आज जब तुम शहर में नहीं हो
मैंने चौराहे पर
खड़े हो कर
खुले आम सिगरेट पी
सिगरेट तुमको बहुत नापसंद है न ?
आज जब तुम शहर में नहीं हो
मैं सड़क पर
बारिश में भीगती
लड़कियों को देखने में
नहीं झिझका
ये भी तुमको बहुत नापसंद था न ?
आज जब तुम शहर में नहीं हो
मैंने अपनी दाढ़ी
बिलकुल साफ़ कर ली है
मेरी दाढ़ी भी
तुमको बहुत पसंद थी न ?
आज जब तुम शहर में नहीं हो !
- सुनील सरहद (भोपाल)