Sawan Somwar 2025: बाबा बैद्यनाथ धाम को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।
सावन के पवित्र महीने की दूसरी सोमवारी पर झारखंड के प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम में आज भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत नजारा देखने को मिला। हजारों-लाखों श्रद्धालु ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के नारों के साथ बाबा की नगरी पहुंचे। मंदिर परिसर पूरी तरह शिवमय हो गया।
108 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे कांवड़िये
सुल्तानगंज की उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरकर लाखों कांवड़िये करीब 108 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा पूरी करके देवघर पहुंचे और बाबा को जल अर्पित किया। यह यात्रा न केवल आस्था की पराकाष्ठा है, बल्कि शिवभक्ति की गहराई को भी दर्शाती है।
भोर में खुले मंदिर के कपाट, शुरू हुआ जलार्पण
सोमवार की सुबह 4:07 बजे परंपरागत पूजा के साथ मंदिर के कपाट खुले और श्रद्धालुओं द्वारा जल चढ़ाने का सिलसिला शुरू हो गया। सुबह 8 बजे तक लाइन 10 किलोमीटर लंबी हो चुकी थी। अनुमान है कि आज करीब 3 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा पर जल चढ़ाएंगे।
कामदा एकादशी का दुर्लभ संयोग
इस बार दूसरी सोमवारी के साथ कामदा एकादशी का शुभ संयोग बना है। बाबा धाम के तीर्थ पुरोहित लंबोहर परिहस्त ने बताया कि यह दिन और भी पुण्यकारी माना जाता है, क्योंकि धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु ने स्वयं बैद्यनाथ शिवलिंग पर जल चढ़ाकर लोक कल्याण की कामना की थी।
रात में होगा विशेष बेलपत्र रुद्राभिषेक
सोमवार रात 10 बजे विशेष पूजा का आयोजन होगा जिसमें मंदिर के पुजारी बेलपत्र चढ़ाकर बाबा का रुद्राभिषेक करेंगे। यह पूजा खासतौर पर उन श्रद्धालुओं के लिए की जाती है जो विशेष मनोकामना लेकर आते हैं।
प्रशासन ने कसी कमर, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं। देवघर के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने सुबह स्वयं कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया और सभी अधिकारियों को पूरी सतर्कता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया।
इस बार VIP और VVIP दर्शन पर रोक, आउट ऑफ टर्न और स्पर्श दर्शन पर भी पाबंदी लगाई गई है। सभी श्रद्धालुओं को अरघा (जल चढ़ाने के पात्र) के माध्यम से ही जल अर्पण करने की अनुमति दी गई है।
बाबा बैद्यनाथ: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक
बाबा बैद्यनाथ धाम को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। सावन का यह पावन महीना विशेष रूप से बाबा की भक्ति और कृपा पाने का श्रेष्ठ समय माना जाता है।
(प्रस्तुति -किसलय इन्द्रनील)