Wednesday, January 22, 2025
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Nathuram Godse Birth Day: पंडित नाथुराम गोडसे की जन्म तिथि पर एक अमूल्य कविता

आज नाथूराम गोडसे की जन्म तिथि है ! वर्षों बाद किसी अज्ञात कवि ने दबे सच को फिर से उजागर करने की कोशिश की है ! आप सभी साहित्य प्रेमी पाठकों के लिए कवि की मूल कविता नीचे विस्तार से लिखी गयी है !
यह कविता आज सुबह से सोशल मीडिया पर भारी संख्या में शेयर की जा रही हैं !
_________
माना गांधी ने कुछ कष्ट सहे थे,
अपनी पूरी निष्ठा से।
और भारत प्रख्यात हुआ है,
उनकी अमर प्रतिष्ठा से ॥
किन्तु अहिंसा सत्य कभी,
अपनों पर ही ठन जाता है।
घी और शहद अमृत हैं पर,
मिलकर के विष बन जाता है।।
अपने सारे निर्णय हम पर,
थोप रहे थे गांधी जी।
तुष्टिकरण के खूनी खंजर,
घोंप रहे थे गांधी जी ॥
महाक्रांति का हर नायक तो,
उनके लिए खिलौना था ।
उनके हठ के आगे,
जम्बूदीप भी बौना था ॥
इसीलिये भारत अखण्ड,
अखण्ड भारत का दौर गया।
भारत से पंजाब, सिंध,
रावलपिंडी, लाहौर गया॥
तब जाकर के सफल हुए,
जालिम जिन्ना के मंसूबे ।
गांधी जी अपनी जिद में,
पूरे भारत को ले डूबे ॥
भारत के इतिहासकार,
थे चाटुकार दरबारों में ।
अपना सब कुछ बेच चुके थे,
नेहरू के परिवारों में ॥
भारत का सच लिख पाना,
था उनके बस की बात नहीं।
वैसे भी सूरज को लिख पाना,
जुगनू की औकात नहीं ॥
आजादी का श्रेय नहीं है,
गांधी के आंदोलन को ।
इन यज्ञों का हव्य बनाया,
शेखर ने पिस्टल गन को ॥
जो जिन्ना जैसे राक्षस से,
मिलने जुलने जाते थे ।
जिनके कपड़े लन्दन, पेरिस,
दुबई में धुलने जाते थे ॥

 

Thinker, Speaker and Writer Godse
Thinker, Speaker and Writer Godse
कायरता का नशा दिया है,
गांधी के पैमाने ने ।
भारत को बर्बाद किया,
नेहरू के राजघराने ने ॥
हिन्दू अरमानों की *जलती,
एक चिता थे गांधी जी ।
कौरव का साथ निभाने वाले,
भीष्म पिता थे गांधी जी ॥
अपनी शर्तों पर इरविन तक,
को भी झुकवा सकते थे ।
भगत सिंह की फांसी को,
दो पल में रुकवा सकते थे।।
मन्दिर में पढ़कर कुरान,
वो विश्व विजेता बने रहे ।
ऐसा करके मुस्लिम जन,
मानस के नेता बने रहे ॥
एक नवल गौरव गढ़ने की,
हिम्मत तो करते बापू ।
मस्जिद में गीता पढ़ने की,
हिम्मत तो करते बापू ॥
रेलों में, हिन्दू काट-काट कर,
भेज रहे थे पाकिस्तानी ।
टोपी के लिए दुखी थे वे,
पर चोटी की एक नहीं मानी॥
मानों फूलों के प्रति ममता,
खतम हो गई माली में ।
गांधी जी दंगों में बैठे थे,
छिपकर नोवाखाली में॥

 

Rashtra Bhakt Godse with other revolutionaries
Rashtra Bhakt Godse with other revolutionaries
तीन दिवस में श्री राम का,
धीरज संयम टूट गया ।
सौवीं गाली सुन कान्हा का,
चक्र हाथ से छूट गया॥
गांधी जी की पाक-परस्ती पर,
जब भारत लाचार हुआ ।
तब जाकर नाथू,
बापू वध को मज़बूर हुआ॥
गये सभा में गांधी जी,
करने अंतिम प्रणाम।
ऐसी गोली मारी गांधी को,
याद आ गए श्री राम॥
मूक अहिंसा के कारण ही,
भारत का आँचल फट जाता ।
गांधी जीवित होते तो,
फिर देश, दुबारा बंट जाता॥
थक गए हैं हम प्रखर सत्य की,
अर्थी को ढोते ढोते ।
कितना अच्छा होता जो,
नेता जी ( सुभाष बोस)* राष्ट्रपिता होते॥
नाथू को फाँसी लटकाकर,
गांधी जी को न्याय मिला ।
और मेरी भारत माँ को,
बंटवारे का अध्याय मिला॥
लेकिन
जब भी कोई भीष्म,
कौरव का साथ निभाएगा ।
तब-तब कोई अर्जुन रण में,
उन पर तीर चलाएगा॥

 

Amar Balidaani Godse
Amar Balidaani Godse
अगर गोडसे की गोली,
उतरी ना होती सीने में।
तो हर हिन्दू पढ़ता नमाज,
फिर मक्का और मदीने में॥
भारत की बिखरी भूमि,
अब तक समाहित नहीं हुई ।
नाथू *की रखी *अस्थि,
अब तक प्रवाहित नहीं हुई॥
इससे पहले अस्थिकलश को,
सिंधु सागर की लहरें सींचे।
पूरा पाक समाहित कर लो,
इस भगवा झंडे के नीचें ॥
(अज्ञात)
_________
राष्ट्रभक्त पंडित नाथू राम गोडसे को उनके जन्मदिवस पर शत शत नमन !!
(भारत के इस सत्य इतिहास को प्रसारित करने के लिए शेयर अवश्य करें)

ये भी पढ़ें: RSS Prayer: ये है विश्व का सर्वोत्तम राष्ट्रभक्ति गीत

 

Parijat Tripathi
Parijat Tripathi
Parijat Tripathi , from Delhi, continuing journey of journalism holding an experience of around three decades in TV, Print, Radio and Digital Journalism in India, UK & US, founded Radio Hindustan & News Hindu Global.

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