Online Sanskrit Classes: मदन मोहन मालवीय स्मृति अन्तर्राष्ट्रीय अन्तर्जालीय दशदिवसात्मक संस्कृत व्याकरण शिविर प्रारंभ हुआ।
पटना ३१ दिसंबर। संस्कृत संरक्षण समिति एवं विहार संस्कृत संजीवन समाज पटना के तत्वावधान में मदन मोहन मालवीय स्मृति अन्तर्राष्ट्रीय अन्तर्जालीय दशदिवसात्मक संस्कृत व्याकरण शिविर का प्रारंभ भव्य संस्कृत वातावरण में किया गया।
डा मुकेश कुमार ओझा, जो संस्कृत संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विहार संस्कृत संजीवन समाज पटना के महासचिव हैं, ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि पं मदनमोहन मालवीय जैसे व्यक्ति ने अपने जीवन से राष्ट निर्माण और संस्कृत भाषा को समर्पित किया।उनका योगदान हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। व्याकरण के बिना भाषा की शुद्धता असंभव है।
गंगा देवी महिला महाविद्यालय पटना की संस्कृत विभागाध्यक्षा डा रागिनी वर्मा अपने उद्धघाटन भाषण में कहा कि मदनमोहन मालवीय जी का योगदान भारतीय संस्कृति के लिए अद्भुत है। उनकी स्मृति में संस्कृत व्याकरण शिविर का आयोजन अति सम्यक् कार्य है।
मुख्य अतिथि डा महेश केवट ने कहा कि संस्कृत व्याकरण नहीं जानने कारण ही आज संस्कृत में विचार व्यक्त करना कठिन लगता है। विशिष्ट अतिथि सौरभ शर्मा ने भी कहा कि संस्कृत भाषा की शुद्धता के लिए व्याकरण का ज्ञान आवश्यक है।
आगत अतिथियों का स्वागत संरक्षण समिति की उपाध्यक्ष डॉ लीना चौहान ने की धन्यवाद ज्ञापन समिति की राष्ट्रीय सचिव सुजाता घोष ने की।
इस अवसर पर मुरलीधर शुक्ल, नेहा भारती, तारा विश्वकर्मा,पबन छत्री , उपासना आर्या आदि ने भी अपने विचारों में संस्कृत व्याकरण के महत्व पर प्रकाश डाला।