Mahakaleshwar Bhasm Aarti: यह आरती प्राचीन काल से चली आ रही एक अनुपम परंपरा है, जिसमें भगवान महाकाल के विग्रह पर पवित्र भस्म अर्पित की जाती है..
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर न केवल अपनी आध्यात्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ प्रतिदिन प्रातः काल में होने वाली भस्म आरती भी श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। यह आरती प्राचीन काल से चली आ रही एक अनुपम परंपरा है, जिसमें भगवान महाकाल के विग्रह पर पवित्र भस्म अर्पित की जाती है।
क्या होती है भस्म आरती और कैसे होती है इसकी तैयारी?
भस्म आरती, महाकालेश्वर मंदिर की सबसे विशिष्ट पूजा विधि है। मान्यता है कि इससे आत्मिक शुद्धि होती है और भक्त महाकाल की दिव्य ऊर्जा से साक्षात्कार कर पाते हैं। यह आरती रोज़ाना सूर्योदय से पहले होती है और लगभग दो घंटे तक चलती है। इस दौरान वैदिक मंत्रों और शंखध्वनि के साथ भगवान शिव का भव्य श्रृंगार किया जाता है और उन्हें विशेष प्रकार की भस्म से अभिषेक किया जाता है।
क्या सच में श्मशान की राख होती है प्रयोग में?
अक्सर कहा जाता है कि महाकाल की भस्म आरती में श्मशान की राख का प्रयोग होता है। लेकिन धार्मिक विशेषज्ञ भावेश भीमानथानी के अनुसार, यह धारणा अब पूरी तरह सत्य नहीं है। उनका कहना है कि पहले भस्म श्मशान से लाई जाती थी, पर अब यह परंपरा बदली जा चुकी है।
वर्तमान में मंदिर में प्रयोग होने वाली पवित्र भस्म चंदन, कपिला गाय के गोबर से बने कंडों, तथा शमी, पीपल, पलाश, बरगद, अमलतास, और बेर जैसे धार्मिक वृक्षों की लकड़ियों को एकत्र जलाकर बनाई जाती है। इस भस्म को विशेष विधि और शुद्धता से तैयार किया जाता है।
भस्म आरती की महिमा और प्रसिद्ध व्यक्तित्वों की आस्था
भस्म आरती का दिव्य दर्शन करने देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु उज्जैन आते हैं। यह आरती केवल आम भक्तों के लिए ही नहीं, बल्कि देश के प्रमुख हस्तियों के लिए भी आध्यात्मिक आकर्षण का केंद्र रही है।
हाल ही में महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने और भस्म आरती में सम्मिलित होने वाले प्रसिद्ध लोगों में शामिल हैं:
बॉलीवुड सिंगर अरिजीत सिंह
क्रिकेटर विराट कोहली व अभिनेत्री अनुष्का शर्मा
साउथ सुपरस्टार यश
टीवी एक्ट्रेस रूपाली गांगुली
अभिनेत्री सारा अली खान सहित कई अन्य
इन सभी ने महाकाल के दिव्य रूप और आरती की अलौकिक अनुभूति का अनुभव किया।
आध्यात्मिक सार:
महाकाल की भस्म आरती केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मा को परमशक्ति से जोड़ने वाली एक जीवंत परंपरा है। यह दर्शाती है कि प्रेम, भक्ति और त्याग से युक्त श्रद्धा, भगवान को प्राप्त करने का सर्वोत्तम मार्ग है।
क्या आप भी महाकाल की भस्म आरती का अनुभव करना चाहेंगे?
यदि हाँ, तो “जय महाकाल” बोल कर अपनी श्रद्धा प्रकट करें।