27 अप्रैल 2025 पंचांग: वैशाख अमावस्या के राहुकाल, दिशा शूल, शुभ योग और विशेष धार्मिक उपाय जानिए..
27 अप्रैल पंचांग: आज के दिन शिवलिंग का पूजन, बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ, अन्नदान तथा त्रिपिंडी श्राद्ध जैसे कर्म अत्यंत पुण्यदायक माने गए हैं। आइए जानते हैं आज के शुभ मुहूर्त और राहुकाल का विवरण।
27 अप्रैल 2025 पंचांग: आज वैशाख मास की पवित्र अमावस्या है, जो भगवान शिव और बटुक भैरव की उपासना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस अवसर पर पार्थिव शिवलिंग का पूजन और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ विशेष फल प्रदान करता है।
यह व्रत पुण्य अर्जन का अद्भुत अवसर है। इस दिन राहु और शनि के बीज मंत्रों का जाप करें, सप्तधान्य (सात प्रकार के अनाज) का दान करें और पवित्र नदियों में स्नान करें। शिवलिंग पर जल, दूध और बिल्वपत्र अर्पित करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। मन को सात्विक और शुद्ध बनाए रखें तथा मंदिरों में भंडारा और अन्नदान जैसे कार्य करें।
इसके अलावा, पक्षियों को दाना-पानी दें, गाय को पालक और गुड़ खिलाएं, चींटियों को शक्कर चढ़ाएं और कुत्तों को रोटी खिलाना भी शुभ माना गया है। गौशाला में गायों को चारा, रोटी और गुड़ अर्पित करने से अखंड पुण्य की प्राप्ति होती है।
अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष की पूजा करना, काग (कौवे) को रोटी खिलाना तथा पितृदोष निवारण हेतु त्रिपिंडी श्राद्ध करवाना विशेष रूप से फलदायी है। मंदिर परिसर में पीपल का पौधा लगवाना भी अत्यंत शुभ माना गया है।
आज का पंचांग (27 अप्रैल 2025)
तिथि: वैशाख अमावस्या एवं मासिक शिवरात्रि
संवत: पिङ्गल संवत, विक्रम संवत 2082
दिन: रविवार
सूर्योदय: प्रातः 05:43 बजे
सूर्यास्त: सायं 06:54 बजे
नक्षत्र: अश्विनी
चंद्र राशि: मेष
सूर्य राशि: मेष
करण: चतुष्पद
योग: प्रीति
शुभ मुहूर्त (27 अप्रैल 2025)
अभिजीत मुहूर्त: 11:54 AM से 12:45 PM
विजय मुहूर्त: 02:21 PM से 03:24 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:23 PM से 07:22 PM
ब्रह्म मुहूर्त: 04:05 AM से 05:09 AM
अमृत काल: 06:02 AM से 07:43 AM
निशीथ काल: 11:41 PM से 12:21 AM
संध्या पूजन
06:21 PM से 07:09 PM
आज के दिन भगवान शिव और बटुक भैरव की उपासना, पीपल पूजन और अन्नदान से विशेष पुण्यफल की प्राप्ति होगी।
अशुभ मुहूर्त
राहुकाल: दोपहर 04:30 बजे से शाम 06:00 बजे तक
दिशा शूल
पश्चिम दिशा (इस दिशा में यात्रा से बचना चाहिए। यदि यात्रा आवश्यक हो, तो एक दिन पहले प्रस्थान करना उचित रहेगा।)
विशेष उपाय
शिवलिंग पर जल, दूध और बिल्वपत्र अर्पित करें।
बटुक भैरव की पूजा करें और स्तोत्र का पाठ करें।
पीपल के वृक्ष की परिक्रमा कर दीपक जलाएं।
पितरों के निमित्त त्रिपिंडी श्राद्ध करवाएं।
निर्धनों को अन्न, वस्त्र और सप्तधान्य का दान करें।