Learn Sanskrit Online: पटना में संपन्न हुआ वीर कुंवर सिंह स्मृति अन्तर्जलीय संस्कृत व्याकरण शिविर का भव्य समापन समारोह..
सर्वत्र संस्कृतम् एवं विहार संस्कृत संजीवन समाज, पटना के संयुक्त तत्वावधान में संचालित “आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान” के अंतर्गत आयोजित वीर कुंवर सिंह स्मृति अन्तर्जालीय दशदिवसात्मक संस्कृत व्याकरण शिविर का समापन समारोह अत्यंत उत्साह और गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ।
समारोह का उद्घाटन एवं अध्यक्षीय उद्बोधन डॉ. मुकेश कुमार ओझा (राष्ट्रीय अध्यक्ष, आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान तथा महासचिव, विहार संस्कृत संजीवन समाज, पटना) के सशक्त मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। उन्होंने अपने उद्बोधन में संस्कृत भाषा की आधुनिक प्रासंगिकता पर बल देते हुए युवाओं को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
आधुनिक बनें संस्कृत बोलेंसमारोह की मुख्य अतिथि डॉ. लीना चौहान (राष्ट्रीय उपाध्यक्षा, आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान) थीं। उन्होंने शिविर की उपलब्धियों की सराहना करते हुए प्रतिभागियों को बधाई दी।
विशिष्ट अतिथि के रूप में सदानंद प्रसाद (वरिष्ठ संस्कृत प्रचारक एवं शिक्षक) उपस्थित रहे। उन्होंने प्रतिभागियों के समर्पण की सराहना करते हुए इस तरह के आयोजनों को संस्कृत प्रचार-प्रसार की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
शिविर के दौरान आयोजित “वीर कुंवर सिंह स्मृति संस्कृत व्याकरण ज्ञान प्रतियोगिता” का परिणाम भी इस अवसर पर घोषित किया गया। प्रतियोगिता में देशभर से प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें निम्नलिखित विजेताओं को पुरस्कृत किया गया—
प्रथम पुरस्कार – दयानी शारदेय, आसनसोल, पश्चिम बंगाल
द्वितीय पुरस्कार – नेहा भारती, मगध महिला कॉलेज, पटना
तृतीय पुरस्कार – सुजाता घोष, संस्कृत शोध छात्रा, असम
विशेष पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रतिभागी –
• डॉ. रम्भा कुमारी, संस्कृत शिक्षिका, पटना
• ज्ञानी शारदेय, राजस्थान
• शिवानी मिश्रा, रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश
साथ ही आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान के राष्ट्रीय संयोजक पिंटू कुमार ने बताया कि 11 अप्रैल 2025 (चतुर्दशी शुक्लपक्ष, चैत्र 2082 विक्रम संवत) से सर्वत्र संस्कृतम् एवं विहार संस्कृत संजीवन समाज, पटना के संयुक्त तत्त्वावधान में “आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान” के अन्तर्गत वीर कुंवर सिंह स्मृति अन्तर्जालीय दशदिवसात्मक संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण संभाषण शिविर का आरंभ हो रहा है।
कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों एवं सहयोगियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए यह विश्वास जताया कि इस प्रकार के शिविर भविष्य में भी निरंतर आयोजित होते रहेंगे और संस्कृत भाषा को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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