Gau Mata: आज गाय के गोबर से गाड़ियाँ चल रही हैं जापान में – हम गौ माता के लिये आज भी म्लेच्छों से बहस कर रहे हैं और गौ पालन का ढोंग कर रहे हैं..
इनोवेशन के मामले में जापान हमेशा आगे रहता है! वहां के वैज्ञानिकों ने गाय के गोबर से इको-फ्रेंडली ईंधन बनाने में सफलता हासिल की है। वे गोबर से हाइड्रोजन बना रहे हैं और उससे गाड़ियाँ चला रहे हैं।
गाय के गोबर से हाइड्रोजन फ्यूल बना रहा जापान
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हाइड्रोजन फ्यूल से ट्रैक्टर और लोकल बिज़नेस चलाए जा रहे हैं।
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इस तकनीक से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आती है।
जब दुनिया क्लाइमेट चेंज और कार्बन उत्सर्जन की समस्या से जूझ रही है, जापान ने एक अनोखा समाधान खोज लिया है—गाय के गोबर से हाइड्रोजन फ्यूल बनाना। जापान के शिकाओई शहर में डेयरी उद्योग हर साल करीब 20 मिलियन टन गोबर उत्पन्न करता है, जिसे अब कचरे की बजाय ग्रीन एनर्जी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे ट्रैक्टर, फोर्कलिफ्ट और लोकल बिज़नेस संचालित किए जा रहे हैं।
कैसे काम करता है यह सिस्टम?
गोबर और यूरीन को एक एनारोबिक डाइजेस्टर में डाला जाता है, जहाँ बैक्टीरिया इसे डीकंपोज करके बायोगैस बनाते हैं। इस बायोगैस को हाई-टेंपरेचर स्टीम रिफॉर्मिंग प्रक्रिया से हाइड्रोजन में बदला जाता है, जो फिर फार्म इक्विपमेंट और वाहनों को ऊर्जा प्रदान करता है।
दोहरा फायदा: वेस्ट मैनेजमेंट + क्लीन एनर्जी
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यह तकनीक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करती है।
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लोकल इकोनॉमी को बढ़ावा मिलता है।
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किसानों के लिए यह अतिरिक्त आमदनी का स्रोत बन रहा है।
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इलेक्ट्रिक वाहनों को टक्कर देने वाला एक बेहतरीन विकल्प माना जा रहा है।
फुकुओका शहर में अब ह्यूमन वेस्ट से हाइड्रोजन बनाकर कचरा उठाने वाले ट्रक चलाए जा रहे हैं। अन्य देश भी मुर्गी और सूअर के अपशिष्ट से हाइड्रोजन उत्पादन पर शोध कर रहे हैं। हालाँकि, कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे हाइड्रोजन वाहनों की ऊँची लागत और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी। इसके बावजूद, जापान के शिकाओई शहर ने साबित कर दिया है कि ‘वेस्ट टू एनर्जी’ का यह मॉडल पूरी दुनिया के लिए कारगर साबित हो सकता है!