Asia Cup 2025: India Vs Pakistan Final:‘मैंने कभी नहीं देखा कि किसी चैम्पियन टीम को ट्रॉफी से वंचित किया जाए’ – एशिया कप फाइनल विवाद के बाद बोले टीम हिन्दुस्तान के कप्तान सूर्यकुमार
टीम हिन्दुस्तान ने पापिस्तानी टीम को हरा कर बता दिया कि मैदान कोई भी हो जीत हमारी ही होगी। 41 साल बाद एशिया कप के फाइनल में टीम हिन्दुस्तान की पापिस्तान की टीम से भि़ड़न्त हुई जिसमें फिर एक बार पापिस्तानियों को धूल चटा दी हिन्दुस्तान के क्रिकेट सूरमाओं ने।
मैच के बाद की प्रेज़ेंटेशन सेरेमनी एक घंटे से ज़्यादा देर तक टलती रही और इस दौरान टीम हिन्दुस्तान ने न तो अपने मेडल लिए और न ही ट्रॉफी उठाने में कोई दिलचस्पी दिखाई।
एशिया कप 2025 में पापिस्तान पर इस साल की तीसरी जीत के बाद हिन्दुस्तानी कप्तान सूर्यकुमार ने मज़ाकिया अंदाज़ में ट्रॉफी उठाने की एक्टिंग की और पूरी टीम के साथ मैदान में विजय का उत्सव मनाया।
हुआ ये था कि
मैच के पहले से ही टीम हिन्दुस्तान ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष मोहसिन नक़वी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। फाइनल जीतने के बाद टीम हिन्दुस्तान अपने निर्णय पर अड़ी रही तो मोहसिन नकवी, जो पापिस्तान के गृह मंत्री और पापिस्तानी क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन भी हैं ने हिन्दुस्तानी टीम को विजेता ट्रॉफी देने से इनकार कर दिया।
इस अभूतपूर्व घटना के बाद भारतीय कप्तान सूर्यकुमार ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं देखा कि किसी विजेता टीम को ट्रॉफी न मिले।
‘मैंने ऐसा कभी नहीं देखा’
विजय के अभिमान से जगमगाते चेहरे के साथ कप्तान सूर्यकुमार ने कहा, “जब से मैंने क्रिकेट खेलना और देखना शुरू किया है, मैंने ऐसा कभी नहीं देखा कि किसी चैम्पियन टीम को ट्रॉफी से वंचित कर दिया जाए, वह भी इतनी मेहनत से जीती गई ट्रॉफी। मेरा मानना है कि हम इसके हक़दार थे। मैं इससे ज़्यादा कुछ नहीं कह सकता। मेरी ट्रॉफियां तो मेरे ड्रेसिंग रूम में ही हैं—मेरे साथ खेले सारे 14 खिलाड़ी और पूरा सपोर्ट स्टाफ ही मेरी असली ट्रॉफी हैं।”
टीम हिन्दुस्तान ने पापिस्तान की क्रिकेट टीम को एशिया कप के इस फाइनल में दुबई के स्टेडियम में 5 विकेट से हराकर खिताब जीता। मैच के बाद दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान सूर्यकुमार ने यह बात कही।
हिन्दुस्तान की सेना को दी अपनी मैच फीस
सूर्यकुमार, जिन्होंने 14 सितंबर को पापिस्तान पर हिन्दुस्तान की पहली जीत को पहलगाम आतंकी हमले के शिकारों और हिन्दुस्तान की सेना को समर्पित किया था, उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे एशिया कप में खेले गए सभी मैचों की अपनी फीस हिन्दुस्तानी सेना को दान करेंगे।
उन्होंने कहा, “मैंने इस टूर्नामेंट में जितने भी मैच खेले हैं, उनकी पूरी मैच फीस मैं हिन्दुस्तान की सेना को देना चाहता हूं।”
मैदान पर हंगामा
हिन्दुस्तानी टीम को ट्रॉफी और विजेता मेडल नहीं दिए गए। मैच खत्म होने के करीब डेढ़ घंटे बाद, रात क़रीब बारह बजे, खिलाड़ी मंच पर चढ़े और उन्होंने अपने सपोर्ट स्टाफ के साथ अपनी जीत का जश्न मनाया।
सूर्यकुमार ने हंसते हुए कहा, “हम डेढ़ घंटे तक अपने सेलिब्रेशन का इंतज़ार करते रहे।” उन्होंने मज़ाकिया अंदाज़ में यह भी जोड़ा कि उन्होंने देखा, “चैम्पियन्स का बोर्ड आया और वापस चला गया। वो भी मैंने देख लिया।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पाकिस्तानी पत्रकार ने नाराज़गी जताते हुए टीम हिन्दुस्तान के कप्तान सूर्यकुमार से उनके ‘व्यवहार’ पर सवाल किया और आरोप लगाया कि हिन्दुस्तानी टीम ने खेल और राजनीति को मिला दिया।
इस पर हिन्दुस्तानी मीडिया मैनेजर ने सवाल टाल दिया, लेकिन सूर्यकुमार ने मुस्कुराते हुए उनको चिढ़ाया – “ग़ुस्सा हो रहे हो आप।”
जब पूछा गया कि क्या बीसीसीआई (BCCI) ने पहले ही एसीसी को आधिकारिक मेल किया था कि टीम नक़वी से ट्रॉफी नहीं लेगी, अगर वह टूर्नामेंट जीतती है, तो कप्तान सूर्यकुमार का उत्तर था – “हमने यह फैसला मैदान पर ही लिया था। हमें कोई निर्देश नहीं मिले थे।
(प्रस्तुति -त्रिपाठी पारिजात)