Modi meets Trump: मोदी की फ्रांस / अमेरिका यात्रा, अबकी बार राहुल गांधी टूल किट बनाने नहीं गये – डर गये ट्रंप से -लेकिन मोदी के लिए नफरत में कोई कमी नहीं है!
अक्सर ऐसा देखा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा से कुछ दिन पहले हर बार राहुल गांधी अमेरिका जाते थे और सुना जाता है वो वहां भारत विरोधी लोगों से, डीप स्टेट के लोगों से, पाकिस्तान के आतंकी चेहरों से और सोरोस गैंग के लोगों से मिलते थे और भारत की खुलकर निंदा ही नहीं करते थे बल्कि कोई न कोई टूल किट भी बनती थी और प्रमुख रोल उनके विदेश में बैठे गुरु सैम पित्रोडा का होता था.
लेकिन शायद यह मोदी की पहली यात्रा थी जिसके पहले राहुल गांधी अमेरिका नहीं गये और कोई रायता फैलाने की हिम्मत नहीं कर सके – लगता है ट्रंप से डर गये क्योंकि ट्रंप ने अपने देश में चल रहे विध्वंसकारी Deep State को बंद कर दिया और सोरोस, ओबामा और अनेक भारत विरोधी गायब हो गए – सैम पित्रोडा भी दिखाई नहीं दिया और न कोई उसका बयान आया –
लेकिन कांग्रेस और विपक्ष की मोदी के लिए नफरत जारी है, उन्हें किसी भी तरह कुछ न कुछ कमी निकालनी होती है – कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा है कि हम अमेरिका के लड़ाकू प्लेन्स खरीदने के लिए अरबों डॉलर खर्च कर रहे है लेकिन ट्रंप भारत को टेर्रिफ लगाने के लिए कोस रहा है जबकि ट्रंप ने भारत के विरुद्ध टेर्रिफ के बारे में कुछ नहीं कहा – उसने बस इतना कहा कि जो देश हम पर जैसा टेर्रिफ लगाएगा, हम भी उस पर वैसा ही लगाएंगे – इसमें भारत के खिलाफ क्या है.
दूसरी बात तिवारी की सुन लो, कह रहे हैं कि Tahawwur Rana भेजना काफी नहीं है, पाकिस्तान में बैठे हाफिज सईद को लाना चाहिए – भाई ये बता दो कि तुम्हारी सरकार ने क्या किया हाफिज को लाने के लिये ? तुम्हारे लोग तो उसे हाफिज सईद साहब और हाफिज जी कहते थे.
एक youtuber ने कहा कि ट्रंप मोदी का स्वागत करने white house के गेट पर नहीं आया लेकिन उसने यह नहीं देखा कि मोदी को बिठाने के लिए ट्रंप ने खुद कुर्सी सरकाई और जब तक मोदी बैठे रहे, ट्रंप खड़े रहे – यह क्या कम आदर है मोदी के लिए.
फ्रांस यात्रा के लिए कुछ नहीं मिला तो कहा गया कि Emmanuel Macro ने मोदी से हाथ नहीं मिलाया – ऐसे ऊलजलूल बयान देते हुए यह नहीं देखते कि Macro ने खुद आगे हाथ बढ़ा कर मोदी को गले लगाया और विदा करने के लिए प्रोटोकॉल के विरुद्ध वे स्वयं एयरपोर्ट आए – इतना ही नहीं भारत की पिनाका मिसाइल खरीदने में भी रूचि दिखाई और यह भारत के लिए गर्व की बात है कि ब्रह्मोस के साथ अन्य रक्षा उपकरण विदेशों को निर्यात हो रहे हैं.
अभी ट्रंप मोदी की बातों का विस्तार से बाहर आना बाकी है – अभी तो कांग्रेस को दर्द देने के लिए इतना बहुत है कि पाकिस्तान के आतंकवाद पर प्रहार की बात की गई और बांग्लादेश के लिए ट्रंप ने मोदी को खुली छूट दे दी – जैसे मर्जी इलाज करना है बांग्लादेश का वैसे करो ! अब शायद इसमें यह भी शामिल है कि जैसे अमेरिका अपने यहां से विदेशी घुसपैठियों को निकाल रहा है, भारत को भी बांग्लादेशी और रोहिंग्या को निकाल फेंकना चाहिए.
अभी यह सूचना अमेरिका से निकलना बाकी है कि Deep State ने भारत में किस-किस को कितना-कितना धन दिया.
इब्तिदा ए इशक है, रोता है क्या,
आगे आगे देखिए, होता है क्या
(सुभाष चन्द्र)
“मैं वंशज श्री राम का”