Iran Vs Israel: ट्रंप के बयान ने सीधे तौर पर ईरान को बता दिया है कि ‘अमेरिका भी तुम्हारा नहीं, इजराइल का ही साथ देगा..तुम अकेले हो या तुम्हारे पीछे चीन है -इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता !’
इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर ईरान ने समय रहते सही कदम नहीं उठाए, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “इस रक्तपात को रोकने का अभी भी वक्त है। अगर ईरान ने ऐसा नहीं किया, तो हालात और भी भयावह हो सकते हैं।”
इजरायल का भीषण हमला, 20 से अधिक ईरानी अधिकारी मारे गए
13 जून को इजरायल ने ईरान पर जबरदस्त ड्रोन हमले किए, जिनमें 20 से ज्यादा ईरानी सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई। अब तक इजरायली वायुसेना द्वारा ईरान में पांच बड़े हमले किए जा चुके हैं। इन हमलों में ईरान को भारी नुकसान हुआ है।
ट्रंप का साफ संदेश: अब भी परमाणु समझौते का समय है
ट्रंप ने ईरान को फिर से परमाणु समझौते की ओर लौटने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “अमेरिका के पास दुनिया के सबसे उन्नत और घातक हथियार हैं और इजरायल के पास उनका बड़ा भंडार मौजूद है। अगर ईरान ने अमेरिका से समझौता नहीं किया, तो उसके पास कुछ भी नहीं बचेगा। जिसे कभी ‘ईरानी साम्राज्य’ कहा जाता था, वह मिट सकता है।”
ईरानी कट्टरपंथियों पर तंज
ट्रंप ने कहा कि ईरान के कुछ कट्टरपंथी नेताओं ने परमाणु समझौते पर बहादुरी से बात तो की, लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था कि आगे क्या होने वाला है। उन्होंने दावा किया कि अब वे सभी नेता मारे जा चुके हैं। हालात और भी बिगड़ सकते हैं, इसलिए ईरान को जल्द से जल्द अमेरिका से समझौता कर लेना चाहिए।
नेतन्याहू का बयान: परमाणु तबाही को रोकना हमारा लक्ष्य
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में कहा, “ईरान की 10,000 बैलिस्टिक मिसाइलें बनाने की योजना लाखों लोगों के लिए खतरा है। तेहरान और उसके आसपास की गई हमारी स्ट्राइक्स का मकसद केवल इजरायल और उसके अरब पड़ोसियों की रक्षा करना नहीं, बल्कि वैश्विक परमाणु तबाही को रोकना भी है।”
ईरान की चेतावनी: चुकानी होगी भारी कीमत
दूसरी ओर, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई ने इजरायली हमले पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमारी सेना इजरायल को बिना सज़ा दिए नहीं छोड़ेगी। हमारे जिन लोगों का खून बहा है, उसकी भारी कीमत इजरायल को चुकानी होगी।”
(प्रस्तुति – त्रिपाठी किसलय इंद्रनील)