Tuesday, October 21, 2025
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Editorial on जलता Nepal : अपनी मातृभूमि को आग लगाना क्रान्ति नहीं है!

Editorial on जलता Nepal: अपनी मातृभूमि के ऐसे शत्रु डीप स्टेट के खरीदे हुए गद्दार हैं !..

(Editorial on जलता Nepal)

 

नेपाल में जो हो रहा है
उसे क्रान्ति मत कहिये
क्रान्ति को बदनाम न कीजिये !
अनपढ़ बेरोजगार दिशाहीन
और संस्कार-विहीन युवा से
चरित्रवान होने की अपेक्षा मत कीजिये
ये न हिन्दू हैं न नेपाली हैं
ये मोबाइल ड्रिवेन जेन ज़ी है !
ये लोग देश नहीं अपना घर जला रहे हैं
आप भी वही कर रहे हो
जो आपके नेता कर रहे थे
वो घटिया लोग चोरी-चोरी देश जला रहे थे
आप खुल्लेआम जला रहे हैं !
करप्शन पर क्रोध है
सरकार से गुस्सा है
तो आप बैंक होटल रेलवे और महिलाओं को
आग क्यों लगा रहे हो?
अपनी मातृभूमि के ऐसे शत्रु
डीप स्टेट के खरीदे हुए गद्दार हैं !
सरकार गिराऔ बिलकुल सही काम है
पर देश जला कर आप जाहिर कर देते हो
कि आप दरअसल हो क्या !
इस लूट-पाट आगजनी से मिलने वाला आनंद
ऐसे लोगों को एक संतोष अवश्य देता है
इनके भीतर के असुर को
लगता है कि कमाल कर दिया
पर देश निर्माण के किसी आवाहन पर
पर्यावरण जल वृक्ष और समाज की रक्षा के
किसी आदर्श आवाहन पर
ये मानव-रूपी जन्तु क्या सड़कों पर उतरेंगे ?
समझ लीजिये ये लोग कौन हैं
और तख्ता-पलट के नाम पर
देश का नाश क्यों कर रहे हैं
पप्पू पप्पी कांगी वामी सिक्यलर गद्दार कृतघ्न
बिके हुए देश के दुश्मन सिर्फ भारत में ही नहीं हैं..
(त्रिपाठी पारिजात)
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