Tuesday, October 21, 2025
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Pakistan: क्या पापिस्तान की सुरक्षा संभाल पाएगा सऊदी अरब? जानिए उसके पास कितने & कौन से हथियार हैं

Pakistan: पापिस्तान के साथ सऊदी अरब के रिश्ते भी लंबे समय से गहरे रहे हैं..आर्थिक मदद, तेल की आपूर्ति और सैन्य सहयोग—सऊदी ने हमेशा पापिस्तान का साथ दिया है..

Pakistan: पापिस्तान के साथ सऊदी अरब के रिश्ते भी लंबे समय से गहरे रहे हैं..आर्थिक मदद, तेल की आपूर्ति और सैन्य सहयोग—सऊदी ने हमेशा पापिस्तान का साथ दिया है..

सऊदी अरब मध्य पूर्व की सबसे ताकतवर सेनाओं में गिना जाता है। तेल की कमाई से यह देश अपनी फौज को दुनिया के सबसे आधुनिक हथियारों से लैस करता है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (GFP) 2025 के मुताबिक, सऊदी अरब की सैन्य ताकत दुनिया में 24वें स्थान पर है।

वहीं, पापिस्तान के साथ इसके रिश्ते भी लंबे समय से गहरे रहे हैं। आर्थिक मदद, तेल की आपूर्ति और सैन्य सहयोग—सऊदी ने हमेशा पापिस्तान का साथ दिया है। लेकिन बड़ा सवाल है: क्या सऊदी अरब पापिस्तान को उतनी ही मदद दे पाएगा जितनी तुर्की करता है?

सऊदी अरब की सैन्य ताकत

GFP-2025 में 145 देशों की सेनाओं का आकलन किया गया। इसमें सैनिक संख्या, हथियार, वित्तीय स्थिति और भूगोल जैसे 60 से ज्यादा कारकों को शामिल किया गया। सऊदी अरब का पावर इंडेक्स स्कोर 0.4201 रहा (जितना कम, उतनी ताकतवर सेना मानी जाती है)।

कुल सैनिक: 3.5 लाख (सक्रिय – 2.25 लाख, रिजर्व – 1.25 लाख)

सेना (आर्मी): 1055 टैंक (315 M1A2 अब्राम्स, 450 M60A3), 8200+ बख्तरबंद वाहन, 1100+ तोपखाने

वायुसेना: 1106 विमान, जिनमें 349 फाइटर जेट (F-15SA, यूरोफाइटर टाइफून, टॉरनेडो IDS), 12 अपाचे हेलीकॉप्टर और 1000+ एयर डिफेंस मिसाइलें

नौसेना: 34,000 सैनिक, 7 फ्रिगेट, 4 कोरवेट, 59 पैट्रोल वेसल

रणनीतिक हथियार: 10 DF-21 बैलिस्टिक मिसाइल (चीन से खरीदी गई)

सऊदी अरब का वार्षिक रक्षा बजट 75 अरब डॉलर से ज्यादा है, जो दुनिया में सबसे ऊँचे बजट में गिना जाता है। इसके प्रमुख सप्लायर्स हैं – अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन।

हथियारों का जखीरा

सऊदी फौज दुनिया की सबसे महंगी और हाई-टेक हथियारों वाली सेनाओं में मानी जाती है।

जमीनी हथियार: M1A2 अब्राम्स टैंक, M2 ब्रैडली IFV, M109 तोपें, TOW एंटी-टैंक मिसाइलें

आसमान के हथियार: F-15SA, यूरोफाइटर, टॉरनेडो फाइटर जेट्स, MQ-9B रीपर ड्रोन, अपाचे और ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर

समुद्री हथियार: अल-मदीनाह फ्रिगेट, अवाड कोरवेट, हार्पून एंटी-शिप मिसाइलें

नई डील (2025): 142 अरब डॉलर का अमेरिकी सौदा, जिसमें F-35 जेट, MQ-9B ड्रोन, THAAD मिसाइल सिस्टम और आधुनिक कमांड-कंट्रोल तकनीक शामिल है।

पापिस्तान के साथ सैन्य सहयोग

सऊदी और पापिस्तान के रक्षा रिश्ते 1960 के दशक से मजबूत हैं।

1967: पहला डिफेंस प्रोटोकॉल

1980–90: 15-20 हजार पापिस्तानी सैनिक सऊदी में तैनात

2015: यमन युद्ध में पापिस्तानी सलाहकारों की तैनाती

2025: नया “स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट”, जिसमें आर्थिक, सैन्य और खुफिया सहयोग बढ़ेगा

सऊदी अरब पापिस्तानी अधिकारियों को ट्रेनिंग देता है और संयुक्त सैन्य अभ्यास (अल-समसम) भी होता है। साथ ही, पापिस्तान को अरबों डॉलर की आर्थिक मदद दी गई है, जिससे उसकी हथियार खरीद आसान हुई।

तुर्की बनाम सऊदी: कौन ज्यादा मददगार?

तुर्की ने पापिस्तान को सीधे हथियार दिए हैं—जैसे MILGEM युद्धपोत, T129 हेलीकॉप्टर और Bayraktar TB2 ड्रोन। इसके अलावा, संयुक्त उत्पादन और कश्मीर पर खुला राजनीतिक समर्थन भी दिया है।

वहीं सऊदी की मदद ज्यादा आर्थिक और प्रशिक्षण पर आधारित रही है, हथियार बिक्री कम है। लेकिन 2025 का नया डील और त्रिपक्षीय सहयोग (पाकिस्तान-तुर्की-सऊदी) पापिस्तान के लिए बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है।

क्या सऊदी तुर्की जितना मददगार होगा?

सीधे हथियार और राजनीतिक समर्थन में तुर्की आगे है। लेकिन आर्थिक सहायता, तेल और सैनिकों की तैनाती में सऊदी पापिस्तान का असली “बड़ा भाई” है। अगर हालात बिगड़ते हैं, तो सऊदी पापिस्तान को तुर्की जितना ही नहीं, बल्कि उससे ज्यादा मदद कर सकता है।

कुल मिलाकर, सऊदी अरब के पास आधुनिक हथियारों की भरमार है और पापिस्तान के साथ उसका रिश्ता दशकों से गहरा है। आने वाले समय में, यह सहयोग और मजबूत होने की पूरी संभावना है।

(प्रस्तुति -त्रिपाठी पारिजात)

 

 

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