Manoj Joshi: अपने भाई राजेश जोशी के साथ सरफरोश फिल्म में काम करने वाले मनोज जोशी के अभिनय को उनकी प्रत्येक फिल्म में दर्शकों ने जम कर सराहा है..
आमिर खान की फिल्म “सरफरोश” में मनोज जोशी जी को काम कैसे मिला, यह कहानी बहुत ही रोचक है। आज मनोज जोशी जी का जन्मदिन है। 3 सितंबर 1965 को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में एक गुजराती परिवार में मनोज जोशी जी का जन्म हुआ था। मनोज जोशी जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देते हुए चलिए, अब वह कहानी जानते हैं कि कैसे मनोज जोशी जी “सरफरोश” फिल्म का हिस्सा बने।
1991 में प्रसारित हुए धारावाहिक “चाणक्य” में मनोज जोशी जी ने मंत्री श्रियक का किरदार निभाया था। उस किरदार को निभाने के बाद वे बहुत मशहूर हो गए थे। उसके बाद उन्होंने एनएफडीसी की “हूं हुंशी हुंशीलाल” नामक एक फिल्म में एक छोटा सा किरदार निभाया। और फिर कुछ और हिंदी और मराठी टीवी शोज़ में मनोज जोशी जी ने काम किया। यानी फिल्म इंडस्ट्री में मनोज जोशी उस समय तक थोड़े-बहुत मशहूर हो चुके थे। एक दिन मनोज जोशी को आमिर खान की ही फिल्म “रंगीला” में काम करने का ऑफर मिला।
चूंकि “रंगीला” का वह रोल एक पॉकेटमार (जेबकतरा) का रोल था और उस किरदार के मात्र दो ही सीन थे, इसलिए मनोज जोशी ने उसे निभाने से मना कर दिया। मनोज जोशी ने सिफारिश करके अपने भाई राजेश जोशी को वह रोल दिला दिया। इस तरह मनोज जोशी जी के छोटे भाई राजेश जोशी ने “रंगीला” में टिकट ब्लैकर और आमिर खान के दोस्त पक्किया का किरदार निभाया। आमिर, राजेश जोशी के काम से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने दो सीन वाले उनके किरदार को और लंबा करा दिया। आमिर की राजेश जोशी के साथ “रंगीला” में काम करने के दौरान अच्छी दोस्ती भी हो गई थी।
जब “सरफरोश” पर काम शुरू हुआ तो आमिर खान ने बाला ठाकुर के किरदार के लिए राजेश जोशी का ही नाम सुझाया। राजेश जोशी ने सोचा कि क्यों न अपने भाई मनोज जोशी को भी “सरफरोश” में कोई रोल दिला दिया जाए। वे मनोज जोशी को अपने साथ लेकर “सरफरोश” के डायरेक्टर जॉन मैथ्यू के घर गए। भाई के साथ जब मनोज जोशी जॉन मैथ्यू के घर में घुस रहे थे तो उन्हें याद आया कि यह तो वही घर है जहां वे और राजेश बचपन में फूल तोड़ने आया करते थे। वे थोड़ा चिंता में आ गए, कि कहीं कोई उन्हें पहचान न ले कि यह तो वही लड़का है जो कभी फूल तोड़कर ले जाता था।
खैर, मनोज जोशी और राजेश जोशी जब वहां जॉन मैथ्यू से मिले तो राजेश जोशी ने जॉन मैथ्यू को मनोज जोशी का एक नाटक देखने के लिए आमंत्रित किया। उस नाटक का नाम था “गांधी”। जॉन मैथ्यू ने उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया। जब मनोज जोशी और राजेश जोशी जॉन मैथ्यू के घर से बाहर निकल रहे थे तब जॉन मैथ्यू की मां ने मनोज जोशी को पहचान लिया। वह बोली, “यह तो वही है ना जो फूल तोड़कर ले जाता था? यह घर के अंदर कैसे आया?” कोई और बात होती उससे पहले ही जॉन मैथ्यू ने अपनी मां को समझाकर शांत कर दिया।
अगले दिन जॉन मैथ्यू मनोज जोशी का नाटक “गांधी” देखने गए। मनोज जोशी जी ने उस नाटक में गांधी जी के बड़े बेटे हरिलाल गांधी का किरदार निभाया था। जॉन मैथ्यू को मनोज जोशी का काम बहुत पसंद आया। उन्होंने मनोज जोशी की एक्टिंग की खूब तारीफ की। नाटक खत्म होने के बाद राजेश जोशी ने जॉन मैथ्यू से कहा कि क्या उनके भाई मनोज जोशी को भी “सरफरोश” में कोई रोल मिल सकता है? जॉन मैथ्यू मनोज जोशी की एक्टिंग से अब तक प्रभावित हो चुके थे। इसलिए उन्होंने राजेश जोशी से कहा कि यह इतने अच्छे एक्टर हैं कि फिलहाल तो इनके स्तर का कोई रोल “सरफरोश” में नहीं बचा है।
तब राजेश जोशी ने जॉन मैथ्यू से कहा कि क्यों न वह वह रोल मनोज जोशी को दे दें जो वह खुद कर रहे हैं, यानी बाला ठाकुर का रोल। जॉन मैथ्यू ने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उस रोल के लिए आमिर खान ने खासतौर पर तुम्हें लेने को कहा है। उस रोल में अब कोई और नहीं आ सकता। अगर मनोज जोशी वाकई में “सरफरोश” में काम करना चाहते हैं तो एक रोल है जिसे वे निभा सकते हैं। लेकिन वह बहुत छोटा सा रोल है। वह है सब-इंस्पेक्टर बज्जू का रोल।
चूंकि मनोज जोशी जी भी उस वक्त तक फिल्मों में काम करने का पूरा मन बना चुके थे, इसलिए उन्होंने जब सब-इंस्पेक्टर बज्जू का वह रोल सुना तो उसे निभाने की हामी भर दी। और इस तरह मनोज जोशी और उनके भाई राजेश जोशी, दोनों ने “सरफरोश” फिल्म में काम किया। मनोज जी के छोटे भाई राजेश जोशी अब इस दुनिया में नहीं हैं। “सरफरोश” रिलीज होने से पहले ही एक मोटरसाइकिल दुर्घटना में राजेश जोशी जी की दर्दनाक मौत हो गई थी।
(प्रस्तुति -अर्चना शेरी)