3 Years Old Chess Master: 3 साल के सर्वज्ञ सिंह कुशवाहा दुनिया के सबसे कम उम्र के FIDE रेटिंग पाने वाले शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं..
भारत के सर्वज्ञ सिंह कुशवाहा ने महज 2.5 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया था। अब वे रोज़ लगभग पांच घंटे शतरंज खेलते और सीखते हैं। सिर्फ 3 साल, 7 महीने और 20 दिन की उम्र में उन्होंने FIDE रेटिंग हासिल कर ली है, जिससे वे दुनिया के सबसे कम उम्र के FIDE रेटेड खिलाड़ी बन गए हैं।
आज के समय में शतरंज खेलने वाले बच्चों की उम्र लगातार कम होती जा रही है। कई बच्चे तो अभी अक्षर पहचानने से पहले ही शतरंज सीखना शुरू कर देते हैं। पिछले साल कोलकाता के तीन साल के अनिश सरकार ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था। अनिश ने यूट्यूब वीडियो देखकर शतरंज सीखी और स्मदर्ड मेट और डबल रूख सैक्रीफाइस चेकमेट जैसी कठिन चालें दिखाईं। उस समय अनिश को 1555 की FIDE रेटिंग मिली थी और वे तब सबसे छोटे रेटेड खिलाड़ी थे।
इतिहास के सबसे छोटे रेटेड खिलाड़ी
अब मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले सर्वज्ञ सिंह कुशवाहा ने यह रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिसंबर की नई FIDE सूची में उन्हें 1572 की रैपिड रेटिंग मिली है, जो अनिश से करीब एक महीने कम उम्र में हासिल की गई। अभी यह पूरी तरह तय नहीं है कि वे इतिहास के सबसे छोटे रेटेड खिलाड़ी हैं या नहीं, लेकिन इसकी संभावना बहुत ज़्यादा है, क्योंकि FIDE के डाटाबेस में 2022 में जन्मा कोई और बच्चा शामिल नहीं है।
नर्सरी स्कूल में पढ़ने वाले सर्वज्ञ रोज़ 4 से 5 घंटे शतरंज को देते हैं। उनके माता-पिता के अनुसार, वे एक घंटा स्थानीय ट्रेनिंग सेंटर में अभ्यास करते हैं और बाकी समय वीडियो देखकर या ऑनलाइन गेम खेलकर सीखते हैं।
‘उसका दिमाग स्पंज की तरह है’
सर्वज्ञ के पिता सिद्धार्थ कुशवाहा ने मीडिया को बताया, – “हमने पिछले साल उसे शतरंज खेलने के लिए प्रेरित किया क्योंकि हमने देखा कि उसका दिमाग स्पंज की तरह है और वह चीज़ें बहुत जल्दी सीख लेता है। शतरंज सिखाने के सिर्फ एक हफ्ते के भीतर ही वह सभी मोहरों के नाम सही-सही बताने लगा था।”
‘धैर्य रखने की क्षमता’
माता-पिता ने यह भी बताया कि उन्होंने शुरुआत में बच्चे का स्क्रीन टाइम कम करने के लिए शतरंज सिखानी चाही, लेकिन वे खुद हैरान रह गए कि वह गेम कितनी जल्दी समझने लगा।
पिता ने कहा, – “उसे शतरंज बहुत पसंद है। अगर आप उसे आधी रात में भी जगा कर खेलने को कह दें, तो वह बिना थके घंटों खेल सकता है। उसकी उम्र के दूसरे बच्चों से उसे अलग बनाती है उसकी धैर्य रखने की क्षमता—वह बोर्ड पर देर तक शांत बैठा रहता है और बेचैन नहीं होता।”
पहले ही प्रयास में शानदार रेटिंग हासिल की
FIDE की शुरुआती रेटिंग पाने के लिए किसी खिलाड़ी को कम से कम पांच रेटेड खिलाड़ियों के खिलाफ अंक हासिल करने होते हैं और उसका प्रदर्शन 1400 की न्यूनतम रेटिंग से बेहतर होना चाहिए। एक छोटे बच्चे के लिए यह बहुत बड़ी चुनौती होती है, क्योंकि कई बार उसे बोर्ड तक पहुंचने के लिए कुर्सी पर खड़ा होना पड़ता है।
इसके बावजूद सर्वज्ञ ने अपने पहले ही प्रयास में 1572 की शानदार रेटिंग हासिल की। उन्होंने 8 रेटेड मैचों में से 5 मैच जीते और ऐसे खिलाड़ियों को हराया जो उनसे उम्र में दस गुना बड़े थे।
उनकी कुछ बड़ी जीतें इस प्रकार हैं –
24वां RCC इंटरनेशनल FIDE रैपिड कप (मंगलुरु): 22 साल के अभिजीत अवस्थी (रेटिंग 1542) को हराया
दूसरा श्री दादाजी धुनिवाले ओपन (खंडवा): 29 साल के शुभम चौरसिया (1559) को मात दी
डॉ. अजीत कसलीवाल मेमोरियल ऑल इंडिया ओपन रैपिड (इंदौर): 20 साल के योगेश नामदेव (1696) को हराया
पहला GH रायसोनी मेमोरियल (छिंदवाड़ा): अभिजीत अवस्थी को दोबारा हराकर आख़िरी ज़रूरी परिणाम हासिल किया
सर्वज्ञ सिंह कुशवाहा भारतीय राष्ट्रीय टीवी चैनलों पर भी दिखाए जा चुके हैं। अब उन्हें नियमित कोचिंग दी जा रही है। उनके कोच नितिन चौरसिया ने कहा, – “जब पिछले साल उनके माता-पिता पहली बार मुझे ट्रेनिंग के लिए मिले, तो वह एक बिल्कुल सामान्य बच्चा लगा। लेकिन जल्द ही उसकी शतरंज खेलने की क्षमता साफ दिखने लगी।”
कोच का मानना है कि सर्वज्ञ भविष्य में दुनिया के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर भी बन सकते हैं। अभी यह रिकॉर्ड अभिमन्यु मिश्रा के नाम है, जिन्होंने 12 साल, 4 महीने और 25 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी।
कोच ने बताया, – “हम आगे और अच्छे कोच खोजेंगे, जो उसे इस लक्ष्य के लिए तैयार कर सकें। हो सकता है कि उसे ऑनलाइन कोचिंग भी दिलाई जाए।”



