Cricket: इस लेख के अनुसार सामने वाली टीम के लिए राक्षस हैं रोहित शर्मा तो हमारी टीम के लिए बल्ले का भीमसेन भी है रोहित शर्मा..
क्रिकेट के खेल में किसी बैट्समैन को राक्षस की उपाधि मिलना सम्मान की पराकाष्ठा होती है,क्योंकि ये उपाधि उसी बैट्समैन को मिलती है,जो सामने वाले टीम की चबा जाने की हैसियत रखता है, जो किसी भी दिन किसी भी गेंदबाज को किसी भी मैदान में,मजाक बनाकर रख सकता है।
क्रिस गेल,सनथ जयसूर्या,केरन पोलार्ड,युवराज सिंह,जैसे न जाने कितने खिलाड़ी है जिन्हें खेलते देखकर देखने वाले के मन में कभी न कभी ये तो जरूर आया होगा कि यार ये बैट्समैन है कि राक्षस है।पर इस उपाधि को अगर किसी खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा जिया है,तो वो है रोहित शर्मा।
और रोहित शर्मा ऐसा वैसा राक्षस नहीं है, भस्मासुर हैं,जिसे छू दे राख कर दे, वनडे में तीन तीन दोहरे शतक मजाक नहीं है। रोहित ने जो कुछ किया है अपने करियर में, वो बड़े बड़े खिलाड़ियों का सपना होता है। रोहित ने अपनी तरफ से कभी किसी तरह की कोई कमी नहीं की है।23 का फाइनल हराने वाले स्टार्क और कमिंस को 24 के वर्ल्डकप में छील कर रख देना भी मजाक नहीं।
जिसे भी क्रिकेट का C भी समझ आता है, वो ये समझता है कि रोहित शर्मा once in a generation talent है,ऐसा टैलेंटेड खिलाड़ी जो हर पीढ़ी में सिर्फ एक बार आता है।आप किसी भी खिलाड़ी किसी भी टीम के फैन हो, रोहित शर्मा जब खेलने लगता है तो उससे ज्यादा दर्शनीय कुछ और नहीं होता।
बस अफसोस इस बात का है कि क्रिकेट का ये भस्मासुर अगर कुछ सिचुएशन में अपने माथे पर हाथ न रखता तो भारत क्रिकेट के इतिहास की तस्वीर कितनी अलग होती।पर इससे ये तथ्य नहीं बदलता कि रोहित शर्मा ने अपनी तरफ से कभी कोई कमी कोई कसर बाकी नहीं रखी, ये तो हम क्रिकेट फैंस का लालच है कि 264 के बाद भी ये शिकायत रह जाती है कि 3 सौ क्यों नहीं बनाया, और जितना रोहित का कद है,उस हिसाब से ये शिकायत गलत भी नहीं है।वेल प्लेड कैप्टन
(रेहान अहमद)