज पिन्डदान का स्मरणीय दिवस
आज का दिन ममता कुलकर्णी के लिये एक अद्भुत दिन रहा जब आज 24 जनवरी 2025 की शाम उन्होंने संगम पर अपना पिंडदान किया और सनातन के आध्यात्मिक राजपथ पर चलने का श्रीगणेश कर दिया है.
एक माह पहले भारत आईं
एक माह पहले जब दिसंबर 2024 में कई सालों के बाद भारत वापसी पर ममता कुलकर्णी को एयरपोर्ट पर देखा गया तो सबको लगा अब वो बॉलीवुड में नई पारी शुरू करेंगी.
परंतु ममता ने अपने शेष जीवन को लेकर जो फैसला किया शायद बरसों पहले हिन्दी सिनेमा की अभिनेत्री के तौर पर शायद उन्होंने कभी ऐसा सोचा भी नहीं होगा.
फिल्मों में वापसी नहीं
अब तक बिन्दास बेपरवाह जीवन जीती आई ममता कुलकर्णी एक अलग व्यक्तित्व की स्वामिनी हैं. उन्होंने वापसी के बाद दिये अपने इंटरव्यूज में खुलकर अपने अतीत पर बातचीत की. इसके साथ ही उन्होंने ये भी साफ कह दिया था कि अब वो आगे के जीवन में फिल्मों में वापसी नहीं करेंगी.
ये है ममता का नया नाम
महाकुंभ पहुंचीं ममता कुलकर्णी और जब उन्होंने संगम तट पर अपने हाथों से अपना पिंडदान किया, तब लोगों को पता चला कि ममता अब साध्वी बन चुकी हैं. संध्या काल में आज उनका का पट्टाभिषेक भी हुआ.
आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने दी दीक्षा
जीवित ही अपना पिन्डदान करके साध्वी ममता कुलकर्णी को प्रदान किया गया नया नाम और अब वो यमाई ममता नंद गिरि के नाम से जानी जायेंगी. साध्वी यमाई ममता नंद गिरि को जूना अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने सन्यास पथ की दीक्षा दी. अब वो महाकुंभ में किन्नर अखाड़े में ही निवास कर रही हैं.
अब ममता का भगवा जीवन
अब ममता के माथे पर सदा तिलक विद्यमान होगा. वो सदा भगवा वस्त्रों में दिखाई देंगी. वैसे भी अधिक बोलने की शौकीन नहीं हैं ममता और अब साध्वी बनने के बाद और भी मित-भाषिणी हो जायेंगी. अब मुंबई महानगर के होटल्स और बार रेस्टोरेन्ट्स में कभी उन्हें कोई नहीं देख पायेगा.
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