One Minute Read by Govind Ram: लापरवाही और बेवकूफी से यदि जीते मैच को हारने का सबब बनेगी टीम इन्डिया वीमन तो कोई नहीं देखेगा भारतीय महिलाओं का क्रिकेट..
सबकुछ पुरुषों के बराबर चाहिए लेकिन उपलब्धि के नाम पर शून्य! ज़्यादा कहूँगा तो मैं ही बुरा माना जाऊंगा लेकिन एक बार फिर से निराश कर रही है इंडिया की महिला टीम! वनडे वर्ल्डकप 2025 में अफ्रीका से हारने के बाद कल ऑस्ट्रेलिया से 330 बनाकर भी हार गए। एक दो निजी रिकॉर्ड के दम पर ये टीम चल रही है! पूरी टीम में एकजुटता नहीं!
बीसीसीआई ने महिलाओं को सबकुछ उपलब्ध कराया है, सभी सुविधाएं, करोड़ो के कॉन्ट्रैक्ट, आईपीएल सब कुछ लेकिन आज तक एक वर्ल्डकप नहीं जीते। जीतना तो दूर फ़ाइनल भी सिर्फ दो बार खेले हैं। इस बार भी ज्यादा से ज्यादा सेमीफाइनल तक जा सकेंगे वो भी फिलहाल मुश्किल लग रहा है!
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऋचा घोष की चमत्कारी पारी से 251 पहुंचे, जवाब में अफ्रीका के 5 विकेट 80-90 पर गिर गए थे लेकिन यहाँ से भी मैच हार गए। कल ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ महिला वनडे इतिहास का सर्वोच्च स्कोर 330 चेज करवा दिया, लेकिन ग़लती मानने को तैयार नहीं। भारतीय टीम सिर्फ 5 गेंदबाजी विकल्प के साथ खेल रही वर्ल्डकप में! विश्वास नहीं होता ऐसा कोई कैसे कर सकता है?
किसी गेंदबाज का दिन खराब हो या कोई गेंदबाज चोटिल हो जाये तो उसके ओवर कौन करेगा? ख़राब खेलकर हारने पर मुझे दुःख नहीं होता लेकिन जब ख़राब रणनीति लेकर हारते हैं तो बहुत दुःख होता है! मुझे इस टीम से फ़ाइनल में जाने की भी उम्मीद नहीं!
(गोविन्द राम)