कुछ लोगों का मानना है कि AI से बढ़ी दक्षता इन नौकरी कटौतियों का कारण है, जबकि अन्य का कहना है कि AI इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की भारी लागत के चलते कंपनियाँ अपने कर्मचारियों की संख्या घटा रही हैं।
2025 के पहले छह महीनों में ही बड़ी टेक कंपनियों द्वारा की गई छंटनियाँ सुर्खियों में हैं। AI द्वारा बड़े पैमाने पर नौकरियाँ हड़पने की कहानी टेक उद्योग में गर्म बहस का विषय बनी हुई है। माइक्रोसॉफ्ट, IBM, Chegg, Workday, CrowdStrike, PwC और Klarna जैसी कंपनियाँ कर्मचारियों की छंटनी का कारण AI को बता रही हैं।
Layoffs.fyi के आँकड़ों के अनुसार, 2025 में अब तक 50,000 से अधिक टेक कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।
माइक्रोसॉफ्ट अपने कुल कर्मचारियों में से लगभग 3% (करीब 6,000 लोगों) को हटा रहा है। यह कटौती विभिन्न विभागों, टीमों और क्षेत्रों में की जा रही है।
वॉशिंगटन राज्य (जहाँ माइक्रोसॉफ्ट का मुख्यालय स्थित है) के WARN नोटिस के मुताबिक, सिर्फ इसी राज्य में 1,985 नौकरियाँ समाप्त की जा रही हैं, जिनमें 1,510 ऑफिस कर्मचारी और 475 रिमोट वर्कर शामिल हैं।
खास बात यह है कि एक डेवलपर जिसने माइक्रोसॉफ्ट में लगभग 18 साल बिताए और TypeScript को 10 गुना तेज बनाने में योगदान दिया, उसे भी नौकरी से निकाल दिया गया।
उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया
“माइक्रोसॉफ्ट में 18 साल (जिनमें से 10 साल TypeScript पर काम करते हुए) बिताने के बाद, मुझे हाल की छंटनियों में शामिल किया गया है। कुछ दिन विचार करने के बाद ही मैं नई नौकरी की तलाश शुरू करूँगा।”
AIM ने इस मामले पर माइक्रोसॉफ्ट से प्रतिक्रिया माँगी थी, लेकिन खबर प्रकाशन समय तक कोई जवाब नहीं मिला।
क्या AI ही वास्तविक कारण है?
जहाँ कुछ विश्लेषकों का मत है कि AI से बढ़ी कार्यक्षमता के कारण छंटनियाँ हो रही हैं, वहीं अन्य विशेषज्ञों का तर्क है कि AI इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश की लागत के कारण कंपनियाँ कर्मचारियों की संख्या कम कर रही हैं।
Wes Roth ने X पर लिखा
“यह AI द्वारा मनुष्यों की जगह लेने की बात नहीं है, बल्कि AI परियोजनाओं के लिए संसाधनों को पुनर्व्यवस्थित करने की प्रक्रिया है। माइक्रोसॉफ्ट इस वित्तीय वर्ष में AI पर 80 अरब डॉलर खर्च करने की योजना बना रहा है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह खर्च जारी रहा, तो प्रतिवर्ष 10,000 से अधिक नौकरियाँ खत्म हो सकती हैं।
Menlo Ventures के Deedy Das के अनुसार, पूँजी की बढ़ती लागत और जनरेटिव AI के लिए चिप्स जैसी महँगी पूँजीगत आवश्यकताएँ कंपनियों को भर्ती नीति बदलने पर मजबूर कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि AI से उत्पादकता बढ़ने पर कर्मचारियों की संख्या में समान अनुपात में वृद्धि की आवश्यकता नहीं रहेगी।
उन्होंने प्रश्न उठाया
“क्या यही नया सामान्य है? क्या माइक्रोसॉफ्ट को वास्तव में अपने व्यवसाय को दोगुना करने के लिए 4 लाख कर्मचारियों की आवश्यकता है, जबकि पहले यह 2 लाख कर्मचारियों से संचालित हो रहा था?”
माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्य नडेला ने हाल ही में बताया कि कंपनी का लगभग 30% कोड अब AI द्वारा लिखा जा रहा है।
“हमारी कुछ परियोजनाओं में 20-30% कोड संभवतः पूरी तरह सॉफ्टवेयर द्वारा ही लिखा जा रहा है,” नडेला ने मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग के साथ एक वार्तालाप में यह बात कही।
अन्य कंपनियों द्वारा छंटनियाँ
इस वर्ष की शुरुआत में गूगल और मेटा जैसी प्रमुख कंपनियों ने भी नौकरी कटौती की घोषणा की थी।
गूगल ने अपने ग्लोबल बिजनेस ऑर्गनाइजेशन से 200 कर्मचारियों को हटाया, जो सेल्स और पार्टनरशिप संभालते थे। अप्रैल में कंपनी ने Android, Pixel और Chrome ऑपरेशन्स की देखरेख करने वाली यूनिट से सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की।
मेटा ने 3,600 कर्मचारियों (कंपनी की कुल वर्कफोर्स का लगभग 5%) को निकाला, जो प्रदर्शन-आधारित मूल्यांकन और आंतरिक पुनर्गठन का हिस्सा था।
दोनों कंपनियाँ 2025 में AI इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश कर रही हैं।
(अर्चना शैरी)