World Environment Day in London एक वृक्षारोपण नहीं, बल्कि राष्ट्र और संस्कृति के प्रति निष्ठा का प्रतीक बना है..
लंदन | 5 जून 2025. विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लंदन की धरती भारतीय मूल्यों, प्रकृति प्रेम और पर्यावरणीय समर्पण का सजीव मंच बन गई। Hayes स्थित Navnat Centre में आयोजित एक विशेष समारोह में, यूके में बसे सैकड़ों भारतीय परिवारों ने मिलकर वृक्षारोपण किया और “एक पेड़ माँ के नाम” — इस आध्यात्मिक संकल्प को साकार किया।
इस आयोजन की गरिमा को और ऊंचाई मिली भारत सरकार के माननीय कानून एवं न्याय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल जी की उपस्थिति से, जिन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए एक पौधा रोपा। उनकी सहभागिता ने इस आयोजन को केवल एक वृक्षारोपण नहीं, बल्कि राष्ट्र और संस्कृति के प्रति निष्ठा का प्रतीक बना दिया।
यह पहल भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से प्रेरित है, जिन्होंने कहा था:
“प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और पर्यावरण की रक्षा, यह केवल नीति नहीं, हमारी संस्कृति है। माँ को समर्पित एक पेड़, धरती को जीवन देता है और आने वाली पीढ़ियों को आश्रय प्रदान करता है।”
श्री कुलदीप सिंह शेखावत जी, यूके स्थित भारतीय समुदाय की अग्रणी आवाज़, ने कहा:
“जब कोई भारतीय, अपनी मातृभूमि से हजारों मील दूर, अपनी माँ के नाम पर पेड़ लगाता है — तो वह केवल हरियाली नहीं बोता, वह भारत की आत्मा, उसकी संस्कृति और ऋषि-परंपरा को सजीव करता है। यह मातृभूमि और मातृप्रकृति — दोनों के चरणों में एक श्रद्धा है।”
श्री प्रशांत कुमार, जो बिहार और झारखंड से हैं और वर्तमान में लंदन में पार्षद पद के प्रत्याशी हैं, ने इस अवसर पर अत्यंत भावपूर्ण शब्दों में कहा:
“भारत केवल भूमि नहीं है — वह एक जीवंत चेतना है। वह परंपरा की गोद में पलती है और संस्कृति के दीप से ज्योति प्राप्त करती है। इस पावन भूमि ने हमें कर्तव्य की गीता, प्रेम की रामायण और त्याग की अमर गाथाएँ दीं।
आज जब लंदन की धरती पर माँ के नाम पर एक वृक्ष रोपा गया, तो वह केवल पर्यावरण संरक्षण नहीं था — वह भारत की सनातन आत्मा का वैश्विक उद्घोष था। जहाँ माँ केवल जन्मदायिनी नहीं, पूज्य है; और वृक्ष केवल लकड़ी नहीं, जीवन है।”
“यह वृक्ष माँ के चरणों में एक जीवित वंदन है। इसकी जड़ें उस माटी से जुड़ी हैं जहाँ राम चले थे, शिव रुके थे और बुद्ध जागे थे। इसकी शाखाएँ भविष्य की ओर फैली हैं — आशा, संस्कार और सत्कर्म की छाया देती हुईं।”
**“हर भारतीय — चाहे वह हिमालय की छाया में हो, समुद्र की लहरों के पास हो, या सात समंदर पार — आज यह संकल्प लें:
🌱 एक पेड़ माँ के नाम 🌱
यह केवल हरियाली का अभियान नहीं है, यह मातृऋण का उत्तर है। यह वृक्ष हमारी सभ्यता की एक जीवित प्रतिमा है — एक वृक्ष = एक प्रण = एक भारत।”
इस आयोजन में महिलाओं, युवाओं और बच्चों ने भी पूरे उत्साह के साथ भाग लिया और संकल्प लिया कि वे भारत की आध्यात्मिक और पर्यावरणीय परंपराओं को पूरे विश्व में जीवंत रखेंगे — और आने वाली पीढ़ियों के लिए हरियाली, श्रद्धा और संस्कृति के बीज बोते रहेंगे।
(संपर्क: प्रशांत कुमार, पार्षद पद प्रत्याशी – लंदन (भारतीय मूल, बिहार एवं झारखंड) & संयोजक – ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (OFBJP) UK – Jharkhand & Bihar)