Tuesday, October 21, 2025
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Mahakumbh 2025:धर्म संसद की वर्शिप एक्ट खत्म करने की मांग,संत बोले- बनेगा सनातन बोर्ड -काशी, मथुरा, संभल-तीनों लेंगे एक साथ!

Mahakumbh Dharma Sansad 2025: जैसा कहा गया था, किया भी गया. महाकुंभ में आये हुए हिंदू साधु-संतों ने धर्म संसद में सनातन बोर्ड बनाने की मांग की..

Mahakumbh Dharma Sansad 2025: जैसा कहा गया था, किया भी गया. महाकुंभ में आये हुए हिंदू साधु-संतों ने धर्म संसद में सनातन बोर्ड बनाने की मांग की.

देश भर के संत समाज ने धर्म संसद में सक्रिय दायित्वबोध का परिचय देते हुए सरकारी नियंत्रण हटाने और धर्मांतरण पर रोक की भी मांग की. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से वर्शिप एक्ट को समाप्त करने का भी आग्रह किया.

धर्म संसद में पारित हुए प्रमुख प्रस्ताव

प्रयागराज महाकुंभ के शुभ अवसर पर आयोजित धर्म संसद में आज हजारों की संख्या में साधु-संतों ने एकजुट होकर सनातन धर्म की रक्षा के लिए बहुत से महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे.

महाकुंभ में हुआ धर्म संसद का आयोजन
महाकुंभ में हुआ धर्म संसद का आयोजन

विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस धर्म संसद में सनातन बोर्ड बनाने की मांग की गई ताकि भारत के मंदिरों और उनकी संपत्तियों का संरक्षण संभव हो और इसके लिए एक स्वतंत्र निकाय का गठन किया जा सके.

साधु-संतों ने यह प्रस्ताव पूजा स्थलों पर सरकारी नियंत्रण को समाप्त करने और पूजा पद्धतियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देशे्य से उठाया है.

प्रवचनकार देवकीनंदन ठाकुर ने धर्मसंसद की मांग सामने रखी
प्रवचनकार देवकीनंदन ठाकुर ने धर्मसंसद की मांग सामने रखी
वर्शिप एक्ट के खात्मे की अपील

इस ऐतिहासिक धर्म संसद में जगद्गुरु विद्या भास्कर ने पीएम मोदी से वर्शिप एक्ट को संसद से हटाने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस एक्ट ने हिंदू धर्म का अपमान किया है और यह हमारे सनातनी धार्मिक अधिकारों के विरुद्ध है.

इसके साथ ही संत समाज ने सरकार को एक मांगपत्र भी भेजने का भी विचार किया है. इस विषय पर भी नारे लगाए गए – जैसे “संभल, मथुरा, विश्वनाथ, तीनों लेंगे एक साथ” और हिंदू समाज से एकता को सशक्त करने की अपील भी की गई.

Mahakumbh Dharma Sansad 2025
Mahakumbh Dharma Sansad 2025
मंदिरों में गोशाला और गुरुकुल चलाये जायें

धर्म संसद में एक और अत्यंत महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा गया कि देश के सभी प्रमुख मंदिर अपने प्रांगण में गोशाला स्थापित करें. इतना ही नहीं, मंदिरों के पैसों से गुरुकुल चलाये जायें और औषधालय बनाये जाएं.

प्रवचनकार देवकीनंदन ठाकुर ने इस विषय को उठाया और ये भी साफ कहा कि भगवान को क्या भोग चढ़ेगा, इसका निर्णय प्रशासन नहीं करेगा, ये निर्णय भक्तों और मंदिर प्रबंधन को करना है.

संगम तट पर महाकुंभ में धर्म संसद हुई ऐतिहासिक
संगम तट पर महाकुंभ में धर्म संसद हुई ऐतिहासिक
धर्मांतरण रोकें – निर्धन हिन्दू परिवारों को सहायता दें!

महाकुंभ में आयोजित इस ऐतिहासिक धर्म संसद ने धर्मांतरण रोकने का भी प्रस्ताव रखा. संतजनों ने गरीब हिंदू परिवारों को आर्थिक सहायता देने की आवश्यकता को सामने रखा और कहा कि उन्हें आर्थिक सहायता दे कर धर्मांतरण के दबाव से बचाया जा सकता है.

इसके अतिरिक्त सनातन धर्म के अंतर्गत विवाह को भी अधिक से अधिक बढ़ावा देने की बात भी उठाई गई, ताकि इस तरह समाज में सांस्कृतिक और धार्मिक एकता बनी रहे.

ये भी पढ़ें: Shri Ram: श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा: एक आध्यात्मिक और धार्मिक परंपरा

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