Wednesday, June 25, 2025
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Sanskrit Speaking Online: छत्रपति शिवाजी महाराज स्मृति अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत सम्भाषण शिविर का भव्य समापन

Sanskrit Speaking Online: यदि आप भी संस्कृत सीख कर वास्तविक विद्वान बनना चाहते हैं तो संपर्क करें - 9555642611

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सर्वत्र संस्कृतम् एवं विहार संस्कृत संजीवन समाज, पटना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित *छत्रपति शिवाजी महाराज स्मृति अन्तर्जालीय दशदिवसात्मक अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत सम्भाषण शिविर* का समापन समारोह अत्यंत गरिमापूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ।

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों और उनके राष्ट्रवादी दर्शन को जन-जन तक पहुँचाना था।

समारोह के अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. मुकेश कुमार ओझा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान एवं महासचिव, विहार संस्कृत संजीवन समाज, पटना, ने कहा, *”छत्रपति शिवाजी महाराज केवल एक शूरवीर योद्धा नहीं थे, बल्कि वे भारत की सांस्कृतिक चेतना के प्रतीक भी थे।

उद्घाटनकर्ता डॉ. अनिल कुमार सिंह, पूर्व सचिव, गृह विभाग, उत्तर प्रदेश, एवं इस अभियान के प्रधान संरक्षक, ने कहा, *”शिवाजी महाराज ने भारतीय संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए अनवरत संघर्ष किया। उन्होंने अपने शासनकाल में संस्कृत भाषा को राजकीय सम्मान दिलाया।

मुख्य अतिथि धर्मेन्द्र पति त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक, पेंशन विभाग, उत्तर प्रदेश, ने कहा, *”शिवाजी महाराज का जीवन हमें अनुशासन, स्वाभिमान और राष्ट्रधर्म की सीख देता है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि एवं संस्कृत गीतकार डॉ. अनिल कुमार चौबे, मञ्च संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन पिंटू कुमार राष्ट्रीय संयोजक, आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान, स्वागत भाषण राष्ट्रीय उपाध्यक्षा आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान के डॉ लीना चौहान, वैदिक मंगलाचरण उग्र नारायण झा ने किया.

कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर मैत्रेयी त्रिपाठी, दयानी शारदेय, सुजाता घोष, सौरभ शर्मा, सदानंद प्रसाद, ललन कुमार, डॉ रम्भा कुमारी, मुरलीधर शुक्ल, उमेश कुमार, विजेन्द्र सिंह, राजेश कुमार,विद्या, डॉ अदिति दुबे, अदिति चोला आदि ने उपस्थित होकर अपने अपने विचार प्रकट किए।

इस अवसर पर प्रथम पुरस्कार -अदिति चोला -कासगंज, उत्तर प्रदेश, द्वितीय पुरस्कार- ललन कुमार-संस्कृत शिक्षक, विहार, तृतीय पुरस्कार- विजेन्द्र सिंह-संस्कृत शोध छात्र, दिल्ली विश्वविद्यालय डॉ रम्भा कुमारी, संस्कृत शिक्षिका, बिहार विद्या -संस्कृत शिक्षिका, बिहार, विशेष पुरस्कार- सुजाता घोष, संस्कृत शोध छात्रा, सिक्किम विश्वविद्यालय,असम मुरलीधर शुक्ल, संस्कृत शिक्षक, बिहार दयानी शारदेय, संस्कृत शिक्षिका, आसनसोल, पश्चिम बंगाल प्राप्त को हुआ.

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