Manoj Kumar देशप्रेमी भी थे और संकल्प के धनी भी थे -ये घटना उनके इस मिजाज़ की ही एक मिसाल है..
मनोज कुमार सिर्फ हिंदी सिनेमा के एक मशहूर अभिनेता ही नहीं थे, बल्कि उन्होंने बतौर निर्माता और निर्देशक भी अपनी अलग पहचान बनाई थी। देशभक्ति और सादगी की मिसाल बन चुके मनोज कुमार ने फिल्मों के माध्यम से भारतीय दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। आज उनके निधन की खबर ने फिल्म इंडस्ट्री को शोक में डुबो दिया है।
उनके जीवन से जुड़ी कई प्रेरणादायक और रोचक कहानियां हैं, जिनमें से एक है जब उन्होंने आपातकाल (1975) के दौरान तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार का विरोध किया और एक लेखिका अमृता प्रीतम से सीधे सवाल पूछ लिया।
ठुकराया था सरकार का प्रस्ताव
आपातकाल के शुरुआती दिनों में भारत सरकार ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के जरिए मनोज कुमार से संपर्क किया। उनसे अनुरोध किया गया कि वे इमरजेंसी के समर्थन में एक डॉक्यूमेंट्री बनाएं। इसकी स्क्रिप्ट प्रसिद्ध लेखिका अमृता प्रीतम ने तैयार की थी, जिसे मनोज कुमार को भेजा गया। लेकिन उन्होंने बिना देरी किए इस प्रस्ताव को साफ़ इनकार कर दिया।
अमृता प्रीतम से किया तीखा सवाल
इसके बाद मनोज कुमार ने खुद अमृता प्रीतम को फोन किया और उनसे सवाल किया – “क्या आपने एक लेखक के रूप में खुद को बेच दिया है?”
यह बात सुनकर अमृता प्रीतम हतप्रभ रह गईं और शर्मिंदगी के साथ तुरंत माफी मांग ली। उन्होंने मनोज कुमार से कहा कि वे उस स्क्रिप्ट को फाड़कर फेंक दें। इस घटना का उल्लेख वरिष्ठ पत्रकार रंजन दास गुप्ता ने अपने लेख में किया है।
सरकार ने लगाई ‘दस नंबरी’ पर रोक
मनोज कुमार के इस साहसी फैसले के बाद, सरकार ने उनकी फिल्म ‘दस नंबरी’ पर प्रतिबंध लगा दिया। यह उनके लिए एक बड़ा झटका था, लेकिन वे झुके नहीं।
सरकार के खिलाफ लड़ी कानूनी लड़ाई
मनोज कुमार भारत के पहले और इकलौते फिल्म अभिनेता बने, जिन्होंने सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी और जीत भी हासिल की। अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया और ‘दस नंबरी’ को रिलीज करने की अनुमति दे दी। यह उनके साहस, ईमानदारी और दृढ़ निश्चय की मिसाल बन गया।
राज कपूर ने कहा – “यह लड़का तो मेरा रोल चुरा ले गया”
मनोज कुमार के करियर से जुड़ा एक और दिलचस्प किस्सा यह है कि उन्होंने राज कपूर की फिल्म ‘दीवाना’ (1967) में एक छोटी सी भूमिका निभाई थी। लेकिन जब फिल्म रिलीज हुई, तो दर्शकों ने उनकी एक्टिंग की खूब तारीफ की। इस पर राज कपूर ने हंसते हुए कहा था – “यह लड़का तो मेरा रोल चुरा ले गया।”
मनोज कुमार ने इसे अपने जीवन की सबसे बड़ी तारीफ माना था।