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Nimisha Priya Death Sentence: क्या सफल होगा भारत का प्रयास? क्या बच पायेगी निमिषा मौत से? 2 रास्ते हैं जान बचाने के

हालात की साजिश की शिकार निमिषा

हालात की साजिश की शिकार निमिषा

Nimisha Priya Death Sentence: केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया को खाड़ी देश यमन में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में सुनाई गई है मौत की सजा..

वक्त ने किया बदसूरत सितम और भारत की भोली-भाली नर्स फंस गई हालात के भंवर जाल में. बस एक कदम गलत उठा राहे मुकाम में..मन्जिल तमाम उम्र हमें ढूंढती रही. यही हुआ निमिषा के साथ भी.

यमन में बस एक कदम गलत उठा लिया और मौत ने उसको गले लगाने का बहाना ढूंढ लिया. यमन देश में अपना काम शुरू करने की चाहत ने उसकी जिन्दगी को आखिरी मुकाम पर ला खड़ा किया.

यमन का कानून कहता है कि यदि उनके देश में बाहर वाला कोई अपना काम शुरू करना चाहता है तो उसको अपना पार्टनर इसी देश के केिसी नागरिक को बनाना होगा. लेकिन अगर वो नागरिक डाकू निकला चोर या फरेबी निकला तो उसकी जिम्मेदारी किसी की नहीं है. वो आपकी बदकिस्मती है. निमिषा के साथ यही हुआ.

अब्दो मेहदी नहीं सिरदर्दी था

2008 में यमन आई थी निमिषा. कई अस्पतालों में छह साल बतौर नर्स काम करने के बाद उसने अपना क्लीनिक खोलना चाहा. और इसी दौरान किसी सिलसिले में उसकी भेंट हुई एक निकम्मे से जो शुरू में उसे शरीफ आदमी लगा. नाम था तलाल अब्दो मेहदी.

क्लीनिक खोलने के लिये अब्दो को पार्टनर बना कर गलती की निमिषा ने. साल 2014 में क्लीनिक के काम में निमिषा का पार्टनर बनने के बाद अब्दो ने अकेली औरत का नाजायज फायदा उठाना चाहा जो निमिषा ने होने नहीं दिया और दोनो के बीच विवाद शुरू हो गये.

एफआईआर करा दी निमिषा ने

बात इतनी बढ़ी कि निमिषा ने मेहदी के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई और मेहदी गिरफ्तार हो गया. लेकिन फिर जल्द ही छूट भी गया. अब निमिषा के लिये पैदा हुई नफरत ने उसके मन में बदला लेने की जिद पैदा कर दी. इसके लिये उसने चालाकी दिखाई और उससे फिर से रिश्ते ठीक कर लिये.

छीन लिया निमिषा का पासपोर्ट

सांप को कितना भी दूध पिला लो वो डसना नहीं छोड़ता. बदला लेने के प्लान ए के मुताबिक मेहदी ने चालाकी से निमिषा का पासपोर्ट कोई डीटेल ठीक कराने के बहाने मांग लिया और फिर वापस नहीं किया. अब मजबूरन निमिषा देश छोड़ कर भारत वापस नहीं आ सकती थी. उसको ये भी पता नहीं था कि इस मामले में इंडियन एम्बेसी उसकी मदद कर सकती थी.

फिर निमिषा ने चली चाल

मजबूर मगर मन से मजबूत निमिषा ने भी टिट फॉर टैट करने की सोची ताकि पासपोर्ट वापस मिल सके. पेशे से नर्स निमिषा ने भी ऊपरी तौर पर मोहब्बताना रुख अख्तियार किया और एक बार जब अब्दो की तबियत उसके घर पर थोड़ी खराब हुई तो उसे दवाई का इंजेक्शन देने की बजाये चुपचाप बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया.

हो गई गलती फंस गई निमिषा

बदकिस्मती तो जैसे इंतजार ही कर रही थी. एक झपट्टा मारा और किस्मत की लकीरों को चुरा ले गई निमिषा के हाथ से. जो इंजेक्शन निमिषा ने अब्दो को दिया था उसमें गलती से डोज़ थोड़ी ज्यादा हो गई थी. ऊपर वाला भी अब्दो की हरकतों से नाराज था, अब्दो को उसने अपने पास बुला लिया.

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कुसूरवार कोई और गुनहगार कोई और

फिर उसके बाद एक साल चली तहकीकात में इस हादसे को कत्ल करार दिया गया और मुजरिम बनी निमिषा. अदालत ने सुनाई मौत की सजा. अब हालात ये हैं कि सुना जाता है कि उसे एक माह के भीतर कभी भी फांसी दी जा सकती है.

भारत ने बचाने की बात कही

अब भारत सरकार निमिषा को बचाने के लिये आगे आई है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस दिशा में एक वक्तव्य भी दिया है जिसका सार ये है कि भारत सरकार निमिषा की पूरी मदद कर रही है. इस बयान में जो संदेश है वो ये है कि उसको फांसी से बचाने के लिये जो भी संभव होगा, भारत सरकार करेगी.

2 रास्ते हैं जान बचाने के

पहला तो ये कि भारत सरकार यमन की सरकार से बात करे और उनकी खास शर्तों को मान कर निमिषा को पहले मौत की सजा से माफी और फिर भारत आने की इजाजत दिलवाये. दूसरी शक्ल निमिषा के बचाव की है – वो है ब्लड मनी की. इसके लिये सरकार को नहीं भारत के नागरिकों को आगे आना होगा.

ब्लड मनी इसको कहते हैं

खून से सने हाथों को माफी मिलने का हक दिलाने वाला पैसा ब्लड मनी कहलाता है. ब्लड मनी मारे गये व्यक्ति के परिवारजनों को मिलती है और ब्लड मनी की राशि भी वो लोग ही निर्धारित करते हैं. निमिषा के मामले में भी ये रास्ता खुला है. मगर पहल कौन करेगा?

कोई पहल करे ब्लड मनी देने की बात करे तो वो लोग बतायें कि इतना पैसा लेंगे हम. भारत के डेढ़ सौ करोड़ लोग अगर क्राउड फंडिंग करें तो ये काम मुश्किल नहीं है. उम्मीद है कि अब्दो के परिवार के लोग भी उतनी ही ब्लड मनी की मांग करेंगे जितनी दी जा सके और. इस तरह से देखें तो ये रकम तीस-चालीस करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होगी. लेकिन सवाल फिर वही है – पहल कौन करेगा?

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