Sweet Memories: Doordarshan – राजा और रेंचो की याद भी उन दिनों की एक प्यारी याद है जब दूरदर्शन पर सीरियल्स चला करते थे और हम दूरदर्शन के दीवाने हुआ करते थे..
वो किड्स ऑफ़ 90s जो इंडिया में पले-बढ़े हैं, उन्हें “राजा और रेंचो” दूरदर्शन पर ना देखा हो, ये हो ही नहीं सकता। बहुत रेअर चांस है इसका कि उस वक्त की पीढ़ी इस शो से वाकिफ़ ना हो। भाई साहब अपने समय का बहुत बडा़ हिट शो था ये। राजा और बंदर रेंचो मिलकर बड़ी मज़ेदार कहानियां लेकर आते थे।
और कई रहस्य और गुत्थियां सुलझाते थे। फिर एक दिन अचानक राजा रेंचो बंद हो गया। उस ज़माने में सोशल मीडिया और न्यूज़ मीडिया तो था नहीं जो पता चल पाता कि क्यों बंद हुआ? बस बंद हो गया तो हो गया। अब कुछ और देखना शुरू कर दो। वैसे भी घरवाले कुछ ही देर टीवी देखने देते थे। तब ही जब खुद देखते थे।
मैं उस वक्त सातवीं या आठवीं कक्षा में था जब एक दिन स्कूल में हमें किसी ने बताया कि पास ही के एक घर में वेद थापर आए हुए हैं। फिर क्या था? हमारे स्कूल के ढेर सारे बच्चे चल दिए उस घर की तरफ़। वहां पहुंचे तो उस घर के मालिक, जो उस इलाके में अच्छा प्रभुत्व रखते थे, उन्होंने बड़े प्यार से कहा कि वो तो चले गए थोड़ी देर पहले।
बड़ी निराशा हुई हम सभी को। आ गए उदास होकर। उस दिन मिल लेते तो मिल ही लेते। आज तक तो वेद थापर जी से कभी मुलाकात हो नहीं सकी। अब तो ये मेरठ आते भी हैं या नहीं, पता नहीं। क्योंकि अब इनका परमानेंट ठिकाना मुंबई है। और हम भी कभी दिल्ली तो कभी कहीं और कभी कहीं। बस ससुर मुंबई की तरफ़ ही जाना नहीं हो पाता।
तो साहब आज राजा रेंचो वाले राजा, यानि अभिनेता वेद थापर जी का जन्मदिन है। साल 1970 में वेद जी का जन्म हुआ था। और जानते हैं वेद थापर जी कहां के रहने वाले हैं? हमारे मेरठ शहर के। बहुत दिलचस्प कहानी है इनकी भी। ये अभिनेता कैसे बने? ये जानने लायक है। ये भी किसी ज़माने में इप्टा की मेरठ शाखा के सदस्य हुआ करते थे।
वहीं से इनके लिए रास्ता अपने आप बनता चला गया। वेद थापर जी की पूरी कहानी हमने एक लेख में विस्तार से लिखी है। वो लेख आपको कमेंट सेक्शन में मिल जाएगा। पढ़िएगा ज़रूर। बहुत कुछ रोचक है इनके बारे में जानने के लिए।
(अज्ञात वीर)