Australian Mystery: ऑस्ट्रेलिया का सबसे रहस्यमय दिन: जब समुद्र में उतरे प्रधानमंत्री हेरोल्ड होल्ट और फिर इतिहास बनकर रह गए..
17 दिसंबर 1967 की सुबह ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में एक ऐसी तारीख बन गई, जिसने पूरी दुनिया को हैरानी और असमंजस में डाल दिया। इसी दिन ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री हेरोल्ड एडवर्ड होल्ट समुद्र में तैरने के दौरान रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए। व्यापक तलाश, आधुनिक संसाधनों और कई दिनों की खोज के बावजूद उनका कोई सुराग नहीं मिल सका। न शव मिला, न कपड़े, और न ही कोई ठोस प्रमाण। आधिकारिक तौर पर इसे एक दुर्घटना करार दिया गया, लेकिन बीते दशकों में इस घटना ने अपहरण, जासूसी, आत्महत्या और अंतरराष्ट्रीय साजिश जैसी अनगिनत थ्योरियों को जन्म दिया, जिससे यह मामला दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक रहस्यों में शामिल हो गया।
एक सामान्य पिकनिक जो इतिहास बन गई
घटना ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत के चेवियट बीच की है। 17 दिसंबर 1967 को प्रधानमंत्री हेरोल्ड होल्ट अपने कुछ करीबी मित्रों के साथ समुद्र तट पर समय बिताने पहुंचे थे। यह कोई आधिकारिक दौरा नहीं था, बल्कि एक निजी मुलाकात और आराम का समय था। उस दिन प्रधानमंत्री ने समुद्र में उतरने का फैसला किया, कुछ दूरी तक तैरे और फिर अचानक सबकी नजरों से ओझल हो गए। न कोई मदद की आवाज सुनाई दी और न ही कोई संघर्ष दिखाई दिया। कुछ ही पलों में ऑस्ट्रेलिया का प्रधानमंत्री समुद्र में गायब हो चुका था।
खराब मौसम और आत्मविश्वास की जिद
हेरोल्ड होल्ट को तैराकी का गहरा शौक था और वे समुद्र से बेहद लगाव रखते थे। उस दिन मौसम अनुकूल नहीं था। समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही थीं और पानी का बहाव असाधारण रूप से तेज था। ‘रिप करंट’ नामक खतरनाक समुद्री धारा उस समय अपने सबसे उग्र रूप में थी। प्रधानमंत्री के साथ मौजूद लोगों ने उन्हें पानी में उतरने से मना किया, लेकिन होल्ट को अपनी तैराकी क्षमता पर पूरा भरोसा था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वे लहरों के बीच आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहे थे, तभी अचानक झाग और तेज बहाव ने उन्हें घेर लिया। कुछ ही सेकंड में वे पूरी तरह नजरों से ओझल हो गए। शुरुआत में लोगों को लगा कि वे तैर रहे होंगे या मजाक कर रहे होंगे, लेकिन जब वे काफी देर तक सतह पर नहीं आए, तब घबराहट फैल गई। तभी यह एहसास हुआ कि देश का प्रधानमंत्री समुद्र में समा चुका है।
ऑस्ट्रेलिया का अब तक का सबसे बड़ा तलाशी अभियान
प्रधानमंत्री के लापता होने की खबर फैलते ही पूरे ऑस्ट्रेलिया में सनसनी मच गई। सरकार ने तुरंत देश का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया। रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी, वायुसेना, पुलिस और विशेष गोताखोरों की टीमें तैनात कर दी गईं। समुद्र की गहराइयों को खंगाला गया और हेलीकॉप्टरों से लगातार निगरानी की गई।
कई दिनों तक चले इस अभियान के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकला। न शव मिला, न कपड़े, और न ही कोई अन्य संकेत। ऐसा प्रतीत हुआ मानो समुद्र ने प्रधानमंत्री के अस्तित्व को पूरी तरह मिटा दिया हो। अंततः सरकार ने यह निष्कर्ष निकाला कि तेज धाराओं और ऊंची लहरों के कारण उनकी डूबने से मृत्यु हो गई।
चीनी पनडुब्बी और जासूसी की सनसनीखेज कहानी
हालांकि आधिकारिक रिपोर्ट ने इसे हादसा बताया, लेकिन प्रधानमंत्री का शव न मिलने से दुनिया भर में अटकलें तेज हो गईं। सबसे चर्चित और विवादास्पद थ्योरी चीन से जुड़ी जासूसी कहानी थी। ब्रिटिश पत्रकार एंथनी ग्रे ने अपनी पुस्तक “द प्राइम मिनिस्टर वॉज अ स्पाई” में दावा किया कि हेरोल्ड होल्ट गुप्त रूप से चीन के लिए जासूसी कर रहे थे।
इस थ्योरी के अनुसार, वे डूबे नहीं थे, बल्कि समुद्र में पहले से मौजूद एक चीनी पनडुब्बी तक तैरकर पहुंचे और वहां से चीन चले गए। हालांकि इस दावे के समर्थन में कभी कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया। होल्ट के परिवार और करीबी मित्रों ने इस कहानी को पूरी तरह निराधार और काल्पनिक बताया, लेकिन इसके बावजूद यह थ्योरी आज भी लोगों की जिज्ञासा का विषय बनी हुई है।
आत्महत्या और सीआईए साजिश के दावे
कुछ अन्य थ्योरियों में यह दावा किया गया कि हेरोल्ड होल्ट मानसिक तनाव और अवसाद से जूझ रहे थे। उस समय वियतनाम युद्ध चल रहा था और ऑस्ट्रेलिया पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा था। यह भी कहा गया कि राजनीतिक दबाव और निजी तनाव के कारण उन्होंने जानबूझकर समुद्र में उतरकर आत्महत्या कर ली।
एक और साजिश सिद्धांत में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए को इस घटना से जोड़ा गया। दावा किया गया कि होल्ट वियतनाम युद्ध से ऑस्ट्रेलिया को अलग करने के पक्ष में थे, जिससे नाराज होकर उन्हें रास्ते से हटा दिया गया। हालांकि इन सभी दावों का कभी कोई प्रमाण नहीं मिला।
न्यायिक जांच और आधिकारिक निष्कर्ष
2005 में कराई गई एक औपचारिक न्यायिक जांच ने सभी साजिश सिद्धांतों को खारिज कर दिया। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि हेरोल्ड होल्ट ने अपनी शारीरिक क्षमता का आकलन गलत किया और अत्यंत खतरनाक परिस्थितियों में समुद्र में उतरना उनकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई। खराब मौसम और तेज धाराओं के कारण उनके बचने की कोई संभावना नहीं थी।
एक रहस्य जो समय के साथ और गहरा हुआ
आज भी हेरोल्ड होल्ट का गायब होना एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है। एक देश का प्रधानमंत्री, अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद, इस तरह लापता कैसे हो गया—यह सवाल अब भी लोगों को हैरान करता है। उनकी स्मृति में ऑस्ट्रेलिया में ‘हेरोल्ड होल्ट स्विमिंग सेंटर’ का नामकरण किया गया, जिसे कई लोग इतिहास की एक अजीब विडंबना मानते हैं।
जब भी लोग चेवियट बीच जाते हैं, 17 दिसंबर 1967 की वह सुबह याद आ जाती है। समुद्र की लहरें आज भी उसी तरह टकराती हैं, लेकिन अपने भीतर छिपे उस रहस्य को अब तक उजागर नहीं कर पाई हैं।
(प्रस्तुति -त्रिपाठी पारिजात)



