Asia Cup 2025: केंद्र सरकार ने BCCI को सभी स्तरों पर पाकिस्तान से क्रिकेटिक संबंध खत्म करने की सलाह दी है—चाहे वह पुरुष क्रिकेट हो, महिला हो या अंडर-19..
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) को सूचित किया है कि भारत इस साल होने वाले महिला इमर्जिंग टीम्स एशिया कप और पुरुष एशिया कप में हिस्सा नहीं लेगा। गौरतलब है कि फिलहाल ACC की अध्यक्षता पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री और PCB प्रमुख मोसिन नक़वी कर रहे हैं।
2025 एशिया कप में भारत और पाकिस्तान की बहुप्रतीक्षित भिड़ंत की संभावना थी—कम से कम दो बार, और शायद तीन बार दोनों टीमें आमने-सामने आ सकती थीं।
लेकिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है, और इसी के चलते केंद्र सरकार ने BCCI को सभी स्तरों पर पाकिस्तान से क्रिकेटिक संबंध खत्म करने की सलाह दी है—चाहे वह पुरुष क्रिकेट हो, महिला हो या अंडर-19.
सोमवार को मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि BCCI ने इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए एशियन क्रिकेट काउंसिल को बता दिया है कि भारत इन टूर्नामेंट्स में भाग नहीं लेगा।
हालांकि, BCCI के सचिव देवजीत सैकिया ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि ACC को ऐसा कोई आधिकारिक पत्र नहीं भेजा गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बोर्ड फिलहाल IPL और इंग्लैंड दौरे पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। फिर भी, जब तक BCCI कोई औपचारिक बयान नहीं देता, स्थिति स्पष्ट नहीं मानी जा सकती।
इस बीच यह बात भी अहम है कि ACC की कमान उस PCB प्रमुख के हाथ में है, जो पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं, ऐसे में भारत के बहिष्कार की संभावना को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता।
भारत के हटने से पाकिस्तान और ACC को क्या नुकसान होगा?
भारत क्रिकेट में वित्तीय ताकत का केंद्र है, वहीं पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की आर्थिक निर्भरता ACC और ICC की फंडिंग पर टिकी हुई है। ऐसे में भारत के हटने से टूर्नामेंट की आर्थिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है।
PCB के पूर्व अध्यक्ष और खिलाड़ी रमीज राजा ने 2021 में कहा था:
“ICC अब राजनीतिक रूप से विभाजित संस्था बन गई है और इसके 90% राजस्व भारत से आता है। भारत अगर चाहे तो पाकिस्तान क्रिकेट को आर्थिक रूप से झटका दे सकता है।”
भारत सिर्फ मजबूत प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि ब्रॉडकास्टिंग और स्पॉन्सरशिप के लिहाज़ से सबसे बड़ी डील है। उनकी अनुपस्थिति का मतलब होगा कि न सिर्फ टूर्नामेंट घाटे का सौदा बन जाएगा, बल्कि भारत-पाकिस्तान मुकाबले की लोकप्रियता भी छिन जाएगी—जो हर ACC और ICC टूर्नामेंट की सबसे बड़ी यूएसपी होती है।
Sony Pictures Networks India ने पिछले साल 170 मिलियन डॉलर में एशिया कप के मीडिया अधिकार 8 वर्षों के लिए खरीदे थे। लेकिन अगर भारत बाहर हो जाता है, तो इन शर्तों की पुनः समीक्षा या संशोधन की नौबत आ सकती है, जिससे PCB और अन्य एशियाई बोर्ड्स की आमदनी पर असर पड़ेगा।
क्या एशिया कप रद्द हो सकता है?
भारत ने 1986 में भी श्रीलंका के साथ कूटनीतिक तनाव के चलते एशिया कप का बहिष्कार किया था। उस साल टूर्नामेंट श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच खेला गया था।
हालांकि आज के दौर में जब खेल में वित्तीय हित सर्वोपरि हैं, भारत के बिना एशिया कप की कल्पना करना मुश्किल है। भारत की मौजूदगी विज्ञापन दरों को कई गुना बढ़ा देती है, और उनकी गैरमौजूदगी से प्रायोजकों और प्रसारण सौदों को बड़ा झटका लग सकता है।
BCCI पहले भी ICC चैंपियंस ट्रॉफी में दबाव बनाकर भारत के सभी मैच पाकिस्तान से हटाकर दुबई में करवा चुका है। ICC ने भारत के बिना टूर्नामेंट कराने से साफ इनकार कर दिया था।
ठीक यही स्थिति अब ACC के साथ बनती दिखाई दे रही है। चाहे मोहसिन नक़वी अध्यक्ष हों या कोई और, भारत की भागीदारी के बिना एशिया कप अधर में लटक सकता है।
(सुमन पारिजात)