Cricket: Rahul Dravid एक महारथी थे एक ज़माने में टीम इण्डिया के..देश के क्रिकेट के लिए उन्होंने बड़ी जिम्मेदारियां निभाई हैं..
साल 1998. राहुल द्रविड़, एक युवा भारतीय क्रिकेटर. स्टीव वॉ, ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज. द्रविड़ ने वॉ से रिक्वेस्ट करी कि वह गेम के मेंटल साइड से निपटने में उनकी हेल्प करें द्रविड़, वॉ के बड़े फैन थे और उनसे दबाव से निपटने की कला सीखना चाहते थे उन्होंने वॉ से काफी देर तक चर्चा की नई चीजें सीखी.
2003 में इंडियन क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया टूर पर थी पहला टेस्ट ड्रॉ रहा दूसरे टेस्ट में स्टीव वॉ ने टॉस जीता पहले बैटिंग का फैसला कर लिय डेब्यू कर रहे इरफान पठान ने सिर्फ 22 के टोटल पर मैथ्यू हेडेन का विकेट झटक लिया लेकिन यह ऑस्ट्रेलिया थी, जहां सातवें नंबर पर एडम गिलक्रिस्ट आते थे लेकिन और अभी तो रिकी पॉन्टिंग आ रहे हैं 22 के टोटल पर पॉन्टिंग आए और जब लौटे तब स्कोरबोर्ड पर 556 रन चढ़ चुके थे
अब बारी आई बैटिंग में टीम इंडिया ने सिर्फ 85 रन पर टॉप के चार विकेट गंवा दिए आकाश चोपड़ा, विरेंदर सहवाग और सचिन तेंडुलकर को एंडी बिकेल ने चलता किया सौरव गांगुली रनआउट हो गए अब क्रीज पर थे राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण , जेसन गिलेस्पी की फेंकी हुई पर राहुल द्रविड़ क्रीज में थोड़ा पीछे गए और बॉल पर शानदार चौका मार दिया उसके बाद एंडी बिकेल पहली तीन गेंदों पर कोई रन नहीं चौथी गेंद, थोड़ी शॉर्ट थी द्रविड़ ने ऑफ स्टंप के बाहर की इस गेंद को पुल करके लेग साइड की बाउंड्री के बार भेज दिया
अगली गेंद फुल लेंथ थी द्रविड़ ने इसे सीधे बल्ले से बाउंड्री के बाहर भेजा और एक बार फिर कॉमेंटेटर वाह-वाह कर उठे दूसरे दिन का खेल खत्म हुआ भारत का स्कोर 180 पर चार विकेट लक्ष्मण 55 और द्रविड़ 43 रन बनाकर खेल रहे थे दोनों के बीच 95 रन की पार्टनरशिप हो चुकी थी. ऑस्ट्रेलिया को अब एडिलेड में ईडन गार्डन्स के सपने आने लगे थे
द्रविड़ और लक्ष्मण ने लगभग एक स्पीड से रन बनाने शुरू किए दोनो के बीच साझेदारी बढ़ती जा रही थी द्रविड़ 98 और लक्ष्मण 91 रन पर खेल रहे थे अभी तक एक भी विकेट ना ले पाए जेसन गिलेस्पी ने यहां एक तीखी बाउंसर मारी आमतौर पर द्रविड़ ऐसी गेंदों को छोड़ देते थे लेकिन उस दिन ऐसा नहीं हुआ उन्होंने इस तीखी गेंद को उतने ही करारे ढंग से हुक किया और बॉल छह रन के लिए फाइन लेग बाउंड्री के बाहर पहुंच गई.
थोड़ी ही देर में लक्ष्मण ने भी अपनी सेंचुरी पूरी की. लक्ष्मण के साथ 303 रन की पार्टनरशिप के बाद भी द्रविड़ नहीं रुके. वह 233 रन बनाकर आखिरी विकेट के रूप में आउट हुए. द्रविड़ की 594 मिनट की बैटिंग का कमाल था कि भारत पहली पारी में सिर्फ 33 रन ही पीछे रहा. हालांकि इन सबके बीच अब टेस्ट में बस पांच सेशन का खेल था.सबको लगा कि मैच ड्रॉ होगा या फिर ऑस्ट्रेलिया अब भी इसे जीत लेगी.
ऑस्ट्रेलियन ओपनर आए लेकिन छा नहीं पाए आगरकर ने दूसरे ही ओवर में जस्टिन लैंगर को चलता कर दिया थोड़ी ही देर में पहली पारी के हीरो पॉन्टिंग बिना खाता खोले वापस जा चुके थे आगरकर ने मैच में 41 रन देकर छह विकेट निकाले ऑस्ट्रेलिया 196 पर सिमट गया अब भारत को जीत के लिए 230 रन की जरूरत थी जो भारत में बना लिए और मैच जीत लिया, दक्षिणी अफ्रीकी कप्तान केपलर वेसल्स के बाद यह भारत की टीम ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच लीड करने वाली दूसरी टीम बन गई।