Ganesh Puja: इस वर्ष आषाढ़ मास की चतुर्दशी तिथि बुधवार को पड़ रही है। इस दिन सूर्य देव मिथुन राशि में और चंद्रमा धनु राशि में स्थित रहेंग..
ग्रहों की इस विशेष स्थिति में रवि योग का उत्तम संयोग बन रहा है। धार्मिक मान्यता है कि रवि योग में आरंभ किए गए कार्य सफल होते हैं और जीवन में तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
रवि योग तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र, सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नवें, दसवें या तेरहवें स्थान पर होता है। इस दिन शुभ कार्य जैसे निवेश, यात्रा, शिक्षा या व्यवसाय से जुड़ी किसी नई योजना की शुरुआत करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।
सूर्य देव को अर्घ्य देने का महत्व
इस दिन प्रातःकाल सूर्य देव को जल चढ़ाकर ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इससे जीवन में तेज, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मान्यता है कि इस दिन लाल वस्त्र, गेहूं या गुड़ का दान करने से रोग, दरिद्रता, असफलता जैसे दोष दूर होते हैं और व्यक्ति को सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
स्कंद पुराण में वर्णित गणेश पूजा का महत्व
स्कंद पुराण के अनुसार, बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से बुद्धि, ज्ञान, सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है। इसके साथ ही बुध ग्रह से संबंधित दोष भी समाप्त होते हैं। व्रत की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके करनी चाहिए। पूजा स्थल को स्वच्छ करके, एक चौकी पर वस्त्र बिछाएं और पूजन सामग्री सजा लें। फिर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) की ओर मुख करके बैठें।
भगवान गणेश को पंचामृत (जल, दूध, दही, शहद, घी) से स्नान कराने के बाद सिंदूर और घी का लेप करें। उन्हें जनेऊ, रोली, दूर्वा (कम से कम तीन), और पीले व लाल पुष्प अर्पित करें। साथ ही बुध देव को हरे वस्त्र और हरी दाल चढ़ाना शुभ माना गया है।
भोग और पूजन विधि
गणेश जी को लड्डू, हलवा या किसी भी मीठे भोग का नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद गणेश और बुध देव के मंत्रों का जाप करें, व्रत कथा सुनें और पूजा करें। अंत में आरती के साथ पूजा का समापन करें और प्रसाद पूरे परिवार में बांटें। इस दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को यथाशक्ति दान देना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।
इन बातों से करें परहेज
इस दिन मांस-मदिरा का सेवन, झूठ बोलना, किसी का अपमान करना, बाल-दाढ़ी कटवाना और तेल मालिश करना वर्जित माना गया है। व्रत का उद्यापन बारह व्रतों के बाद किया जाता है।
पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त उपलब्ध नहीं है, जबकि राहुकाल दोपहर 12:26 से 2:10 बजे तक रहेगा, इसलिए इस दौरान कोई शुभ कार्य न करें।
(प्रस्तुति- त्रिपाठी सुमन पारिजात)