Burqa & Niqab: अब तक यूरोप में पांच ही देश थे जिन्होंने बुर्का और नकाब पर डंडा चला कर उनको प्रतिबन्धित कर दिया था, अब इटली भी राष्ट्रहित को ध्यान में रख कर यही कदम उठा रहा है..
ऑस्ट्रिया, फ्रान्स, बेल्जियम, डेनमार्क और स्विटजरलैन्ड के बाद अब इटली भी सार्वजनिक स्थलों पर बुर्का और नकाब पहनने पर रोक लगाने जा रहा है। प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की सरकार ने इस विषय पर संसद में नया विधेयक प्रस्तुत किया है।
प्रस्तावित कानून की प्रमुख बातें
संसद में पेश बिल के अनुसार, इटली के सभी सार्वजनिक स्थलों—जैसे कि स्कूल, विश्वविद्यालय, दुकानें और कार्यालय—में चेहरे को ढकने वाले परिधान (बुर्का और नकाब) पर पाबंदी लागू होगी।
इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 300 से 3,000 यूरो (लगभग 30 हजार से 3 लाख रुपये) तक का आर्थिक दंड लगाया जाएगा।
बिल में प्रावधान है कि वर्जिनिटी टेस्ट को आपराधिक कृत्य घोषित किया जाएगा और जबरन धर्मांतरण कराने के उद्देश्य से विवाह करने वालों के खिलाफ सख्त सजा तय होगी।
यूरोप और अन्य देशों में स्थिति
फ्रांस ने 2011 में सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर संपूर्ण प्रतिबंध लगाने वाला पहला यूरोपीय देश बनकर मिसाल पेश की थी। इसके बाद ऑस्ट्रिया, तुर्की, ट्यूनीशिया, श्रीलंका और स्विट्जरलैंड समेत 20 से अधिक देशों ने इस तरह की रोक लागू की।
मिल गया समर्थन यूरोप में
यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय ने भी ऐसे प्रतिबंधों का समर्थन किया है। 2017 में उसने बेल्जियम में लागू बैन को उचित ठहराते हुए कहा था कि सरकारें “सामाजिक सह-अस्तित्व” की रक्षा के लिए ऐसे कदम उठा सकती हैं।
इस्लामिक संगठनों पर निगरानी
बुर्का और नकाब पर रोक के साथ-साथ प्रस्तावित कानून धार्मिक संगठनों की वित्तीय पारदर्शिता पर भी कठोर नियम लाएगा। विशेष रूप से वे मुस्लिम संगठन, जिन्होंने अब तक इटली सरकार के साथ औपचारिक समझौता नहीं किया है, इस दायरे में आएँगे।
कानून लागू होने पर उन्हें अपनी फंडिंग के स्रोतों का खुलासा करना अनिवार्य होगा और केवल उन्हीं संस्थानों से आर्थिक मदद ले सकेंगे, जिनसे देश की सुरक्षा को कोई खतरा न हो। फिलहाल, इस्लाम को छोड़कर इटली में 13 धार्मिक समूहों को आधिकारिक मान्यता मिली हुई है।
कठोर दंडात्मक प्रावधान
प्रस्तावित कानून के तहत आज के बाद से इटली में किसी महिला का वर्जिनिटी टेस्ट कराना सीधा अपराध माना जाएगा और इसी तरह जबरन विवाह कर धर्मांतरण कराने वालों पर पहले से कहीं अधिक सख्त दंड लागू होगा।
(प्रस्तुति -त्रिपाठी पारिजात)