Thursday, August 7, 2025
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Gangeshwar Mahadev Temple: समुद्र करता है शिवलिंग का जलाभिषेक – महादेव का चमत्कारी मंदिर

Gangeshwar Mahadev Temple: यह मंदिर शिवभक्तों के लिए आस्था, रहस्य और प्रकृति का अद्भुत संगम है — जहाँ भगवान शिव और समुद्र के बीच एक अलौकिक संवाद होता है..

Gangeshwar Mahadev Temple: यह मंदिर शिवभक्तों के लिए आस्था, रहस्य और प्रकृति का अद्भुत संगम है — जहाँ भगवान शिव और समुद्र के बीच एक अलौकिक संवाद होता है..

भारत में भगवान शिव के कई रहस्यमयी और चमत्कारी मंदिर हैं। लेकिन गुजरात का यह शिवधाम सबसे अनोखा है — जहाँ अरब सागर की लहरें खुद महादेव के पाँच शिवलिंगों पर जल चढ़ाकर अभिषेक करती हैं।

कहाँ है यह अद्भुत शिव मंदिर?

यह मंदिर गुजरात के फुदम गांव के पास स्थित दीव द्वीप में है। मंदिर एक प्राकृतिक गुफा में स्थित है जो समुद्र किनारे चट्टानों के बीच बनी हुई है। इसे गंगेश्वर महादेव मंदिर, पंच शिवलिंग मंदिर और सीशोर मंदिर के नामों से जाना जाता है।

पाँच शिवलिंग और समुद्र का चमत्कार

इस गुफा मंदिर में पाँच शिवलिंग स्वयंभू रूप में विराजमान हैं — यानी ये किसी ने बनाए नहीं, बल्कि स्वयं प्रकट हुए हैं। माना जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान इन शिवलिंगों को स्थापित किया था। दिन भर में कई बार समुद्र की लहरें शिवलिंग तक पहुँचती हैं और जल अर्पित कर लौट जाती हैं, जैसे कोई भक्त दर्शन कर रहा हो।

 मंदिर में कौन-कौन विराजमान हैं?

शिवलिंग के साथ मंदिर में भगवान गणेश, भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं। पास में एक छोटा तालाब, जिसे पांडव तालाब कहा जाता है — भक्त पूजा से पहले इसमें आचमन करते हैं।

कब और कैसे करें दर्शन?

समुद्र में ज्वार आने पर मंदिर पानी में डूब जाता है और सिर्फ ऊपर लगी पताका और स्तंभ दिखाई देते हैं। दोपहर 1 बजे से रात 10 बजे तक समुद्र शांत रहता है — इस दौरान भक्त महादेव के दर्शन कर सकते हैं। दर्शन के लिए समुद्र में पैदल चलकर चबूतरे तक जाना पड़ता है, जहाँ पाँचों शिवलिंग स्थित हैं।

पौराणिक मान्यताएँ

कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन मंदिर के पास एक कुंड में गंगा जी प्रकट होती हैं। यह मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। एक मान्यता ये भी है कि अगर कोई भक्त अपने परिजन की चिता-राख को शिवलिंग पर लगाकर प्रवाहित कर दें, तो उसे मोक्ष प्राप्त होता है।

यह मंदिर शिवभक्तों के लिए आस्था, रहस्य और प्रकृति का अद्भुत संगम है — जहाँ भगवान शिव और समुद्र के बीच एक अलौकिक संवाद होता है।

(प्रस्तुति – अर्चना शेरी)

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